अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
४ अक्तूबर को होगा मतदान
-
कल से नामांकन पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया होगी आरंभ
अमरावती/दि.३० – स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के आम चुनाव कार्यक्रम की घोषणा चुनाव निर्णय अधिकारी तथा प्रादेशिक उपसंचालक डॉ. महेंद्र चव्हाण ने की है. २१ संचालक पद के लिए चुनाव लिए जाएंगे. इसके लिए ३१ अगस्त से ६ सितंबर तक नामांकन पर्चा खरीदने और दाखिल करने की प्रक्रिया होगी. प्राप्त नामांकन पर्चों की सूची ३१ अगस्त से ६ सितंबर तक प्रकाशित की जाएगी. प्राप्त नामांकन पर्चो की छननी ७ सितंबर की दोपहर १२ बजे होगी. ८ सितंबर से २२ सितंबर की दोपहर ३ बजे तक नामांकन पर्चा वापिस लिए जा सकेंगे. इसके बाद २३ सितंबर को उम्मीदवारों को चुनाव चिन्हों का वितरण किया जाएगा व इसी दिन दोपहर ३ बजे चुनाव लढ़नेवाले उम्मीदवारों की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी. ४ अक्तूबर की सुबह ८ से शाम ५ बजे तक चुनाव लिए जाएंगे. ५ अक्तूबर को मतगणना की जाएगी और चुनावी परिणाम घोषित किए जाएंगे.
जिला बैंक के घोषित चुनावी कार्यक्रम के अनुसार प्राथमिक कृति पत आपूर्ति वि.का.स/ सेवा सहकारी संस्था के अलावा आदिवासी सेवा सहकारी संस्था के १४ तहसीलों की १४ सीटो, आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र के अनुसूचित जाति-जनजाति से एक, अन्य पिछडावर्गीय निर्वाचन क्षेत्र से एक, विमुक्त जाति/भटकी जनजाति अथवा विशेष पिछडा प्रवर्ग निर्वाचन क्षेत्र से एक, महिला आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से दो, अन्य कृषि, संस्था, कृषि पणन, कृषिमाल प्रक्रिया संस्था, व्यक्तिगत भागधारक निर्वाचन क्षेत्र से एक, नागरी बैंक, ग्रामीण बिगरशेती पत, नागरी पत संस्था, अमरावती जिला कृषि, ग्राहक सहकारी संस्था, ग्राम बलुतेदार संस्था, और अन्य सहकारी संस्था निर्वाचन क्षेत्र से एक कुल २१ संचालक चुनकर दिए जाएंगे.
नामांकन पर्चा भरने के लिए १०० रुपए शुल्क
सर्वसाधारण उम्मीदवारों को २००० रुपए,
अनुसूचित जाति जनजाति उम्मीदवारों के लिए ५०० रुपए शुल्क रखा गया है.
सरकारी अवकाश के दिन बंद रहेगा काम
-
नितीन हिवसे की याचिका पर ३ सितंबर को सुनवायी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला बैंक के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई व १३ अगस्त को बैंक की अंतिम मतदाता सूची घोषित की गई. संविधान की धारा ९७ के तहत गुजरात के राजेश शाह नामक व्यक्ति ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी व हाईकोर्ट के संविधान पीठ ने दुरूस्ती रद्द करने के आदेश दिए थे. जिला बैंक के तत्कालीन संचालक नितीन हिवसे ने अमहमदाबाद जाकर राजेश शाह से मुलाकात की और पूरे मामले की जानकारी हासिल की. इसके अलावा सभी दस्तावेज जमा कर मुंबई हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की. जिस पर मुंबई उच्च न्यायालय ने २०१५ में निबंधकों के २१ सदस्यीय संख्याबल के आदेश को स्थगिति दी. इसी दरम्यिान बैंक के तत्कालीन संचालक नितीन हिवसे ने कुछ संचालकों के निर्णय का सहारा लेकर सुप्रीम कोर्ट में दौड लगायी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पहले हाईकोर्ट में जाने की सलाह दी. जिसके बाद नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई. इस पर सुनवाई करते हुए नागपुर खंडपीठ ने जिला उपनिबंधन के २१ सदस्यीय संख्याबल के आदेश को स्थगिति दी. इसके अलावा राज्य सरकार को अपना जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया. जिससे अब राज्य सरकार की ओर से जवाब लिया जाएगा. बैंक के तत्कालीन संचालक नितीन हिवसे की याचिका पर नागपुर खंडपीठ में ३ सितंबर को सुनवायी निर्धारित की गई है.