मुख्य समाचार

अमरावती ने दिया चीन को झटका

 इस बार ग्राहकों ने चायनीज माल से मुंह मोडा

  • हर साल तीन-चार करोड रूपयों की चायनीज राखियों का होता था व्यापार

अमरावती प्रतिनिधि/दि.७-इस बार रक्षाबंधन के पर्व पर अमरावती ने चायना मार्केट को करीब तीन से चार करोड रूपयों का झटका दिया है. क्योकि इस बार अमरावती के बाजारों में चायनीज राखियों की बिक्री ही नहीं हुई. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, स्थानीय व्यापारियों ने इस बार चायनीज राखियों का नया माल ही नहीं मंगाया. वहीं व्यापारियों के पास जो पिछले साल का पुराना स्टॉक बचा हुआ था उसमें से इस बार बेहद अत्यल्प माल बिका है. जिसका सीधा मतलब है कि, आम ग्राहकों ने भी चायनीज माल की ओर से अपनो मुंह मोड लिया है. उल्लेखनीय है कि, कुछ समय पूर्व तक भारतीय बाजारों को चायना मार्केट में अच्छा-खासा प्रभुत्व स्थापित हो गया था और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से लेकर गिफ्ट आर्टिकल तथा भारतीय पर्व व त्यौहारों पर लगनेवाले विभिन्न साहित्यों का उत्पादन चीनी कंपनियों द्वारा किया जाने लगा. साथ ही चीनी कंपनियों द्वारा उत्पादित ऐसे सामानोें की भारतीय बाजार में जमकर बिक्री होने लगी थी. जिसके तहत राखी के पर्व पर अमरावती शहर में करीब तीन से चार करोड रूपयों की चायना मेड राखियां बिका करती थी. किन्तु विगत कुछ अरसे से लेह-लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनावपूर्ण स्थिति बन गयी और कई भारतीय सैनिक सीमा पर शहीद हुए. जिसकी वजह से देश में चीन विरोधी वातावरण बन गया और लोगों ने चायनीज वस्तुओं के बायकॉट करने का निर्णय लिया है और लोगबाग चायनीज वस्तुओं को खरीदने से बच रहे है. यहीं वजह रही कि, इस बार जहां एक ओर शहर के व्यापारियों ने चाईनामेड राखियों का नया स्टॉक नहीं बुलाया, वहीं दूसरी ओर व्यापारियों के पास चायनीज राखियों का जो पूराना स्टॉक उपलब्ध था, उसे भी कोई खास मांग नहीं मिली. ऐसे में कहा जा सकता है कि, इस बार रक्षा बंधन के पर्व पर अमरावती ने चायना मार्केट को करीब तीन से चार करोड रूपयों का झटका दिया है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस समय कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा भी ‘चीन भारत छोडो अभियान‘ चलाया जा रहा है. जिसके तहत अब व्यापारियों ने भी चिनी कंपनियों द्वारा उत्पादित उत्पादों का बॉयकॉट करना शुरू कर दिया है.

amravati-mandal

लोगों में चीन को लेकर काफी गुस्सा
इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर कैट के स्थानीय समन्वयक आत्माराम पुरसवानी ने बताया कि, कैट द्वारा किये गये आवाहन के चलते इस बार शहर में किसी भी व्यापारी ने रक्षा बंधन पर्व पर चीन द्वारा निर्मित राखियां नहीं मंगायी थी. वहीं दूसरी ओर आम लोगों में भी चीन के प्रति काफी गुस्से का माहौल है. यहीं वजह रही कि, जिन व्यापारियों के पास चायनीज राखियों का थोडाबहुत पुराना स्टॉक बचा हुआ था, उसे भी ग्राहकों ने नहीं खरीदा. वहीं दूसरी ओर इस बार अमरावती शहर में पी-१ व पी-२ की पध्दति लागू रहने का भी व्यापार व व्यवसाय पर असर पडा है.

अब व्यापारियों व ग्राहकों की मानसिकता बदल गयी है
इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सीपीडीए के प्रदेश सचिव तथा कैट के समन्वयक श्याम शर्मा ने कहा कि, कैट द्वारा विगत लंबे समय से व्यापारियों एवं आम नागरिकों को चायनीज उत्पादों का बायकॉट करने के संदर्भ में जागरूक किया जा रहा था. ऐसे में अब हमारे प्रयास काफी हद तक सफल हुए है, क्योकि विगत दिनों भारत-चीन सीमा पर हुए विवाद के बाद व्यापारियों व आम नागरिकों की मानसिकता बदली है. जिसकी वजह से अकेले अमरावती शहर से राखी के पर्व पर चीन को करीब तीन से चार करोड रूपयोें का झटका सहन करना पडा है. यदि पूरे देश का विचार करें तो यह झटका हजारों-करोड रूपयों का है. वहीं यदि यह जागरूकता ऐसे ही कायम रही तो हम चीन की अर्थव्यवस्था को काफी बडे बैमाने पर प्रभावित कर सकते है और हमने ऐसा करना भी चाहिए, क्योकि चीन हमारे जरिये कमाये गये पैसों से ही हमारे खिलाफ सैन्य अभियान चलाता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button