२० अक्तूबर से होगी अमरावती विद्यापीठ की परीक्षा
कुलगुरू के कक्ष में हुई बैठक, जल्द ही नया स्वरूप तय किया जायेगा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१४ – स्थानीय संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय की १२ अक्तूबर से शुरू होनेवाली परीक्षाओं को तकनीकी कारणों के चलते आगे मूलतवी कर दिया गया है और अब ऑनलाईन व ऑफलाईन परीक्षाओं का नया स्वरूप तय किया जा रहा है. जिसे लेकर मंगलवार को कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर के कक्ष में परीक्षाओं का नियोजन करने के लिए एक बैठक बुलायी गयी. इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक विद्यापीठ द्वारा संभवत: आगामी २० अक्तूबर से एक बार फिर ऑनलाईन व ऑफलाईन परीक्षाएं ली जाएगी . बता दें कि, मुंबई व नागपुर सहित औरंगाबाद, पुणे, गडचिरोली, सोलापुर तथा अन्य विद्यापीठों में ऑनलाईन परीक्षाओं के दौरान हुई गडबडियों को देखते हुए अमरावती विद्यापीठ द्वारा बेहद सतर्कता के साथ कदम उठाये जा रहे है और ऑनलाईन व ऑफलाईन स्वरूप की परीक्षा के समय विद्यार्थियों को किसी भी तरह की कोई तकनीकी दिक्कत न हो, इस हेतु सूक्ष्म नियोजन किया जा रहा है और परीक्षा की जिम्मेदारी रहनेवाली नागपुर की कंपनी द्वारा तमाम तकनीकी दिक्कतों का हल खोजा जा रहा है. जिसके तहत ऑनलाईन व ऑफलाईन परीक्षा के कामों में आनेवाली दिक्कतों सहित छात्र संगठनों द्वारा की गई शिकायत पर फोकस किया गया है. संबंधित एजेंसी द्वारा विद्यार्थियों के हॉल टिकट जांचे जा चुके है. अब परीक्षा की समयसारणी नये तरीके से तैयार की जा रही है.
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ऑनलाईन परीक्षा का बदल सकता है स्वरूप
मानव्य विद्या, वाणिज्य विद्या, विज्ञान व अभियांत्रिकी तथा आंतरविद्या इन चारों विद्याशाखाओें की पदवी व पदव्युत्तर पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं को आगे धकेला गया है. ऑनलाईन परीक्षा के लिए १ लाख तथा ऑफलाईन परीक्षा के लिए ५३०० परीक्षार्थी पंजीकृत है. इससे पहले तकनीकी दिक्कतों की वजह से परीक्षाओं को स्थगित किया गया था. वहीं अब ऑनलाईन परीक्षा का नियोजन करते समय तमाम बारिकियों पर नजर रखी जा रही है. वहीं ऑनलाईन सहित ऑफलाईन परीक्षा का स्वरूप भी बदला जा सकता है. ऐसे संकेत मिले है. बुधवार की दोपहर कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर, प्र कुलगुरू डॉ. राजेश जयपूरकर, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख तथा परीक्षा व मूल्यांकन मंडल के संचालक हेमंत देशमुख के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही थी. जिसमें बिना किसी दिक्कत व समस्या के सुचारू व सहज ढंग से परीक्षा लेने से संबंधित कामकाज के संदर्भ में विचार-विमर्श किया जा रहा था.