अमरावती मनपा का माई-बाप नहीं, 15 दिन पहले पूर्ण नियुक्ति, अब अचानक तबादला
ये क्या हो रहा है मनपा में? चर्चाओं के कई रुप
* आयुक्त देवीदास पवार ने मैट से लाया तबादले पर ‘स्टे’
* फिलहाल पवार ही आयुक्त पद पर बने रहेंगे
* मुंबई से आये कापडनीस अमरावती से वापिस लौटे
अमरावती/दि.15– गत रोज राज्य के नगरविकास विभाग द्वारा अमरावती मनपा के आयुक्त देवीदास पवार का अकस्मात तबादला आदेश जारी किया गया था और उनके स्थान पर नई मुंबई स्थित नगरविकास विभाग में उपायुक्त पद पर कार्यरत रहने वाले नितिन कापडनीस को आयुक्त के तौर पर अमरावती भेजा गया था, जो आज सुबह अपना पदभार संभालने अमरावती पहुंच भी गये थे. परंतु आज सुबह आयुक्त देवीदास पवार ने इस तबादला आदेश के खिलाफ मैट में याचिका दायर की. जिस पर हुई तत्काल सुनवाई के बाद मैट ने आयुक्त पवार के तबादले पर रोक लगाते हुए ‘स्टे’ ऑर्डर जारी कर दिया. न्या. देव की मैट अदालत में आयुक्त पवार की ओर से एड. वी. एम. परशीकर ने युक्तिवाद किया. मैट का आदेश जारी होते ही अमरावती पहुंचकर आयुक्त के रुप में पदभार स्वीकारने वाले नितिन कापडनीस से एक बार फिर डॉ. देवीदास पवार ने अपने पद का जिम्मा ले लिया. जिसके बाद नितिन कापडनीस अमरावती से मुंबई के लिए तुरंत ही वापिस रवाना हो गये. महज 18 घंटे के भीतर बडी तेजी के साथ घटित हुए इस नाटकीय घटनाक्रम को लेकर मनपा के गलियारों सहित स्थानीय राजनीतिक क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार अच्छा खासा गर्म है.
बता दें कि, तत्कालीन आयुक्त प्रवीण आष्टीकर की 30 जून को सेवानिवृत्ति पश्चात 1 जुलाई 2023 को अमरावती महानगरपालिका के प्रभारी आयुक्त के तौर पर अपना पदभार संभालने वाले डॉ. देविदास पवार को अभी 15-20 दिन पहले ही अमरावती मनपा आयुक्त के तौर पर नियमित नियुक्ति का आदेश प्राप्त हुआ था. वहीं गत रोज देर शाम के समय राज्य के नगर विकास विभाग ने अकस्मात ही अमरावती मनपा आयुक्त पद से डॉ. देवीदास पवार का तबादला कर दिया. साथ ही उन्हें नई नियुक्ति के लिए फिलहाल ‘वेटींग’ पर रखा गया है. वहीं दूसरी ओर कल देर शाम आदेश जारी होने के बाद अगले 12 घंटे के भीतर यानि आज सुबह तक नवी मुंबई से अमरावती स्थलांतरीत किये गये नितिन कापडनीस ने आनन-फानन में मुंबई से अमरावती पहुंचकर अमरावती के मनपा आयुक्त के तौर पर अपना पदभार भी संभाल लिया. अचानक और बडी तेजी के साथ घटित इस घटनाक्रम के चलते निवर्तमान आयुक्त डॉ. देवीदास पवार सहित हर कोई बेहद भौंचक व आश्चर्य चकीत है. क्योंकि पिछले महिने ही अमरावती मनपा के नियमित व पूर्णकालीक आयुक्त के तौर पर नियुक्ति पाने वाले मनपा आयुक्त डॉ. देवीदास पवार ने मनपा के प्रशासक के तौर पर मनपा का बजट पेश किया था और बजट पेश करने के अगले ही दिन उनका आनन-फानन में अमरावती से तबादला कर दिया गया. जबकि अगले एक-दो दिनों के भीतर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगने वाली है. ऐसे में हर कोई इस सवाल का जवाब जानना चाह रहा है कि, आखिर किसके कहने पर और किस वजह के चलते आयुक्त देवीदास पवार का इस तरह से तबादला किया गया और तबादला आदेश जारी होने के बाद महज 12 घंटे के भीतर अपना पदभार ग्रहण करने के लिए नये आयुक्त नितिन कापडनीस आखिर कैसे पूरी तैयारी के साथ आनन-फानन में अमरावती पहुंच गये. साथ ही अमरावती मनपा आयुक्त पद से स्थलांतरीत किये गये डॉ. देवीदास पवार को किसी भी नई पदस्थापना पर नियुक्ति क्यों नहीं दी गई है.
वहीं इस बीच यह भी पता चला है कि, अपने इस तरह से हुए अकस्मात तबादले से भौंचक निवर्तमान आयुक्त डॉ. देवीदास पवार अपना तबादला आदेश को चुनौती देने हेतु मैट में जाने की तैयारी कर रहे है. वहीं दूसरी ओर मनपा आयुक्त देवीदास पवार के इस तरह आनन-फानन में किये गये तबादले और उनके स्थान पर नितिन कापडनीस की ‘तडका-फडकी’ नियुक्ति को लेकर इतना तो तय है कि, अमरावती शहर का स्थानीय स्तर पर कोई ‘माई-बाप’ नहीं है, बल्कि अमरावती को लेकर फैसले ‘उपर’ के स्तर से अपने ‘नफा-नुकसान’ को देखते हुए किये जा रहे है. जिसका खामियाजा कही ना कही स्थानीय मनपा प्रशासन और अमरावती शहरवासियों को भुगतना पड रहा है.
* स्थानीय नेताओं को भनक तक नहीं
विशेष उल्लेखनीय है कि, आयुक्त देवीदास पवार के इस तरह तबादले को लेकर कल देर शाम तक स्थानीय जनप्रतिनिधियों व नेताओं को कोई भनक तक नहीं थी तथा मीडिया एवं सोशल मीडिया के जरिए आयुक्त देवीदास पवार के तबादला आदेश को लेकर खबरे फैलते ही सभी को आश्चर्य का झटका लगा और इसके बाद सभी नेता इधर-उधर फोन लगाते हुए इस खबर की पुष्टि करते हुए देखे गये.
* पवार का फोन ‘नॉट रिचेबल’
बीती शाम आयुक्त देवीदास पवार का अकस्मात तबादला होने और आज सुबह उनके द्वारा अपने तबादला आदेश को मैट में चुनौती दिये जाने से संबंधित खबरों के बारे में प्रतिक्रिया लेने हेतु कई बार संपर्क का प्रयास करने के बावजूद आयुक्त देवीदास पवार ने फोन को रिसीव ही नहीं किया, बल्कि कुछ समय बाद उनका फोन ‘नॉट रिचेबल’ भी हो गया.
* एक चर्चा लेन-देन की भी
स्थानीय स्तर पर चल रही एक चर्चा के मुताबिक मनपा आयुक्त देवीदास पवार की राज्य सरकार में शामिल रहने वाले एक बडे नेता के साथ पैसों के लेन-देन के साथ कथित तौर पर कोई बडी डिल हुई थी और यह डिल पूरी करने की डेडलाइन दो दिन पहले ही खत्म हो गई. लेकिन डेडलाइन बीत जाने के बावजूद भी आयुक्त पवार ने उस कथित डिल को पूरा नहीं किया. संभवत: इसी वजह से आयुक्त पवार का ऐन आचार संहिता से पहले अमरावती से तबादला कर दिया गया. ध्यान देने वाली बात यह है कि, केंद्रीय एवं राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले प्रशासनीक अधिकारियों के तबादलों को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये है. इसके बावजूद भी आचार संहिता के ऐन मुहाने पर आयुक्त पवार का न केवल तबादला आदेश जारी हुआ, बल्कि उनकी किसी नये स्थान पर नियुक्ति भी नहीं की गई.