अमरावती-पुणे व्हाया पूर्णा हमेशा के लिए बंद
जबलपुर ट्रेन खोेने के बाद एक और झटका
जिले के रेल यात्री नाराज
अमरावती – /दि.3 जिले के नुमाइंदो की अनदेखी के कारण एक के बाद एक ट्रेनें यहां से छीनी जा रही है. अमरावती-जबलपुर रेल गाडी छीनने के बाद अब रेल्वे ने अमरावती-पुणे (11405/11406) सप्ताह में 2 दिन चलने वाली ट्रेन भी हमेशा के लिए रद्द कर दी है. वैसे कोरोना के समय से ही यह गाडी रद्द कर दी गई थी. उसके बाद अन्य रेलगाडियों का समय-समय पर परिचालन दोबारा आरंभ हुआ. किंतु ताजा आदेश के अनुसार अमरावती की व्हाया पूर्णा पुणे ट्रेन अब आगे नहीं चलेगी. अमरावती के रेल यात्रियों को रेल्वे झटके पर झटके दे रहा है, नाराज कर रहा है.
साप्ताहिक ट्रेन यथा समय
अमरावती मॉडल स्टेशन के उपप्रबंधक विनोद मेश्राम ने अमरावती मंडल को बताया कि, अमरावती-पुणे (व्हाया मनमाड) 22117-22118 साप्ताहिक टे्रन की सेवा जारी रहेगी. तथापि एक समाचार के अनुसार गत 1 अक्टूबर को जारी नये रेल टाइम-टेबल के अनुसार अमरावती-बडनेरा और भुसावल-नागपुर ट्रेन भी रद्द हो गई है.
कोई नई गाडी नहीं
लगभग 3 वर्ष बाद जारी हुए रेल्वे की नई समय-सारणी के मुताबिक अमरावती और क्षेत्र से एक भी नई ट्रेन नहीं शुरु हो रही है. जबकि अमरावती-जबलपुर 12159-12160 ट्रेन अब नागपुर से ही जायेगी-आएंगी. अजनी-लोकमान्य टिलक टर्मिनन्स 11201-11202 ट्रेन को भी बंद कर दिया गया है. लोकमान्य टिलक टर्मिनन्स-काजीपेट-ताडोबा एक्सप्रेस भी बंद हो गई है. नंदीग्राम एक्सपे्रेस पहले ही दक्षिण मध्य रेल्वे को दी जा चुकी है. विदर्भ में अनेक गाडियों का परिचालन बंद या सीमित हो रहा है. जिससे रेल यात्रियों का चिंतित होना स्वभाविक है.
जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा
अमरावती-जबलपुर ट्रेन बंद होने के बाद अब अमरावती से पुणे की ट्रेन भी बंद कर दी गई. जबकि पुणे और जबलपुर दोनों ही ट्रेन को यहां के प्रवासियों ने अच्छा रिस्पॉन्स दिया था. लोगों ने ट्रेनें रद्द होने के पीछे जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा को जिम्मेदार माना है. एक ओर तो अमरावती मॉडल स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बढाने का प्रयास हो रहा है. एक निजी कंपनी कोच रेस्टारेंट खोलने जा रही है. ऐसे ही प्लेटफॉर्म पर दादर चढने लिफ्ट का इंतजाम हो रहा है. जबकि ट्रेनें बंद हो रही है. ट्रेन नहीं चलने पर स्टेशन पर मुसाफिर क्यों आएंगे? लोगों ने अमरावती मंडल से बातचीत में साफ कहा कि, अब तो डॉ. अनिल बोंडे के रुप में राज्यसभा सांसद भी है. जिससे यहां ट्रेनों की संख्या और फिक्वेन्सी बढनी चाहिए. उसकी बजाय दो ट्रेनें बंद कर दी गई. यह अमरावती जैसे संभाग मुख्यालय के साथ अन्याय परक है.