* गुरुवार को गुमशुदगी की रिपोर्ट हुई थी दर्ज
* शुक्रवार की शाम कौंडेश्वर परिसर से मिली लाश
* पुरानी रंजिश के चलते 7 से 8 आरोपियों ने उतारा मौत के घाट
* 4 नाबालिग सहित 5 आरोपी चढे पुलिस के हत्थे, अन्यों की तलाश जारी
अमरावती /दि.9– स्थानीय खोलापुरी गेट पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत म्हाडा कालोनी निवासी अंकुश मेश्राम उर्फ लावा नामक 22 वर्षीय युवक विगत बुधवार को अचानक लापता हो गया था. जिसकी गुमशुदगी को लेकर उसके परिजनों द्बारा गुरुवार को खोलापुरी गेट थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिस पर जांच शुरु करने के बाद पुलिस ने कौंडेश्वर परिसर की दूसरी टेकडी पर स्थित गड्ढे से अंकुश मेश्राम की रक्तरंजित लाश बरामद की. साथ ही इस बात का भी पर्दाफाश किया कि, पुरानी रंजिश के चलते करीब 7 से 8 बालिग व नाबालिग युवकों ने मिलकर अंकुश मेश्राम की सपासप चाकू मारकर निर्ममतापूर्वक बुधवार को ही हत्या कर दी थी. जिसके बाद अंकुश के शव को कौंडेश्वर परिसर स्थित गड्ढे में फेंकते हुए सभी आरोपी भाग निकले थे. इस पूरे मामले का पर्दाफाश करने के साथ ही राजापेठ पुलिस ने गोपाल नगर परिसर में रहने वाले सनी प्रधान नामक युवक सहित 4 नाबालिगों को गिरफ्तार किया. साथ ही इस वारदात में लिप्त रहने वाले अन्य आरोपियों की सरगर्मी से तलाश जारी है. विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत 7 सितंबर को महज एक दिन के लिए राजापेठ विभाग के प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त पद का जिम्मा संभालने वाले यातायात विभाग के निरीक्षक व प्रभारी एसीपी मनीष ठाकरे ने राजापेठ थाना क्षेत्र में रहने वाले अपने पुराने संपर्को व अनुभवों को काम में लाते हुए इस मामले का 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश किया. साथ ही पुलिस पथकों को अकोला व नागपुर भेजते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया.
जानकारी के मुताबिक म्हाडा कालोनी परिसर में रहने वाला अंकुश मेश्राम विगत कुछ समय से अपराधिक वारदातों में लिप्त था और उसकी शहर में रहने वाले अपनी ही तरह के कुछ युवकों के साथ खुन्नसबाजी भी चला करती थी. कुछ दिन पहले गोपाल नगर के कैलास कालोनी परिसर में रहने वाले अपराधिक प्रवृत्ति वाले एक नाबालिग का किसी बात को लेकर अंकुश के साथ झगडा हो गया था और उसने अंकुश मेश्राम को झापड मार दिया था. जिसके बाद करीब 4 दिन पहले अंकुश मेश्राम अपने 4-5 साथिदारों को तलवार के साथ लेकर गोपाल नगर परिसर पहुंचा था. ऐसे में उक्त नाबालिग लडके और उसके साथिदारों में इस बात को लेकर डर था कि, अंकुश मेश्राम मौका पाते ही उन पर कभी भी जानलेवा हमला कर देगा. ऐसे में आरोपियों ने अंकुश मेश्राम को घेरकर उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी. इसी बीच बीते बुधवार 6 सितंबर को रात 9.30 बजे के आसपास अंकुश मेश्राम किसी से मिलने के लिए गोपाल नगर मार्ग पर पहुंचा था और वहां स्थित एक मॉल के सामने ऑटो में बैठकर किसी से बात कर रहा था. इसकी जानकारी मिलते ही सभी आरोपी धारदार हथियारों से लैस होकर अंकुश को घेरने पहुंचे, जिन्हें देखते ही अंकुश मेश्राम ऑटो से उतरकर गोपाल नगर की ओर पैदल ही सरपट भाग निकला. जिसका आरोपियों ने भी जमकर पीछा किया. इस बात की जानकारी अंकुश के साथ मौजूद उसके सागर नामक दोस्त ने अंकुश की मां को देने के साथ ही राजापेठ पुलिस को भी दी थी. जिसके बाद राजापेठ पुलिस के दल ने तुरंत ही परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. जिसमें कुछ युवकों द्बारा अंकुश मेश्राम का पीछा किए जाने की घटना रिकॉर्ड हुई है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, 6 व 7 सितंबर को महज 24 घंटे के लिए राजापेठ पुलिस के प्रभारी एसीपी रहने वाले पीआई मनीष ठाकरे ने जब इस वीडियो फुटेज को देखा, तो उन्हें पीछा कर रहे आरोपियों मेें से एक-दो नाबालिग आरोपी जाने पहचाने लगे. जिनके बारे में जानकारी निकालने हेतु पीआई ठाकरे ने तुरंत ही पुलिस कर्मियों सहित अपने मुखबीरों को काम पर लगाया, तो पता चला कि, बुधवार की रात से सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे नाबालिग सहित उसके अन्य साथिदार अपने-अपने घरों से फरार है. यह जानकारी पता चलते ही प्रभावी एसीपी मनीष ठाकरे का माथा ठनका और उन्होंने संबंधित नाबालिग सहित उसके फरार रहने वाले साथियों का मोबाइल लोकेशन खंगाला, तो पता चला कि, वे लोग नागपुर व अकोला में अपने-अपने रिश्तेदारों के यहां गए हुए है. ऐसे में एसीपी मनीष ठाकरे ने तुरंत ही एक पथक रवाना करते हुए अमरावती से फरार रहने वाले संदेहितों को पकडकर अमरावती लाया. जिनसे की गई पूछताछ में पता चला कि, पुरानी रंजिश के चलते इन सभी आरोपियों ने अंकुश मेश्राम को घेरने के बाद उसका गोपाल नगर तक दौडते हुए पीछा किया था और उसे पकडकर वे उसे अपने साथ कौंडेश्वर परिसर में लेकर गए. जहां पर सभी ने मिलकर अंकुश मेश्राम के पेट, पीठ और छाती पर चाकू से सपासप 15 से 20 घाव मारे और जब अंकुश मेश्राम मर गया, तो उसके शव को वहीं पर एक गड्ढे में फेंककर सभी आरोपी भाग निकले.
पुलिस जांच में यह तथ्य भी उजागर हुआ है कि, मृतक अंकुश मेश्राम सहित इस हत्याकांड में लिप्त सभी आरोपियों का अपराध जगत से नजदीकी वास्ता था और वे शराब तस्करी से अन्य छिटपूट अपराधिक वारदातों को अंजाम दिया करते थे. इसी की वजह से उन लोगों में आपसी प्रतिस्पर्धा थी और इसी प्रतिस्पर्धा व रंजिश के चलते दोनों पक्षों के बीच इसके पहले भी कई बार टकराव वाली स्थिति बनी थी. जिसका परिणाम अंकुश मेश्राम हत्याकांड के तौर पर सामने आया. बुधवार की रात को लापता हुए अंकुश मेश्राम की गुमशुदगी और उसकी हत्या के मामले को लेकर राजापेठ विभाग के प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त मनीष ठाकरे के नेतृत्व में राजापेठ पुलिस स्टेशन की थानेदार सीमा दातालकर व खोलापुरी गेट पुलिस स्टेशन के थानेदार टाले के साथ ही क्राइम ब्रांच की टीम ने बडी तेजी के साथ जांच करते हुए इस मामले का पर्दाफाश किया. साथ ही सनी प्रधान नामक युवक सहित 5 नाबालिगों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. जिसमें से एक नाबालिग को इस हत्याकांड का मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है. पुलिस मामले की सघनता के साथ जांच कर रही है.