
* विदर्भ में तेज लू, सडकें, बाजार दोपहर में सुनसान
अमरावती/दि.15– तेज हीटवेव का आलम विदर्भ में बना हुआ है. पश्चिम विदर्भ का एरिया तो मानो आग की भट्टी पर बैठ गया है. इस कदर आसमान से आग बरसने के अंदाज में अमरावती का पारा भी 45 डिग्री के पार हो गया. अकोला 45.5 डिग्री के साथ सर्वाधिक गर्म रहा. उससे थोडा नीचे अमरावती का अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री दर्ज होने की जानकारी मौसम वैज्ञानिक प्रा.डॉ. अनिल बंड ने दी. उधर लू के कारण दोपहर में सोमवार होने के बावजूद बाजार और सडकें वीरान नजर आए. बहुत आवश्यक होने पर ही लोगबाग घरों से बाहर निकल रहे हैं. पूरे पश्चिम विदर्भ में सभी शहरों का अमूमन यही नजारा है. बुलढाणा मेें 40.8, वाशिम में 40, यवतमाल में 43.5 डिग्री अधिकतम पारा रिकॉर्ड किया गया. नागपुर 44.3, वर्धा 44.9, गोदिंया 42.5 डिग्री रहा है. साफ है कि समूचा विदर्भ तेज धूप में उबल रहा है.
* बदली सभी की दिनचर्या
सुबह 11 बजते ही धूप के चटके लगने के कारण सुबह सवेरे जल्दी जरुरी कामकाज निपटाए जा रहे हैं. लोगों की दिनचर्या बदल गई है. दोपहर को बच्चों को बिल्कुल बाहर नहीं जाने दिया जा रहा. बडे भी बहुत आवश्यक कार्य होने पर ही बाहर निकल रहे हैं. काम पूरा कर घर, दफ्तरों में लौट रहे.
* टोपी, दुपट्टा और बदला खान-पान
टोपी, दुपट्टा और सनग्लासेस का सहारा धूप से बचाव हेतु लिया जा रहा. ऐसे ही भरपूर शीतल पेय का उपयोग हो रहा है. भोजन आदि में दही, रायता, कैरी पना का समावेश हो रहा है. विवाह प्रसंगों में भी मठ्ठा और कैरी पना को भोजन में शामिल किया जा रहा. कच्चा प्याज और नींबू के सेवन पर जोर है. कच्चा प्याज जेब में भी रखने से लू नहीं लगती, ऐसी अधिकांश की मान्यता है. बावजूद इसके दोपहर को प्रमुख बाजार में और सडकों पर कोई नजर नहीं आ रहा.
* धूप अधिक महसूस हो रही
ऐसा नहीं है कि पश्चिम विदर्भ में पारा पहली बार 45 डिग्री के पार पहुंचा है. पहले भी गर्मी ऐसी ही सताती रही है. इस बार अप्रैल में बेमौसम बारिश का सीजन लंबा खिंच गया था. जिसके कारण मई के पहले सप्ताह से ही तेजी से बढते तापमान ने विदर्भ के लोगों को भी हलकान कर छोडा है. हर कोई चाय और अन्य गर्म पेय से दूरी बनाकर अब लस्सी, शरबत, रुहअफजा, रसना, कैरी पना की चाहत कर रहा है. अभी तो आधा मई बाकी है. जिसमें नवतपा इस बार जमकर तपने की आशंका जताई जा रही है.
* उष्मघात से बचाव के उपाय
मनपा और जिला प्रशासन ने आसमान से बरसती आग के कारण उष्मघात से बचाव के उपाय बताए हैं. ऐसे ही मनपा के लाल दवाखाना और जिला सामान्य अस्पताल में विशेष कक्ष तैयार किए गए है जहां संभावित उष्मघात पीडितों का उपचार होगा.
* उष्मघात के लक्षण
प्रशासन ने उष्मघात के लक्षण भी बताए है. त्वचा रुखी होकर उल्टी होती है, जुलाब होते है, कमजोरी महसूस होती है, थकान लगती है, सिरदर्द होता है, चक्कर आते है, दिल की धडकन तेज हो जाती है. ऐसी किसी भी स्थिति में तुरंत चिकित्सक के पास जाने की सलाह प्रशासन ने दी है.
* सभी तरफ पारा चढा
सूरज ने आंखें तरेर रखी है. जिसके कारण प्रदेश के अधिकांश हिस्से में हीटवेव की स्थिति है. पुणे के भी कुछ भागों में पारा 42 डिग्री पार हो गया. हाल के वर्षो में पुणे में तेज धूप पडती है. जलगांव, मालेगांव, परभणी, बीड में 42-43 डिग्री के साथ लोग परेशान हो गए है. हालांकि सेवानिवृत्त मौसम अधिकारी माणिकराव खुले ने यह कहकर राहत दी है कि, अगले पांच दिनों में मराठवाडा और उत्तर महाराष्ट्र में पारा 2 से 3 डिग्री लुढकेगा.