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ऑक्सीजन की कमी के चलते गयी अमर तरडेजा की जान

दयासागर अस्पताल की अक्षम्य लापरवाही सामने आयी

  • ऑक्सीजन सिलेंडर से मास्क तक नहीं पहुंच रही थी कृत्रिम ऑक्सीजन

  • वॉल्व खराब होने से हो रहा था लीकेज

  • कोमा में चले गये थे अमर तरडेजा, सुपर में शिफ्ट करने के बाद हुई थी मौत

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२८– विगत दिनों कोरोना संक्रमित हो जाने के चलते इलाज हेतु अस्पताल में भरती कराये गये युवा स्वाभिमान पार्टी (Swabhiman Party) के पदाधिकारी व होटल दिल्ली दरबार के संचालक अमर तरडेजा (Amar Tardeja) (३५, दस्तुर नगर) की मौत हो गयी थी. इस मामले में अब यह जानकारी सामने आयी है कि, दयासागर अस्पताल में शुरू किये गये निजी कोविड हॉस्पिटल की एक गंभीर चूक और अक्षम्य लापरवाही की वजह से अमर तरडेजा की जान गयी. बता दें कि, अमर तरडेजा को इलाज के लिए दयासागर अस्पताल के कोविड हॉस्पिटल (Covid Hospital) में भरती कराया गया था. जहां के आयसीयू में अमर तरडेजा को वेंटिलेटर (Ventilator) पर रखा गया था. लेकिन मंगलवार की रात डेढ बजे के आसपास ऑक्सीजन सिलेंडर पर लगा वॉल्व खराब हो गया. जिससे वेंटिलेटर पर रखे गये अमर तरडेजा के चेहरे पर लगाये गये मास्क (Mask) तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही है, बल्कि वॉल्व के पास से ही ऑक्सीजन का लिकेज हो रहा था और सिलेंडर खाली हो रहा था.
पूरी रात पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से बुधवार की सुबह तक अमर तरडेजा कोमा में चले गये और लगातार बिगडती हालत के चलते उन्हें बुधवार की सुबह ११ बजे सुपर स्पेशालीटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) के कोविड हॉस्पिटल में भरती कराया गया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ और बुधवार की दोपहर ही अमर तरडेजा की कोविड हॉस्पिटल में मौत हो गयी. बता दें कि, दयासागर (Daysagar) के कोविड अस्पताल में आठ बेड का आयसीयू है. जिसमें २० बेड ऑक्सीजन के है और ३ बेड पर वेंटिलेटर का प्रबंध है.
मंगलवार की रात इस आयसीयू वॉर्ड में ऑक्सीजन बेड पर १४ कोरोना संक्रमित मरीज भरती थे, जबकि केवल अमर तरडेजा को ही स्थिति गंभीर रहने के चलते वेेंटिलेटर (Ventilator) पर रखा गया था. लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर पर लगाये गये वॉल्व में लिकेज रहने के चलते वेंटिलेटर के नोजल से जितनी ऑक्सीजन मिलनी चाहिए थी, अमर तरडेजा उतनी ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी. अमर तरडेजा की स्थिति बिगडने की बात ध्यान में आते ही तत्काल अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया. किन्तु वॉल्व से लिकेज की समस्या फिर भी बनी रही. जिसके चलते अमर तरडेजा के शरीर में ऑक्सीजन का प्रमाण लगातार कम होता चला गया और वे बुधवार की सुबह तक कोमा में चले गये. पश्चात अमर की गंभीर हालत को देखते हुए सुपर स्पेशालीटी के डॉ. रवि भूषण को बुलाकर उनकी जांच की गई और अमर को सुपर स्पेशालीटी में रेफर करने के बारे में तरडेजा परिवार को सुचित किया गया. लेकिन सुपर स्पेशालीटी में शिफ्ट करने के बाद भी अमर तरडेजा को बचाया नहीं जा सका.

  •  दो-तीन दिनों से जारी थी लिकेज की समस्या

इस संदर्भ में दयासागर अस्पताल की वैद्यकीय अधिक्षक डॉ. रचिता से बात करने पर पता चला कि, ऑक्सीजन सिलेंडर का वॉल्व खराब होने की वजह से लिकेज की समस्या दो-तीन दिनों से चल रही थी. जिसके कारण ऑक्सीजन लेवल कम हो रही थी. हालांकि दयासागर अस्पताल प्रबंधन ने कोविड वॉर्ड में भरती मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोडी. इसी क्रम में रात १ बजे से सुबह ११ बजे तक यहां पर कुल ७० ऑक्सीजन सिलेंडर लग गये, लेकिन चूंकि सिलेंडर पर लगे वॉल्व से ही लिकेज था, जिसकी वजह से वेंटिलेटर के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पायी. यहीं वजह रही कि, वेंटिलेटर पर रखे गये अमर तरडेजा की हालात लगातार बिगडती चली गयी.

  • सुपर में विफल रहे तमाम प्रयास

इस संदर्भ में सुपर स्पेशालीटी अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. रवि भूषण ने बताया कि, बुधवार की सुबह ११ बजे जब अमर तरडेजा को दयासागर से सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में लाया गया, तब वे कोमा में जा चुके थे. इसके बाद उन्हें सुपर स्पेशालीटी के वेेंटिलेटर पर रखते हुए उनकी ऑक्सीजन लेवल को ७० से ८० प्रतिशत की लेवल पर लाया गया. और उन्हें बचाने के तमाम प्रयास किये गये. लेकिन इसके बावजूद अपरान्ह ३ बजे अमर तरडेजा ने वेंटिलेटर पर ही दम तोड दिया.

  • शहर में रोष व संताप की लहर

शहर के ख्यातनाम युवा उद्योजक तथा सामाजिक कार्यकर्ता अमर तरडेजा के साथ दयासागर अस्पताल में हुई इस अक्षम्य लापरवाही की बात उजागर होते ही युवा स्वाभिमानियों सहित शहरवासियोें में रोष व संताप की लहर व्याप्त है. तथा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग जोर पकड रहीं.

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