कैलास अजबे हत्याकांड के तीनों आरोपी बरी
फरवरी 2021 में करण बार के पीछे हुई थी हत्या
अमरावती/दि.2 – स्थानीय राजापेठ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत हमालपुरा परिसर में करण बार के पीछे 14 फरवरी 2021 को घटित कैलाश अजबे हत्याकांड के तीनों आरोपियों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय ने दोषमुक्त करार देते हुए हत्या के आरोप से बरी कर दिया है. इस मामले में आरोपियों की ओर से एड. राजेंद्र अग्रवाल एवं एड. अनिरुद्ध लढ्ढा ने सफलतापूर्वक पैरवी की.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक 13 फरवरी 2021 की शाम हमालपुरा निवासी कैलास आजबे (39) को उसके पडोस में ही रहने वाले सुनील माणिक आजबे (40) ने किसी बात को लेकर चिढाते हुए उसकी पत्नी को लेकर कुछ आपत्तिजनक बातें कही थी. जिसके बाद कैलास आजबे अगले दिन सुबह सुनील आजबे के घर पहुंचा तथा रात में कही गई बात को लेकर उससे सवाल-जवाब करने लगा, तो कैलास व सुनील के बीच जमकर झगडा हुआ. आरोप के मुताबिक इसी दौरान सुनील की मां रुख्मा माणिक आजबे (60) ने सिलबट्टे का बत्ता उठाकर कैलास के सिर पर दे मारा. जिससे कैलास नीचे गिर पडा, तभी सुनील ने कैलास के उपर बैठकर उसे चाकू के करीब 20 घाव मारे. वहीं इस दौरान सुनील की पत्नी रेनुका आजबे (35) ने सुनील पर लकडी के फट्टे से प्रहार किये. जिसके चलते कैलास आजबे की मौत हो गई. जिससे इस घटना की जानकारी मिलते ही राजापेठ पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा करने के साथ ही तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया तथा हत्या में प्रयुक्त हथियार सहित आरोपियों के खुन से सने कपडे भी जब्त किये. पश्चात मामले की जांच पूरी करते हुए अदालत में चार्जशीट पेश की गई. जहां पर मामले की सुनवाई दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह पेश किये गये. लेकिन उसमें भी कोई भी इस हत्याकांड का प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं था. ऐसे में अभियोजन पक्ष की दलीलों को काटते हुए बचाव पक्ष का कहना रहा कि, पुलिस द्वारा इस मामले में तीनों आरोपियों पर गलत इल्जाम लगाते हुए उन्हें बेवजह फंसाने का काम किया गया है. जबकि तीनों आरोपी का इस हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है.
मामले की सुनवाई पूरी करने के उपरान्त बचाव पक्ष की दलीलों को ग्राह्य मानते हुए प्रथम जिला व सत्र न्यायालय ने कैलास अजबे हत्याकांड में आरोपित किये गये तीनों आरोपियों को दोषमुक्त घोषित किया. साथ ही गिरफ्तारी से लेकर अब तक जेल में बंद रहने वाले सुनील अजबे को तुरंत रिहा करने का आदेश जारी किया. जबकि अन्य दोनों महिला आरोपियों को अदालत ने पहले ही जमानत दे दी थी.