अमरावती का प्लाज्मा नागपुर भेजा !
अन्न व औषध विभाग के पास शिकायत, नागपुरवाले से पूछताछ
अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – गत रोज अमरावती के अन्न व औषधी प्रशासन विभाग को शिकायत मिली कि, शहर में आयोजीत एक प्लाज्मा दान व रक्तदान शिबिर में संकलित किया गया 11 यूनिट प्लाज्मा नागपुर भेजा जा रहा है. जबकि इस वक्त खुद अमरावती जिले में कई कोरोना संक्रमित मरीज बेहद गंभीर स्थिति में है और उन्हें प्लाज्मा चढाये जाने की जरूरत भी है. ऐसे में अमरावती में मरीजों को प्लाज्मा की जरूरत रहते समय अमरावती से प्लाज्मा नागपुर क्यों भेजा जा रहा. जिसके बाद फुड एन्ड ड्रग विभाग द्वारा इस मामले में नागपुर स्थित लाईफ लाईन ब्लड बैंक सहित अमरावती रक्तदान समिती के पदाधिकारियों से भी पूछताछ की गई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक गत रोज शहर के एक सामाजिक संगठन द्वारा अमरावती रक्तदान समिती, पीडीएमसी ब्लड बैंक तथा नागपुर स्थित लाईफ लाईन ब्लड बैंक के संयुक्त सहयोग से रक्तदान व प्लाज्मा दान शिबिर का आयोजन किया गया था. इस शिबिर में संकलित रक्त पीडीएमसी की ब्लड बैंक को दिया गया. वहीं इस शिबिर में संकलित करीब 11 यूनिट प्लाज्मा नागपुर की लाईफलाईन ब्लड बैंक को दिया जाना था. इसकी जानकारी मिलते ही शहर के एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी द्वारा अन्न व औषधी प्रशासन विभाग को इसकी जानकारी देते हुए अमरावती में संकलित किये जानेवाले प्लाज्मा को नागपुर भेजे जाने पर आपत्ति दर्ज करायी गयी. पश्चात इस मामले में अन्न व औषधी प्रशासन के निरीक्षक मनीष गोतमारे ने सभी संबंधितों से पूछताछ की. जिसके बाद पता चला कि, कानूनी रूप से इसमें गलत कुछ भी नहीं था.
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आयोजकों ने नागपुर भेजा प्लाज्मा
इस संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल द्वारा अन्न व औषधी निरीक्षक मनीष गोतमारे से जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर उन्होंने बताया कि, गत रोज शिवसेना से वास्ता रखनेवाले एक पदाधिकारी ने उन्हें अमरावती में आयोजीत प्लाज्मा दान शिबिर में संकलित किये जानेवाले प्लाज्मा को नागपुर भेजे जाने की जानकारी देते हुए उस पर अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी. इसके बाद उन्होंने शिविर के आयोजकों सहित नागपुर की लाईफलाईन ब्लड बैंक के संचालक डॉ. हरिश वरभे से इस बारे में पूछताछ की, तब पता चला कि, लाईफ लाईन ब्लड बैंक द्वारा इससे पहले कई बार अमरावती के मरीजों हेतु प्लाज्मा दिया गया है और इसके बदले में अमरावती में आयोजीत किये गये रक्तदान शिबिर में संकलित प्लाज्मा नागपुर भेजा गया. उन्होंने जब इस बारे में जिला एवं स्वास्थ्य प्रशासन से जानकारी ली, तो पता चला कि, इसमें गलत कुछ भी नहीं है.
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नागपुरवाले ने कहा हमने भी प्लाज्मा अमरावती भेजा है
वहीं इस मामले में नागपुर स्थित लाईफ लाईन ब्लड बैंक के संचालक डॉ. हरिश वरभे का कहना रहा कि, उनकी ब्लड बैंक के जरिये देश के अलग-अलग राज्यों व शहरों में रक्त एवं प्लाज्मा की आपूर्ति की जाती है और कोविड संक्रमण काल के दौरान उनकी ब्लड बैंक के जरिये अमरावती जिले के कोविड संक्रमितों के लिए भी बडे पैमाने पर प्लाज्मा उपलब्ध कराया गया है, तब किसी ने यह सवाल नहीं उठाया कि, नागपुर का प्लाज्मा ले जाकर अमरावती के मरीजों को कैसे लगाया जा रहा है. किंतु आज अमरावती के एक सामाजिक संगठन द्वारा हमें प्लाज्मा के 11 यूनिट उपलब्ध कराये जाने पर हंगामा मचा हुआ है.
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नागपुर से भी आये, इसीलिए वहां भेजे
वहीं इस बारे में अमरावती रक्तदान समिती के अध्यक्ष महेंद्र भूतडा व श्याम शर्मा से जानकारी हासिल करने हेतु संपर्क किये जाने पर उन्होंने बताया कि, इस समय अमरावती में प्लाज्मा की किल्लत चल रहीं थी, तब अमरावती रक्तदान समिती द्वारा नागपुर की लाईफ लाईन ब्लड बैंक से करीब 500 जरूरतमंदों को प्लाज्मा उपलब्ध कराया गया. साथ ही अमरावती के करीब 200 से 300 लोगों ने खुद ही लाईफ लाईन ब्लड बैंक पहुंचकर वहां से प्लाज्मा हासिल किया. रक्तदान समिती पदाधिकारियों के मुताबिक समिती द्वारा किये गये प्रयासों के चलते पीडीएमसी मे अंदाजन 140 से 150 लोग इससे पहले अपना प्लाज्मा दान कर चुके है. यह अमरावती जिले में प्लाज्मा की जरूरत रहनेवाले मरीजों की तुलना में बेहद कम संख्या है. ऐसे में जिस वक्त अमरावती जिले में कोविड संक्रमित मरीजों की तादाद बढ रही थी और कई मरीजों को प्लाज्मा की जरूरत पड रही थी, तब लाईफलाईन ब्लड बैंक से ही ऐसे मरीजों को प्लाज्मा उपलब्ध हुआ था. उस ऐहसान को कुछ पैमाने पर चुकाने हेतु गत रोज आयोजीत शिबिर में संकलित प्लाज्मा लाईफ लाईन ब्लड बैंक को दिया गया.
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ऑक्सिजन व रेमडेसिविर की तरह प्लाज्मा की भी हो सेंट्रलाईज्ड व्यवस्था
– जिला प्रशासन रखे प्लाज्मा दान व प्लाज्मा वितरण पर नजर
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान जैसे ही ऑक्सिजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत पैदा होनी शुरू हुई, वैसे ही जिला प्रशासन ने इसकी उपलब्धता और वितरण के कार्य को अपने नियंत्रण में ले लिया था. ठीक उसी तरह इन दिनों कई मरीजों को प्लाज्मा की जरूरत पड रही है और इसकी उपलब्धता बेहद कम है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि, प्लाज्मा की उपलब्धता और इसके वितरण के लिए भी केंद्रीकृत व्यवस्था बनायी जाये और इस पर अपना पूरा नियंत्रण भी रखा जाये, ताकि प्लाज्मा को लेकर भी किसी तरह की गडबडी या संभ्रमवाली स्थिति उत्पन्न न हो.