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आशावर्कर छेडखानी मामले में चांदूर रेल्वे के पीआई व एसडीपीओ को नोटीस

हाईकोर्ट ने जवाब दाखिल करने कहा

  •  एड. सपना जाधव के सफल प्रयास

  •  पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में की थी आनाकानी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.11 – चांदूर रेल्वे पंचायत समिती अंतर्गत तिरोडी ग्राम पंचायत में कार्यरत आशावर्कर के साथ ग्रापं शाला परिसर में छेडखानी करनेवाले तीन आरोपियोें को गिरफ्तार करने में आनाकानी किये जाने को लेकर मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्वारा चांदूर रेल्वे के उपविभागीय पुलिस अधिकारी व पुलिस निरीक्षक को नोटीस जारी की गई है. इस मामले में आशावर्कर की ओर से एड. सपना जाधव ने हाईकोर्ट में शानदार ढंग से पैरवी की.
मिली जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता आशावर्कर ने 25 मई 2021 को चांदूर रेल्वे पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज करायी कि, चिरोडी ग्राम पंचायत के शाला परिसर में कोविड टीम के कर्मचारियों, रोजगार सेवकों व ग्रामीणों के समक्ष ग्राम सेवक तुलसीराम जाधव, संदीप अंबादास ठोंबरे व ब्रह्मकुमार भरत जाधव ने उसके साथ झगडा किया. साथ ही झगडे का वीडियो बनाकर फेसबुक पर वायरल करने की धमकी दी. उसके अलावा तीनों आरोपियों ने उसके हाथ पकडकर उसके संवेदनशिल अंगों को स्पर्श करते हुए उसके साथ छेडखानी की और उसे जातिवाचक गालियां दी. इस समय गांव के कई लोगों ने मध्यस्थता करने का प्रयास किया, तो आरोपियों ने उनके साथ भी धक्का-मुक्की की और शिकायतकर्ता को जान से मारने की धमकी दी. किंतु चांदूर रेल्वे के पुलिस निरीक्षक ने आशावर्कर की शिकायत दर्ज करने से इन्कार करते हुए उसे शिकायत वापिस लेने हेतु समझाया. जिसके बाद आशावर्कर ने जिला पुलिस अधिक्षक के पास गुहार लगायी और वरिष्ठों द्वारा आदेश देने के बाद भी चांदूर रेल्वे के पुलिस निरीक्षक अपराध दर्ज करने के लिए तैयार नहीं हुए. अंत में आशावर्कर संगठन ने जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक के पास एक बार फिर गुहार लगायी. जिसके बाद दबाव बढता देख सात दिन पश्चात धारा 354, 354 (अ), 504, 506 व एट्रॉसिटी एक्ट की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया. किंतु तुलसीराम जाधव को पुलिस द्वारा अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया, बल्कि मामले को राजनीतिक रंग दिया गया. साथ ही मौके पर उपस्थित लोगोें के बयान भी पुलिस द्वारा अब तक दर्ज नहीं किये गये. वहीं इस दौरान अदालत से आरोपियों ने जमानत प्राप्त कर ली और उन्होंने शिकायतकर्ता को लगातार डराना-धमकाना जारी रखा है. ऐसे में शिकायतकर्ता आशावर्कर द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में एड. सपना जाधव के जरिये रिट पिटीशन दाखिल की गई. जिसमें एड. सपना जाधव ने हाईकोर्ट के समक्ष युक्तिवाद करते हुए कहा कि, इस मामले में चांदूर रेलवे के एसडीपीओ व पुलिस निरीक्षक द्वारा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. इस वजह से मामले की नियमानुसार जांच नहीं की जा रही. अत: इस मामले की जांच अमरावती जिले के किसी अन्य पुलिस स्टेशन में हस्तांतरित की जाये और यह मामला जांच हेतु किसी महिला अधिकारी को सौंपा जाये. एड. सपना जाधव का युक्तिवाद सुनकर न्या. वी. एम. देशपांडे व न्या. ए. पी. बोरकर की खंडपीठ ने ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सहित चांदूर रेल्वे के एसडीपीओ व पुलिस निरीक्षक के नाम नोटीस जारी की है और उन्हें जल्द से जल्द अपना जवाब पेश करने हेतु कहा है.

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