एपीएमसी ने दी परमानंद अग्रवाल को वसूली की नोटीस
एनओसी के लिए 66.50 लाख रुपए का बकाया शेष अदा करने कहा
* 47.88 लाख के बकाया ब्याज पर अदालती फैसले के अनुसार होगा निर्णय
* परमानंद अग्रवाल की 2 फर्म पर बकाया है कुल 1.14 करोड रुपए
* मंडी संचालक पद का चुनाव लडना चाहते है परमानंद अग्रवाल
अमरावती /दि.1- स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिति में सिंघानिया ट्रेडिंग कंपनी तथा सिंघानिया दाल एण्ड ऑइल मिल नामक अपनी दो फर्म के जरिए कृषि उपज की खरीदी-विक्री का व्यवसाय करने वाले परमानंद अग्रवाल आगामी 28 अप्रैल को होने जा रहे मंडी के चुनाव में हिस्सा लेना चाहते है. जिसके लिए उन्होंने मंडी प्रशासन से एनओसी मिलने हेतु विगत 24 मार्च व 28 मार्च को आवेदन भी प्रस्तूत किया था. जिस पर जवाब देते हुए मंडी प्रशासन की ओर से परमानंद अग्रवाल को बाकायदा नोटीस जारी कर कहा गया है कि, उनकी ओर 66.50 लाख रुपए का बाजार शुल्क (सेस) तथा 47.88 लाख रुपए का ब्याज ऐसे कुल 1 करोड 14 लाख 38 हजार रुपए का बकाया है. जिसमें से एनओसी प्राप्त करने के लिए उन्हें 66.50 लाख रुपए का बकाया सेस फसल मंडी को तुरंत अदा करना होगा. वहीं बकाया सेस पर ब्याज लगाने अथवा नहीं लगाने से संबंधित फसल मंडी का अधिकार इस समय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है. जिसके चलते ब्याज की रकम को लेकर अंतिम न्यायालयीन निर्णय के अधीन रहते हुए उन्हेें एनओसी दी जाएगी.
फसल मंडी द्बारा लिखित तौर पर दिए गए इस दो टूक जवाब के चलते यह स्पष्ट हो गया है कि, यदि परमानंद अग्रवाल को मंडी संचालक का चुनाव लडना है, तो उन्हें फौरन से पेश्तर 66.50 लाख रुपए का बकाया सेस फसल मंडी के खाते में जमा करना होगा. क्योंकि आगामी 3 अप्रैल को इस चुनाव के नामांकन प्रक्रिया का अंतिम दिन है. चूंकि 1 व 2 अप्रैल को शनिवार व रविवार का साप्ताहिक अवकाश रहने के चलते मंडी कार्यालय में कामकाज बंद है. ऐसे में परमानंद अग्रवाल के पास बकाया सेस का भुगतान करने, भुगतान पश्चात मंडी प्रशासन से एनओसी लेने और फिर इस एनओसी को जोडकर अपना नामांकन प्रस्तूत करने के लिए केवल एक दिन का ही समय शेष है और उन्हें यह सारे काम आगामी 3 अप्रैल को एक ही दिन के दौरान कार्यालयीन कामकाज के समय में निपटाने होंगे. अब ऐसा कर पाने में परमानंद अग्रवाल कहा तक सफल हो पाते है. साथ ही संचालक पद का चुनाव लडने हेतु वे एकमुश्त 66.50 लाख रुपयों का भुगतान करते है अथवा नहीं, इसे लेकर उत्सुकता देखी जा रही है.
बता दें कि, परमानंद अग्रवाल की ओर बकाया रहने वाले सेस और उस पर लगाए जाने वाले ब्याज की वसूली हेतु तत्कालीन संचालक मंडल ने 8 सितंबर 2020 को प्रस्ताव पारित किया था. जिसे परमानंद अग्रवाल ने कृषि उत्पन्न खरीदी-विक्री (विकास व विनियमन)- 1963 की धारा 43 के तहत विभागीय सह निबंधक के पास चुनौती दी थी और विभागीय सह निबंधक ने मंडी के संचालक मंडल का प्रस्ताव रद्द कर दिया था. जिसे संचालक मंडल द्बार हाईकोर्ट में चुनौति दी गई थी और हाईकोर्ट ने विभागीय सह निबंधक के आदेश को रद्द करते हुए धारा 57/3 अंतर्गत इस मामले में सुनवाई के अधिकार जिला उपनिबंधक (सहकारी संस्था) के पास रहने की बात कहीं. साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि, मंडी प्रशासन द्बारा जिला उपनिंबधक की अनुमति से अपने बकाया सेस की वसूली हेतु आवश्यक कार्रवाई कर सकता है. ऐसे में मंडी प्रशासन ने संचालक पद का चुनाव लडने के इच्छूक परमानंद अग्रवाल को इस हेतु एनओसी मांगे जाने पर पहले बकाया सेस की राशि अदा करने के संदर्भ में सूचित किया है. जिसके चलते अब अगर परमानंद अग्रवाल को मंडी संचालक पद का चुनाव लडना है, तो उन्हें सबसे पहले 66.50 लाख रुपए का भुगतान मंडी प्रशासन को अदा करना पडेगा.