अमरावतीमुख्य समाचार

चुनाव में पैसे बांटने वाला भी दोषी, जांच होनी चाहिए

नवनीत-यशोमति वाले मामले को लेकर विधायक बच्चू कडू की प्रतिक्रिया

अमरावती/दि.15– विगत तीन-चार दिनों से जिले की सांसद नवनीत राणा व विधायक यशोमति ठाकुर के बीच जमकर जुबानी जंग चल रही है. क्योंकि सांसद नवनीत राणा ने आरोप लगाया था कि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय यशोमति ठाकुर ने विधायक रवि राणा से कोरे करारे नोट लिए थे. लेकिन प्रचार किसी ओर का किया था. वहीं विधायक यशोमति ठाकुर ने राणा दम्पति को चुनौति दी है कि, वे उन पर लगाए गए आरोप के सबूत पेश करेें. अन्यथा उन पर 100 करोड की मानहानि का दावा ठोका जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर विधायक बच्चू कडू ने अपनी बेहद संयत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, चुनाव में वोटों की खरीद-फरो के लिए पैसे बांटना कानून जुर्म है. ऐसे में यदि सांसद नवनीत राणा या विधायक रवि राणा ने किसी को भी पैसे दिए है, तो इसके लिए सबसे पहले राणा दम्पति दोषी है. अत: इस मामले में सबसे पहले तो राणा दम्पति से जांच व पूछताछ होनी चाहिए.
आज स्थानीय विश्रामगृह में मीडिया के साथ बातचीत करते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, जब राणा दम्पति द्बारा यह आरोप लगाया ही जा रहा है कि, उन्होंने विधायक यशोमति ठाकुर को अपने चुनाव प्रचार के लिए पैसे दिए थे, तो लगे हाथ यह भी बता देना चाहिए कि, आखिर उन्होंने विधायक यशोमति ठाकुर को कितने पैसे दिए थे. ताकि पूरे मामले का जनता के सामने खुलासा हो सके. इसके अलावा यदि वाकई ऐसा कोई व्यवहार हुआ था, तो यशोमति ठाकुर के साथ-साथ राणा दम्पति के खिलाफ भी निर्वाचन आयोग द्बारा कार्रवाई की जानी चाहिए. राणा दम्पति द्बारा आए दिन किसी ना किसी नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिए जाने की ओर ध्यान दिलाने पर विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, राणा दम्पति को एक तरह से भाजपा नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की छत्रछाया प्राप्त है. ऐसे में वे खुद डेप्यूटी सीएम फडणवीस से यह निवेदन करने वाले है कि, राणा दम्पति को थोडा नियंत्रण में रखा जाए.

* उनका व्हिप हम पर कैसे लागू होगा?
शिवसेना में हुई बगावत के लिए शिवसेना उबाठा पार्टी द्बारा सेना सांसदों सहित निर्दलिय विधायकों के नाम जारी की गई नोटीस के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, ऐसी नोटीस उन्हें भी मिली है. परंतु शिवसेना उबाठा द्बारा उन्हें नोटीस देना बेहद हास्यास्पद है. क्योंकि वे शिवसेना के नहीं बल्कि प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक है. अत: उन पर किसी अन्य पार्टी का व्हिप लागू नहीं होता. साथ ही उन्होंने शिवसेना में कोई गद्दारी नहीं की, बल्कि जिस तरह वर्ष 2019 के चुनाव में विधायक निर्वाचित होने के बाद उन्होंने उद्धव ठाकरे को अपना समर्थन दिया था. ठीक उसी तरह आगे चलकर उन्होंने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दिया. इसमें गद्दारी जैसे कोई बात नहीं. बल्कि उन्हें नोटीस देने वाले को यह याद रखना चाहिए कि, वे अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना प्रत्याशी को हराकर ही चुनाव जीते थे. ऐसे में शिवसेना का उन पर कोई अधिकार नहीं बनता और शिवसेना की ओर से उन्हें नोटीस दिए जाने का कोई औचित्य भी नहीं है.

* मराठा आरक्षण का है बेहद आसान समाधान
इस समय मराठा आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल पर विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, वैसे तो कुणबी और मराठा दोनों समाज एक ही है. अत: या तो राज्य सरकार सभी मराठाओं को कुणबी प्रमाणपत्र देते हुए उन्हें कुणबी समाज के साथ आरक्षण दे या फिर ऐसा करना संभव नहीं रहने पर मराठा समाज को स्वतंत्र प्रवर्ग मानकर आरक्षण के दायरे में लाया जाए. दोनों ही रास्ते बेहद सीधे और सरल है. जिसमें से किसी भी एक रास्ते का सरकार द्बारा अवलंब किया जाना चाहिए.

Related Articles

Back to top button