अमरावती की कलावती फिर संसद में गूंजी
* बच्चू कडू बीच में कूदे ‘भाजपा और शाह झूठ बोल रहे’
अमरावती/दि.11- 15 साल पहले 2008 में राहुल गांधी के विदर्भ दौरे के समय यवतमाल के आत्महत्याग्रस्त किसान की पत्नी कलावती बांदुरकर की झुग्गी को भेंट दी थी. आत्महत्या की परिस्थिति जानी थी. राहुल गांधी की वह भेंट संसद में कलावती का विषय आने से फिर चर्चा हो रही है. इस भेंट के कारण कलावती का जीवन बदल गया था. देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इस संदर्भ में चर्चा करते हुए दावा किया था कि कलावती को हमने मदद की. उपरांत कलावती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही उन्हें सहायता दी थी. अब राजकीय आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं. प्रहार के विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू ने भी कुछ कहा है.
* वह कलावती उत्तराखंड की
विधायक कडू ने इस विवाद में छलांग लगात हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह जिस कलावती का उल्लेख कर रहे हैं वह उन्हें उत्तराखंड की रहनेवाली बताई है. शाह ने मुद्दा उठाया पर वह औंधे मुंह गिरा. झूठ बोलो, किंतु बार-बार बोलो ऐसा हो गया है. इतने छोटे विषय पर लोकसभा में कहना और वह भी झूठ कहना चिंता का सबब है. इससे भाजपा का ही नुकसान है.
* प्रहार ने बनाया था मकान
कलावती के चर्चित होने के बाद उनकी सहायता के लिए अनेक दल, संगठन, संस्थाएं दौड पडी थी. बच्चू कडू के प्रहार संगठन ने भी कलावती परिवार को काफी मदद की. उन्हें घर बनाकर दिया था. अन्य प्रकार से भी मदद की गई.
* राहुल ने पी थी चाय
यवतमाल जिले के मारेगांव के जलका निवासी परशुराम बांदुरकर ने फसल खराब होने और कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की थी. राहुल गांधी ने 2008 में विदर्भ यात्रा दौरान अचानक जलका ग्राम पहुंचकर आत्महत्या करने वाले किसान की पत्नी कलावती के झोपडी को भेंट दी. उनके घर चाय भी पी. फिर सदन में राहुल ने आत्महत्याग्रस्त किसान परिवार की व्यथा भी रखी. संसद में इस चर्चा के कारण ही कलावती देशभर में ख्यात हुई.
* अब टैक्स पेयर हैं कलावती
14 वर्षो में कलावती का जीवन काफी बदल गया है. उन्हें सुलभ इंटरनेशनल ने 25 लाख रुपए की एफडी दी थी. जिसका टैक्स काटकर प्रतिमाह 15 हजार रुपए ब्याज उन्हें मिलता है. उसी प्रकार उनकी कुल कमाई प्रतिमाह 50 हजार से अधिक हो गई है. कलावती के बडे बेटे की दुर्घटना में मृत्यु हो गई. छोटा बेटा इलेक्ट्रानिक इंजीनियर है. जिसके लिए वे नौकरी मांगने भी राहुल गांधी से मिल चुकी हैं.