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अमरावती लोकसभा : शिवसेना की तैयारी

फिलहाल केवल दो नाम पर शिवसेना बैठक में चर्चा !

* अभ्यंकर और दिनेश बूब
* सुषमा अंधारे का अमरावती से लडना संभव नहीं
* पारंपरिक सीट किसी हाल में नहीं छोडेगी सेना
* नवनीत के उद्धव से सीधे टकराव के चलते अमरावती सीट पर शिवसेना गंभीर
* अभ्यंकर ने प्रचार और संपर्क शुरु किया
अमरावती/दि.18 – शिवसेना उबाठा पार्टी के जिला पदाधिकारियों की बैठक गत रोज मुंबई में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में सेना भवन दादर में हुई. जिसमें अमरावती संसदीय क्षेत्र को लेकर संभावित नामों पर चर्चा होने और उसमें ज. मो. अभ्यंकर तथा दिनेश बूब के नाम रहने की पक्की खबर है. शिवसेना अमरावती की सीट को लेकर गुरुगंभीर है. यहां की मौजूदा सांसद नवनीत राणा व्दारा सीधे उद्धव ठाकरे से टक्कर लेने के कारण चुनाव से साल भर पहले ही पार्टी ने तैयारी शुरु कर दी है. मशाल निशानी लेकर उबाठा सेना का प्रत्याशी अमरावती से लोकसभा के मैदान में रहेगा, यह भी कमोवेश तय है. अपनी पारंपरिक सीट सेना किसी हाल में मविआ में रहते हुए भी नहीं छोडेगी, इस बात के स्पष्ट संकेत पार्टी के संपर्क प्रमुख और सहसंपर्क प्रमुख के साथ सभी वरिष्ठ नेता दे रहे हैं.
* हर हाल में जलानी है मशाल
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिवसेना उबाठा के जिला पदाधिकारियों को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह भी निर्देश दिए कि, अमरावती सीट पर मशाल हर हाल में जलानी है. इसलिए बैठकों का दौर शुरु हो गया है. पार्टी ने अपनी फायर ब्रांड नेता, तेजी से उभरती सुषमा अंधारे की अनेक सभाएं आयोजित की है. यह यहां से पार्टी की तैयारियों और संसदीय चुनाव लडने की दृढता का द्योतक माना जा रहा है.
* अंधारे के दौरे
सोशल मीडिया और कुछ उत्साही प्रिंट मीडिया ने भी अमरावती से सुषमा अंधारे को उबाठा सेना की उम्मीदवारी का शगूफा छोडा है. किंतु वह एनटी होने से अमरावती की सीट एससी रिर्जव होने से यहां से सुषमा अंधारे नहीं लड सकती, ऐसा कहा जा रहा है. अंधारे के अमरावती दौरे हालांकि बढ गए है. उन्होंने बडनेरा, वलगांव अंजनगांव और चांदूर रेलवे में सभाएं ली. उनकी सभी सभाएं हीट रही. उन्होंने सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति पर व्यक्तिगत हमले भी किए. खास बात यह है कि, राणा दंपति ने सुषमा अंधारे के आरोपो और प्रहार का कोई जवाब नहीं दिया है. यह बात कई लोगों को हैरत में भी डाल गई. बहरहाल उबाठा सेना के लिए अब अमरावती भले ही एससी आरक्षित संसदीय क्षेत्र खुला हो गया है. इसलिए वह तगडी तैयारी कर रही है.
* उबाठा सेना को मौका
यद्यपि शिवसेना उबाठा द्बारा अभी से ही आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर अपनी तैयारियां शुुरु करते हुए संभावित प्रत्याशियों के नाम टटोले जा रहे हैं. भाजपा सेना युति के दौरान अमरावती संसदीय सीट सेना के कोटे से हैवीवेट कहे जाते आनंदराव अडसूल को उतारना पडता. किंतु अडसूल के शिंदे गुट में चले जाने से शिवसेना खुली हो गई है. उसके पास अमरावती की आरक्षित सीट से नया प्रत्याशी देने का मौका है. हालांकि आघाडी में शामिल कांग्रेस व राकांपा की ओर से भी अपना दावा ठोका जा सकता है. कांग्रेस इस सीट पर दर्यापुर के विधायक बलवंत वानखडे को प्रत्याशी बना सकती हैं. लेकिन वानखडे के लिए लोकसभा चुनाव दूर की कौडी लगता है. वहीं दूसरी ओर उबाठा सेना अमरावती से दावा कतई नहीं छोडने वाली. इसके अनेकानेक कारण हैं. अमरावती धनुष्य बाण का गढ रहा है. यहां शिवसैनिक अपनी पार्टी के लिए जी-जान से जुटे रहते हैं. देखा जाए तो पूरे पश्चिम विदर्भ में ही शिवसेना का सदैव बोलबाला रहा है. इसलिए पश्चिम विदर्भ के मुख्यालय अमरावती की सीट पर उबाठा सेना दावा छोडेगी, यह किसी भी स्थिति में दिल मानने तैयार नहीं.

* बूब व अभ्यंकर के नाम पर बंटे दिखे पदाधिकारी
अमरावती की प्रतिष्ठापूर्ण संसदीय सीट के लिए सभी राजनीतिक दल अपने प्लान बना रहे हैं. दलों को मालूम है कि लोकसभा के मतदान के लिए अब 12 माह से कम समय रह गया है. अमरावती भाजपा के पदाधिकारी चर्चा के लिए पुणे राज्य कार्यकारिणी बैठक हेतु गए हैं. राकांपा के पदाधिकारी उच्चस्तरीय बैठक से आज सुबह ही मुंबई से लौटे हैं. कांगे्रस की भ्ीा गतिविधि चल रही है. ऐसे में बुधवार को सेना भवन में हुई अमरावती लोकसभा क्षेत्र की तैयारियों पर चर्चा दौरान दो उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा होने का समाचार है. वह दो नाम दिनेश बूब तथा ज.मो. अभ्यंकर के हैं. अभ्यंकर राज्य अल्पसंख्यक आयोग और पिछडावर्ग आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं.
शिवसेना सूत्रों ने बताया कि, पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के सामने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्बारा अमरावती संसदीय सीट से पार्टी के संभावित प्रत्याशी के नाम पर विचार मंथन किया जा रहा है. तब 2 नामों को लेकर जिले के पदाधिकारी पार्टी नेतृत्व के सामने ही दो गुटों में बंटे दिखाई दिए. इस समय जहां जिला प्रमुख सुनील खराटे व पूर्व जिला प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी के गुट ने राज्य एससी-एसटी आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज. मो. अभ्यंकर तथा दूसरे गुट ने शिवसेना के कट्टर समर्थक व पुराने समर्पित कार्यकर्ता रहने वाले दिनेश बूब के नाम आगे रखे. ऐसे में कहा जा सकता है कि, ठाकरे गुट वाली सेना के पास अब अमरावती संसदीय सीट से चुनाव लडने की रेस में दो दांवेदार है. परंतु इस मुद्दे को लेकर पार्टी पदाधिकारी में एक तरह से दो फाड वाली स्थिति दिखाई दी. इसके तहत जिस गुट ने ज. मो. अभ्यंकर का नाम आगे किया, उस गुट का कहना रहा कि, भले ही दिनेश बूब शिवसेना में है, लेकिन वे बहुत दिनों से उनके जनसंपर्क में कमी आई हैं. और उनकी लोकसभा चुनाव को लेकर जिले में तैयारी भी नहीं है. वहीं दूसरी ओर दिनेश बूब का नाम आगे करने वाले गुट का कहना रहा कि, ज. मो. अभ्यंकर की अमरावती जिले में कोई राजनीतिक पहचान ही नहीं है. ऐसे में एक नये चेहरे पर दांव लगाना पार्टी के लिए भारी पड सकता है.

* अभ्यंकर का अल्प परिचय
ज. मो. अभ्यंकर अंजनगांव तहसील के विहीगांव के मूल निवासी रहने के साथ शिवसेना की शिक्षक सेना के राज्याध्यक्ष है. शिक्षक सेना की प्रत्येक जिले में शाखा है. प्रदेश में 1 लाख सभासद हैं. सर्व शिक्षा अभियान के राज्य प्रमुख रहे अभ्यंकर मंंत्रालय में सहसचिव रह चुके हैं. शिक्षा उपसंचालक और संचालक के रुप में नागपुर-मुंबई में सेवाएं दे चुके हैं. वर्ष 2006 से वे सतत सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत हैं. उन्हें राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रुप में मंत्री पद का दर्जा प्राप्त था. ऐसे ही पिछडावर्ग आयोग के अध्यक्ष के रुप में राज्य मंत्री की श्रेणी पानेवाले अभ्यंकर की अंजनगांव में विद्या निकेतन आईटीआई, विद्या निकेतन फार्मसी, विद्या निकेतन कनिष्ठ महाविद्यालय है. वे आईटीआई के संगठन के राज्याध्यक्ष है. नागपुर से लेकर मुंबई तक अनेक शिक्षा संस्थानों में सलाहकार के रुप में कार्य का दो दशकों का अनुभव रखनेवाले अभ्यंकर ने अमरावती में संसदीय चुनाव की दृष्टि से मेलजोल आरंभ कर दिया हैं. आज भी उनका दर्यापुर और अंजनगांव तथा आसपास के गांव-देहात में जनसंपर्क जारी रहने का समाचार है.

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