अमरावतीमुख्य समाचार

बुखार में तप रहा अमरावती जिला

डेंग्यू के 79 पॉजीटीव, 437 संदेहित

  • मलेरिया के भी 9 मरीज पाये गये

  • तेजी से पांव पसार रही है मौसमी बीमारियां

अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – जिले में इस समय अनेकों लोग विभिन्न तरह के बुखार से तप रहे है और सभी दवाखाने मरीजों से भरे हुए है. इस समय जहां एक ओर कोविड की संक्रामक महामारी लगभग नियंत्रण में आ चुकी है. वहीं दूसरी ओर बुखार सहित डेंग्यू व चिकन गुनिया तथा मलेरिया की बीमारियां तेजी से पांव पसार रही है. इस समय तक अमरावती जिले में डेंग्यू के 437 संदेहित मरीज पाये जा चुके है. जिनमें से 79 मरीजों में डेंग्यू संक्रमण रहने की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा बाहरी जिले का भी एक मरीज डेंग्यू संक्रमित पाया जा चुका है. जिसके चलते जिले में डेंग्यू संक्रमितों की संख्या 80 पर जा पहुंची है. इसके अलावा इस समय जिले में मलेरिया के भी 9 मरीज पाये जा चुके है और कई मरीजों में टाईफाईड के भी लक्षण दिखाई दे रहे है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, समूचा जिला संक्रामक बीमारियों की चपेट में है और बुखार से तप रहा है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, मौसमी बीमारियों का प्रादुर्भाव किसी एक विशिष्ट इलाके में नहीं है, बल्कि जिले के लगभग सभी तहसील व ग्रामीण क्षेत्रों में इस बीमारी का सम-समान असर देखा जा रहा है. ऐसे में जिले में चहुंओर साफ-सफाई के कामों सहित किटनाशक दवाईयों का छिडकाव किया जाना बेहद जरूरी हो चला है. साथ ही स्वास्थ्य जनजागृति अभियान चलाये जाने की भी सख्त जरूरत है और नागरिकों द्वारा इन बीमारियों से बचे रहने हेतु पानी को उबालकर पीने तथा अपने घर-परिसर में साफ-सफाई रखने की भी आवश्यकता है, ताकि संक्रामक बीमारियां फैलानेवाले मच्छर एवं कीडे-मकोडे न पनप पाये.

  • दंड करना ही उपाय नहीं

प्रति वर्ष बारिश के मौसम में कीटकजन्य व वर्षाजनित बीमारियों का बडे पैमाने पर प्रादुर्भाव होता है. जिसके मद्देनजर प्रशासन द्वारा प्रतिवर्ष बडे पैमाने पर प्रतिबंधात्मक उपायों का नियोजन किया जाता है और प्रतिवर्ष बडे पैमाने पर जनजागृति की जाती है. साथ ही घर-घर जाकर स्वास्थ्य व स्वच्छता सर्वेक्षण भी किया जाता है. इसके तहत जिन लोगों के घरों में लार्वा व डेंग्यू मच्छर पाये जाते है, उन पर दंड भी लगाने का प्रावधान है. लेकिन दंड लगाना भी इस समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करते हुए स्वच्छता अभियान के साथ जोडा जाना बेहद जरूरी है. इस समय बारिश का मौसम शुरू हुए करीब दो माह बीत चुके है. इसके बावजूद लोगों ने अपने घरों के कूलर बंद नहीं किये, बल्कि उपयोग में नहीं लाये जा रहे कूलर की टंकियों में पानी जस का तस भरा हुआ है. इसी पानी में डेंग्यू मच्छरों की पैदावार होती है. अत: नागरिकों को सप्ताह में एक दिन सूखा दिवस पालन करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए.

  •  टाईफाईड भी उठा रहा सिर

विषमज्वर यानी टाईफाईड भी एक तरह से संक्रामक बीमारी है तथा मरीज के मलमूत्र से सालमुनेला टाईफी नामक विषाणु हवा में फैलते है और अन्य लोगों तक पहुंचते है. टाईफाईड से ठीक हो चुके मरीज भी इस विषाणु के वाहक होते है और करीब तीन माह तक अपने संपर्क में आनेवाले अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकते है. अत: टाईफाईड संक्रमण की चपेट में आ चुके लोगों ने काफी अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए.

 

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डेंग्यू को रोकने के लिए घरों में साफ-सफाई और सूखा रहना बेहद आवश्यक है. पानी के बर्तनों को पूरी तरह सूखाने और पोंछने के बाद ही प्रयोग में लाया जाना चाहिए. इसके अलावा सप्ताह में एक दिन पूरी तरह से सूखा रखना चाहिए और एडीसइजिप्ती नामक मच्छर सहित अन्य सभी मच्छरों की पैदावार रोकने के लिए फवारणी व धुवारणी करना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नागरिकों द्वारा भी तमाम आवश्यक प्रतिबंधों के लिए जागरूक रहना चाहिए.
डॉ. श्यामसुंदर निकम
जिला शल्य चिकित्सक, अमरावती.

बारिश के मौसम में बडे पैमाने पर कीटकजन्य बीमारियां फैलती है. ऐसे में ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों व नगरपालिकाओं सहित महानगर पालिका को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में रोजाना सर्वे करने के निर्देश दिये गये है.
–  डॉ. एस. एन. जोगी
जिला मलेरिया अधिकारी

  •  जिले में डेंग्यू मरीजोें के तहसीलनिहाय आंकडे

तहसील                संदेहित        पॉजीटीव
मनपा क्षेत्र                87              17
अमरावती ग्रामीण     113             29
अचलपुर                 118             18
चांदूर बाजार              32             07
तिवसा                     31             04
मोर्शी                       21             05
चांदूर रेल्वे                16             03
चिखलदरा                15             06
धारणी                     10             02

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