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दसवीं की परीक्षा में प्रैक्टिकल की बजाय असाइंमेंट

 बारहवीं के विद्यार्थियों का होगा प्रैक्टिकल

  •  बाहरी परीक्षकों की बजाय शालाओं के शिक्षक ही करेंगे परीक्षण

अमरावती/प्रतिनिधि दि.2 – राज्य शिक्षा मंडल द्वारा कोविड संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा हेतु नई गाईडलाईन जारी की गई है. जिसमें कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों हेतु प्रात्यक्षिक यानी प्रैक्टिकल परीक्षा की बजाय उन्हें लेखन कार्य यानी असाइंमेंट दिया जायेगा. वहीं कक्षा 12 वीं के विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी. इस नई व्यवस्था में बाहरी परीक्षकों का कोई विशेष स्थान नहीं रहेगा, बल्कि शाला व कनिष्ठ महाविद्यालय स्तर पर ही प्रात्यक्षिक परीक्षा लेकर विद्यार्थियों के अंक विभागीय शिक्षा बोर्ड के पास भेजने होंगे. इस निर्णय की वजह से विद्यार्थियों को काफी बडी राहत मिलती नजर आ रही है.
बता दें कि, इस बार कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कक्षा 10 वीं व 12 वीं के विद्यार्थियों की शालांत परीक्षा उनकी प्रवेशित शालाओें में ही ली जायेगी. साथ ही कक्षा 12 वीं के विज्ञान, वाणिज्य व व्यवसाईक शाखा के विषयों की श्रेणी, मौखिक व अन्य अंतर्गत मूल्यमापन परीक्षा लेने का अधिकार भी संबंधित कनिष्ठ महाविद्यालयों को दिया गया है. इसी तरह कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों की श्रेणी मौखिक व अन्य अंतर्गत मूल्यमापन परीक्षा लेने का अधिकार संबंधित शालाओं को दिया गया है. लेकिन ये परीक्षाएं कक्षा 10 वीं की लिखीत परीक्षा होने के बाद ली जा सकेगी. साथ ही अपनी ही शाला में परीक्षा केंद्र रहनेवाले सभी परीक्षार्थियोें को कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए ही परीक्षा देनी होगी. जिसके तहत परीक्षार्थियों को पीने के पानी की बोतल, सैनिटाईजर व मास्क सहित लेखन साहित्य अपने साथ रखना होगा और परीक्षा केंद्र में सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का भी कडाई से पालन करना होगा.
बता दें कि, महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 12 वीं की लिखित परीक्षा 23 अप्रैल से 21 मई के दौरान ली जानी है. वहीं प्रात्यक्षिक परीक्षा 22 मई से 10 जून के दौरान होगी. इसके अलावा कक्षा 12 वीं की विज्ञान, कला, वाणिज्य व व्यवसायिक शाखा के विषयों की श्रेणी, मौखिक व अन्य अंतर्गत मूल्यमापन परीक्षा लेने का अधिकार संबंधित कनिष्ठ महाविद्यालयों को दिया गया है. इसके तहत कहा गया है कि, कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रात्यक्षिक परीक्षा के लिए संबंधित कनिष्ठ महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा अपने ही महाविद्यालय के शिक्षकों को अंतर्गत व बहिस्थ परीक्षक के तौर पर नियुक्त किया जाये. जिन कनिष्ठ महाविद्यालयों में किसी विषय के एक से अधिक शिक्षक है, उन्हें बहिस्थ परीक्षक के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है. वहीं जिन महाविद्यालयों में एक ही शिक्षक है, वे अपने नजदिकी कनिष्ठ महाविद्यालय से बहिस्थ परीक्षक के तौर पर शिक्षक की नियुक्ती कर सकते है. साथ ही यदि नजदिकी महाविद्यालय से भी शिक्षक उपलब्ध नहीं होता है, तो अंतर्गत परीक्षक को ही बहिस्थ के तौर पर नियुक्त किया जायेगा.

कक्षा 10 वीं की परीक्षा में प्रात्यक्षिक की बजाय असाइंमेंट लिये जायेंगे. जिनकी जांच बाहरी परीक्षकों की बजाय शाला स्तर पर ही होगी. साथ ही प्रवेशित शाला व कनिष्ठ महाविद्यालयों में ही विद्यार्थियों की परीक्षा ली जायेगी. वहीं कक्षा 12 वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा हेतु अंतर्गत व बहिस्थ परीक्षक संबंधित कनिष्ठ महाविद्यालयों से ही रहेंगे. इस हेतु शिक्षकों को नियुक्त करने का आदेश शिक्षा मंडल द्वारा सभी कनिष्ठ महाविद्यालयों को दिया जा चुका है.
– शरद गोसावी
विभागीय अध्यक्ष, शिक्षा मंडल

  • ऐसा है परीक्षा का नियोजन

कक्षा 10 वीं की लिखीत परीक्षा – 29 अप्रैल से 20 मई 2021
कक्षा 12 वीं की लिखीत परीक्षा – 23 अप्रैल से 21 मई 2021
कक्षा 10 वीं की प्रात्यक्षिक परीक्षा – 21 मई से 10 जून 2021
कक्षा 12 वीं की प्रात्यक्षिक परीक्षा – 22 मई से 10 जून 2021
दिव्यांग छात्रों की प्रात्यक्षिक परीक्षा – 21 मई से 1 जून 2021

  • कोविड संक्रमित विद्यार्थियों को मिलेगी 15 दिनों की समयावृध्दि

कक्षा 12 वीं की प्रात्यक्षिक श्रेणी, मौखिक एवं प्रोजेक्ट परीक्षा के लिए 22 मई से 10 जून की कालावधी तय की गई है. इस कालावधि के दौरान विद्यार्थियोें को अपनी प्रैक्टिकल बुक अपने महाविद्यालयों के पास प्रस्तुत करना है. यदि इस कालावधि के दौरान कोई विद्यार्थी कोरोना संक्रमण की चपेट में आता है, या उसे किसी तरह की कोई तकलीफ होती है, तो उसे अपनी प्रैक्टिकल बुक प्रस्तुत करने के लिए 15 दिनों की समयावृध्दि दी जायेगी. इसके साथ ही परीक्षा के दौरान कनिष्ठ महाविद्यालयों में किसी तरह की कोई भीडभाड न हो, इस बात का भी ध्यान कनिष्ठ महाविद्यालय प्रशासन को रखना होगा. ऐसा भी विभागीय शिक्षा मंडल द्वारा सभी कनिष्ठ महाविद्यालयों को निर्देश दिया गया है.

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