कोरोना के साथ ही संक्रामक बीमारियों का भी खतरा
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अब तक 1 हजार से अधिक मरीजों का हुआ इलाज
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निमोनिया, टाईफाईड व डेंग्यू के कई मरीज मिले
अमरावती/प्रतिनिधि/दि.5 – अमूमन बारिश के मौसम में कई तरह की संक्रामक बीमारियां फैलती है और इस बार अक्तूबर माह में मान्सून की वापसी के दौरान अच्छीखासी बारिश हुई. ऐसे में अक्तूबर माह के दौरान भी सर्दी, खांसी, बूखार, डेंग्यू, निमोनिया व टाईफाईड जैसी बीमारियों का प्रभाव बना रहा. साथ ही अक्तूबर माह में ऐसी बीमारियों से पीडित करीब 100 मरीजोें की मौत हुई है. ऐसी जानकारी सामने आयी है. पता यह भी चला कि, जिला सामान्य अस्पताल में अकेले अक्तूबर माह के दौरान ही 15 हजार 454 मरीजों की ओपीडी में स्वास्थ्य जांच की गई. जिसमें से करीब 3 हजार मरीजों को इलाज हेतु भरती कराया गया. जिनमें से 125 मरीज टाईफाईड के पाये गये. साथ ही 315 लोगों की मलेरिया व 28 लोगों की डेंग्यू जांच की गई. इसके अलावा दो मरीजों में निमोनिया पाया गया और तीन मरीज श्वसन संबंधी बीमारियों से पीडित थे.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जारी वर्ष के दौरान मार्च माह से कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराता रहा और स्वास्थ्य महकमे का भी पूरा ध्यान कोरोना की बीमारी से संक्रमित मरीजों के इलाज पर लगा रहा. इस दौरान कोरोना सदृश्य लक्षण रहनेवाले सारी व ईली नामक बीमारियों ने भी जमकर पांव पसारे. जिसके मद्देनजर किसी भी तरह के वायरल व संक्रामक बीमारी से पीडित मरीजों की पहले कोरोना टेस्ट करवाया जाना अनिवार्य किया गया था. जिसमें से कई मरीजों के कोरोना संक्रमित पाये जाने के चलते उन्हें कोविड अस्पतालों में भरती कराया गया.
लेकिन अब धीरे-धीरे कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार काफी कम हो गयी है और कोरोना के अलावा डेंग्यू, मलेरिया, निमोनिया व टाईफाईड जैसी बीमारियों से संक्रमित मरीज पाये जाने लगे है. ऐसे में फिलहाल स्वास्थ्य महकमे की चिंताएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही. वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के आने का खतरा भी बदस्तुर बना हुआ है. जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे द्वारा लगातार लोगोें से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का आवाहन किया जा रहा है.
कोरोना की सेकंड वेव आना तय
हम सभी लोगोें को यह बात समझनी होगी कि, कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि संक्रमण की रफ्तार कुछ हद तक कम हुई है. इस समय कई पश्चिमी देशों सहित अपने देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर आ चुकी है, जो पहले से अधिक खतरनाक है. ऐसे में यदि सबकुछ ऐसे ही चलता रहा, तो अमरावती में भी 15 से 20 दिसंबर के आसपास कोरोना की सेकंड वेव आ सकती है. जिसके चलते इसे टालने हेतु हम सभी को अभी से सजग व सतर्क रहना होगा. जहां तक मौसमी बूखार का मसला है, तो यह अपने आप में बेहद सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इस बार इसे भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है. बल्कि सर्दी, खांसी, बूखार आदि से पीडित लोगोें ने तुरंत ही अपनी कोरोना जांच करवानी चाहिए. साथ ही अपने घरों व परिसर की साफसफाई पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि संक्रामक बीमारियां फैलानेवाले मच्छरों का प्रादुर्भाव न हो.
– डॉ. विजय बख्तार
ठंड में सेहत को बचाना और बनाना जरूरी
अमूमन ठंड के मौसम में तापमान के गिरते ही बारिश के समय पनपनेवाले मच्छर, वायरस व बैक्टेरिया अपने आप मर जाते है तथा मौसमी बुखार भी बिदा हो जाते है. हालांकि बारिश व ठंडी के मौसम के बीच वातावरण में होनेवाले बदलाव की वजह से लोगोें को सर्दी, खांसी व बुखार जैसी दिक्कतों का कुछ हद तक सामना जरूर करना पडता है, लेकिन इसका प्रमाण काफी कम होता है. वहीं दूसरी ओर ठंड के मौसम को सेहत बनाने और स्वास्थ्य को संवर्धित करने का समय माना जाता है. ऐसे में लोगों ने अब संक्रामक बीमारियों के भय को लेकर डरना नहीं चाहिए, बल्कि ठंड के मौसम में अपने स्वास्थ्य को लेकर और अधिक सजग व सचेत रहना चाहिए. इस समय विशेष रूप से अस्थमा, ब्लड प्रेशर, पक्षाघात व हृदयरोग जैसी समस्याओं से जूझनेवाले मरीजों को काफी अधिक सावधानियां बरतनी चाहिए.
– डॉ. प्रफुल्ल कडू