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विपक्षी विधायक महाराष्ट्र के नहीं हैं क्या?

विधायक यशोमति ठाकुर का सदन में हल्लाबोल

मुंबई/दि.19 – रोजगार गारंटी योजना के काम में कुशल कामगारों की निधि केवल सत्ताधारी दल के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में ही दिया जाता है और विपक्षी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में यह निधी मिलती ही नहीं, यह सीधे-सीधे दुजाभाव है. ऐसे में सवाल उठता है कि, क्या विपक्षी विधायक और उनके निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र से अलग है. इस आशय का हल्लाबोल तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक यशोमति ठाकुर ने आज विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल के दौरान किया.
राज्य विधान मंडल के पावस सत्र दौरान विधानसभा के कामकाज में हिस्सा लेते हुए कांगे्रस विधायक यशोमति ठाकुर ने रोजगार गारंटी योजना के तहत कुशल कामगारों के लिए निधी वितरण मेें होने वाले भेदभाव का मुद्दा आक्रामक तरीके से उठाया. साथ ही कहा कि, सरकार द्बारा विपक्षी विधायकों के साथ हर मामले में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जो एक तरह से महाराष्ट्र का ही हिस्सा रहने वाले हमारे निर्वाचन क्षेत्रों की जनता के साथ अन्याय है. इसे राज्य सरकार की पूर्वाग्रह से दूषित मानसिकता कहा जा सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, राज्य में एक तरह से कमिशनखोरी की प्रवृत्ति मजबूत हुई है और ऑनलाइन कार्यपद्धति की आड लेते हुए कमिशनखोरी को बढावा दिया जा रहा है. इस समय राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार पर निशाना साधते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, आप सदन में वरिष्ठ है और आपके पास वित्तमंत्री के तौर पर काम करने का लंबा अनुभव है. अत: कम से कम आपने इस मामले में निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए. क्योंकि अब तक आप भी हमारे साथ विपक्ष में ही बैठे हुए थे.
* सीईटीपी प्लाँट से निकलने वाले पानी से हो रहा प्रदूषण
वहीं विधायक यशोमति ठाकुर ने विधानसभा में नांदगांव पेठ एमआईडीसी के सीईटीपी प्लाँट से निकलने वाले प्रदूषित एवं केमिकलयुक्त पानी को परिसर में छोडे जाने की वजह से क्षेत्र के कुओं व नदी-नालों का पानी प्रदूषित होने का मुद्दा भी उठाया. साथ ही कहा कि, इस पानी की वजह से परिसर के पर्यावरण सहित क्षेत्रवासियों का स्वास्थ्य खतरे में कहा जा सकता है. वहीं कुछ दिन पहले इस पानी की वजह से हजारों मछलियां भी मारी गई. ऐसे मेें इस ओर भी गंभीरतापूर्वक ध्यान देने की जरुरत है.

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