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पुणे विभाग दूसरे व नाशिक तीसरे स्थान पर
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – रिश्वतखोरी रोकने में पिछले 3 वर्ष से राज्य में अमरावती संभाग लगातार पिछडते जा रहा है. आज राज्य के 8 विभागों में रिश्वतखोरी रोकने में अमरावती पांचवें स्थान पर है. वहीं पिछले लगातार 3 वर्ष आघाडी पर रहने वाला पुणे विभाग इस बार कार्रवाई में दूसरे नंबर पर आया है और औरंगाबाद विभाग ने मात्र बाजी मारी है. रिश्वतखोरी रोकने में औरंगाबाद पहले स्थान पर पहुंचा है और नाशिक विभाग तीसरे नंबर पर है.
कोरोना संसर्ग का प्रादुर्भाव भी कार्रवाई कम होेने का कारण रहने की बात जानकार कहते है. अमरावती विभाग में अमरावती, अकोला, यवतमाल, बुलढाणा, वाशिम आदि पांच जिलों का समावेश होता है. पिछले वर्ष कोरोना संसर्ग की पृष्ठ भूमि पर लॉकडाउन रहने से कार्रवाई कम हुई थी, किंतु इस बार दूसरी लहर में लॉकडाउन लगाया गया है. बावजूद इसके पिछली वर्ष की तुलना में राज्य में रिश्वतखोरों के विरोध में कार्रवाई मात्र नहीं थमी. इस वर्ष अमरावती संभाग में (1 जनवरी से 23 मई के बीच) 27 कार्रवाईयां सफल हुई. जिसमें 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. अमरावती के साथ-साथ विदर्भ का नागपुर विभाग भी रिश्वतखोरी को रोकने में विफल साबित हुआ है. नागपुर विभाग में भी इस वर्ष 27 कार्रवाईयां हुई और 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के मुंबई, ठाणे, पुणे, नाशिक, औरंगाबाद, नागपुर, अमरावती, नांदेड इस तरह 8 विभाग हेै. रिश्वतखोरों पर कार्रवाई में हमेशा ही पुणे विभाग आघाडी पर रहा है. 8 विभाग में अब तक रिश्वतखोरों के विरोध में 298 जाल बिछाये गए. 411 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है तथा अपसंपदा मामले में 2 व अन्य भ्रष्टाचार का 1 इस तरह 3 अपराध दर्ज है.
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क्या कहते है आंकडे
विभाग कार्रवाई गिरफ्तारी
अमरावती 27 36
नागपुर 27 37
ठाणे 30 43
नाशिक 54 72
नांदेड 20 29
मुंबई 22 34
औरंगाबाद 63 88
पुणे 55 72