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महाराष्ट्र में 6.4 लाख लोगों की वार्षिक आय 2 करोड से अधिक

देश में मध्यम वर्ग का बढा दर्जा

* प्राइस का सर्वेक्षण
नागपुर/दि.2 – पिपल रिसर्च ऑन इंडियाज कन्झूमर इकोनॉमी (प्राइस) के देशव्यापी आर्थिक सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है कि, मध्यम वर्ग की आमदनी गत वर्ष 31 प्रतिशत बढी है. इसमें वह वर्ग शामिल है, जो 5 से 30 लाख रुपए वार्षिक आय की श्रेणी में है. अगले 8 वर्षों में यह वर्ग 46 प्रतिशत की बढोत्तरी दर्ज कर सकता है और वर्ष 2047 तक 63 प्रतिशत तक. प्राइस के सर्वेक्षण में हालाकि यह शर्त जोडी गई है कि, ऐसा ही राजनीतिक और आर्थिक सुधारों का दौर और क्रम जारी रहे, तो भारतीयों मेें अमीर मध्यम वर्ग का हिस्सा बहुत बडा रहने वाला है. प्राइस के प्रबंध संचालक राजेश शुक्ला ने दावा किया कि, भारत के अमीर मध्य वर्ग में तेजी से बढोत्तरी हो रही है. अब सालाना 5 लाख रुपए से लेकर 30 लाख रुपए आमदनी वाले श्रेणी में 43 प्रतिशत लोग आ रहे है. पहले यह संख्या बहुत कम थी. ऐसे ही सर्वेक्षण में अनेक खुलासे हुए है.
* सालाना आय 2 करोड से अधिक
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र धनवान राज्य के रुप में उभरा है. यहां 6 लाख 40 हजार से अधिक लोग सुपर रिच कहे जा सकते हैं. इनकी वार्षिक आमदनी वर्ष 2021 में 2 करोड रुपए से अधिक रही है. दिल्ली में ऐसी आमदनी वाले लोगों की संख्या 1 लाख 81 हजार, गुजरात में 1 लाख 41 हजार और तमिलनाडू में 1 लाख 37 हजार तथा पंजाब में 1 लाख 1 हजार लोग है, जिनकी वार्षिक कमाई 2 करोड से अधिक है. सर्वेक्षण में कहा गया कि, सूरत और नागपुर ने उच्च आमदनी वाले क्षेत्र में सबसे अधिक बढोत्तरी दर्ज की है. 1994-95 में 30 लाख की आमदनी वाले सुपर रिच की संख्या 98 हजार थी, जो 2021 तक 12 लाख से अधिक हो गई है.
* खरीददारी क्षमता बढी
राजेश शुक्ला ने बताया कि, देश में उच्च मध्यम वर्ग की संख्या बढी है. साफ है कि, इस वर्ग की खरीददारी क्षमता बढी है. निश्चित ही बाजार के लिए अच्छी खबर है. प्रत्येक 10 परिवार में एक के पास कार है. यह आंकडा दिनों दिन बढता जा रहा है. 30 लाख रुपए वार्षिक आमदनी वाले परिवार कार सुविधा को वरियता दे रहे है. उसी प्रकार 2 प्रतिशत लोग घरों में एसी लगवा रहे है. यह भी अच्छे संकेत हैं.

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