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मनपा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने कसी कमर

 विविध कार्यक्रमों के साथ ही पत्रवार्ताओं का दौर शुरू

  • लॉबींग व फिल्डींग के साथ ही जमकर हो रहे आरोप-प्रत्यारोप

अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – जैसे-जैसे मनपा के आगामी आमचुनाव का समय नजदिक आ रहा है, वैसे-वैसे शहर में राजनीतिक दलों की सक्रियता भी बढती दिखाई दे रही है और राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने अभी से अपने विरोधियों के खिलाफ खम ठोंकते हुए मतदताओं को आकर्षित करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों एवं विविध विषयों को लेकर पत्रकार परिषद का आयोजन करना शुरू कर दिया है. साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. जिसकी वजह से शहर में अब राजनीतिक वातावरण धीरे-धीरे गरमाने लगा है.
इस समय विपक्ष द्वारा सत्ता पक्ष को घेरने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत व्यक्तिगत शौचालय घोटाला, फाईबर टॉयलेट घोटाला तथा मल्टीयूटिलीटी रेस्क्यू वाहन घोटाला जैसे मामलों को उठाते हुए विपक्षी दल लगातार सत्ता पक्ष पर हमले कर रहे है. वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष द्वारा विपक्षियों के हमले का जवाब देने के साथ-साथ विपक्षियों को पलटवार करने की तैयारी की जा रही है. साथ ही साथ दोनों पक्षों द्वारा सर्वसामान्यों का ध्यान आकर्षित करने हेतु विविध आयोजन किये जा रहे है और एक के बाद एक पत्रकार परिषद भी बुलाई जा रही है, ताकि अपने पक्ष को मीडिया के जरिये जनता के सामने रखा जा सके.
बता दें कि, मनपा में सत्ताधारी दल भाजपा के 45 सदस्य है. वहीं विपक्ष में शामिल कांग्रेस के 15, एमआईएम के 10, शिवसेना के 7, बसपा के 5, युवा स्वाभिमान के 3, रिपाइं (आठवले) के 1 तथा 1 निर्दलिय सदस्य का समावेश है.
विगत दिनों पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने भाजपा छोडकर कांग्रेस में प्रवेश कर लिया. ऐसे में डॉ. देशमुख के समर्थक रहनेवाले कई नगरसेवक भी अब कांग्रेस में जायेंगे, यह पूरी तरह से तय है. जिनमें करीब 7 से 8 पार्षदों का समावेश है और वे अभी से कांग्रेस पार्षद के तौर पर व्यवहार करने लगे है. इसके साथ ही भाजपा से ही वास्ता रखनेवाले कई नगरसेवक विगत आठ-दस वर्षों के दौरान डॉ. देशमुख के नजदिकी हो गये. साथ ही वे अपनी पार्टी से असंतुष्ट चल रहे है, ऐसे पार्षदों द्वारा भी ऐन समय पाला बदल लिये जाने की संभावना है. जिसकी वजह से मनपा का अगला चुनाव आते-आते भाजपा में जबर्दस्त फूट दिखाई देने की संभावना है. इसके साथ ही कई मामलों को लेकर विपक्षी पार्षदों द्वारा मनपा के सत्ताधारी दल भाजपा को जमकर घेरने का प्रयास किया जा रहा है.

  • सभागृह नेता अकेले ही संभाल रहे मोर्चा

वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी दल भाजपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय फिलहाल अकेले ही मोर्चा संभाल रहे है, क्योंकि मनपा में पार्टी की ओर से उन जैसी बुलंद आवाज और प्रदीर्घ अनुभव फिलहाल किसी और के पास नहीं है. साथ ही अब तक तुषार भारतीय के साथ खडे रहनेवाले नगरसेवकों में से कई पार्षद अब अंदरखाने से विरोधियों में शामिल हो गये है और इन पार्षदों द्वारा विपक्ष को लेकर कोई आवाज नहीं उठायी जा रही. क्योंकि वे कांग्रेस की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते. वहीं भाजपा की ओर से जिन पार्षदों द्वारा विपक्ष के हमलों पर पलटवार किया जा रहा है, उन्हें कोई विशेष अनुभव नहीं है.

  • सत्ताधारी दल में ही हो गये दो गुट

इस समय मनपा में भाजपा की सत्ता है और जिस वक्त मनपा के आम चुनाव हुए थे, तब डॉ. सुनील देशमुख भाजपा में रहने के साथ ही शहर के विधायक भी थे. ऐसे में उन्होंने अपने कई समर्थकों को भाजपा की टिकट दिलवाकर पार्षद निर्वाचित करवाया था. किंतु विगत दिनों डॉ. सुनील देशमुख एक बार फिर कांग्रेस में वापिस लौट गये है. ऐसे में भाजपा की टिकट पर पार्षद निर्वाचित देशमुख समर्थकों द्वारा फिलहाल पार्टी में रहने के बावजूद पार्टी विरोधी भूमिका निभाई जा रही है. जिसकी वजह से अब सत्ताधारी दल में ही दो गुट बन गये है और भाजपा को विपक्षी दल कांग्रेस के साथ-साथ अपने साथ रहनेवाले देशमुख समर्थक पार्षदों के भी विरोध का सामना करना पड रहा है.

  •  वार्ड में विकास काम करने हेतु निधी की मांग

आगामी सात माह में अमरावती महानगरपालिका के आम चुनाव होनेवाले है. जिसे लेकर राजनीतिक वातावरण धीरे-धीरे गरमाने लगा है. विशेष रूप से जब मौजूदा पार्षद चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी बनकर वोट मांगने जायेंगे, तब उन्हें मतदाताओं द्वारा पांच वर्ष के दौरान किये गये कामों के बारे में पूछा जायेगा. ऐसे में विकास काम करने हेतु वॉर्डविकास व स्वेच्छा निधी दी जाये. ऐसी मांग अब सभी नगरसेवकों द्वारा उठाई जा रही है. इस समय केवल मनपा पदाधिकारियों को ही तत्कालीक निधी प्राप्त हुई है और सभी दलों के सामान्य पार्षदों को अब तक वॉर्डविकास व स्वेच्छा निधी का बडा हिस्सा प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में हर कोई जल्द से जल्द निधी प्राप्त करना चाहता है, ताकि अपने-अपने वॉर्डों में जल्द से जल्द विभिन्न विकास कामों का शुभारंभ कराया जा सके.

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