विदर्भ के उपर से होकर गुजरी आंतरिक्षा यात्री सुनिता विलियम्स
दूरबीन के बिना भी कई लोगों ने देखा स्पेस स्टेशन को

* आज से ही शुरु होगी विलियम्स की वापसी की यात्रा
अमरावती/दि. 12- मंगलवारी की शाम विदर्भ क्षेत्र के खगोल प्रेमियों के लिए विशेष साबित हुई जब विदर्भ वासियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्थानक यानी आईएसएस को खुली आंखों से देखने का अवसर मिला. मंगलवार की शाम 7.12.59 बजे पश्चिम दिशा से आईएसएस ने विदर्भ के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रवेश किया और 7.19.10 बजे के आसपास उत्तर दिशा की दायी ओर आईएसएस तेजरफ्तार के साथ आगे बढता हुआ दिखाई दिया. इस दौरान यह अंतरिक्ष स्थानक किसी सफेद बिंदू की तरह चमकता हुआ दिखता रहा. जिसमें मूलत: भारतीय रहनेवाली अमरीकी विशेषज्ञ व अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स भी सवार है. जो विगत लंबे समय से कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते अपने साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ अंतरिक्ष में ही अटकी हुई है.
बता दें कि, आज बुधवार 12 मार्च से ही अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी की प्रक्रिया शुरु होनी जा रही है. जिसके चलते यह संभवत: अंतिम मौका था जब सुनिता विलियम्स विदर्भ क्षेत्र के आसमान से होकर गुजरी. साथ ही विदर्भ वासियों को अपने घर की छत पर खडे रहकर खुली आंखों से इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन को देखने का शानदार अनुभव भी मिला. हालांकि आईएएस कई बार विदर्भ क्षेत्र के आसमान से होकर गुजरता है और कई बार खुली आंखों से भी दिखाई देता है. लेकिन इसके बाद आईएसएस में सुनिता विलियम्स नहीं रहेगी बल्कि उनकी बजाए नासा के अन्य अंतरिक्ष यात्री इस स्पेस स्टेशन में सवार रहेंगे.
ज्ञात रहे कि, गत वर्ष जून माह में सुनिता विलियम्स व बुच विल्मोर केवल 8 दिनों के अभियान पर अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन हेतु रवाना हुए थे. परंतु कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते वे वहीं पर अटक कर रह गए. जिन्हें धरती पर सकुशल वापिस लाने हेतु नासा द्वारा प्रयास लगातार किए जा रहे थे. जिसके तहत अब बुधवार 12 मार्च को स्पेस एक्स का क्रू-10 मिशन बुधवार 12 मार्च को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा. जो अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर कुछ नए अंतरिक्ष यात्रियों को छोडने के साथ ही वहां से सुनिता विलियम्स व बुच विल्मोर को वापिस लेकर आएगा. जिसके चलते अब अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर सुनिता विलियम्स नहीं रहेगी, ऐसे में संभवत: वे आईएसएस के जरिए आखरी बार विदर्भ क्षेत्र के उपर से होकर गुजरी है.
आईएसएस को गत रोज अमरावती के साथ ही यवतमाल, वाशिम, वर्धा, नागपुर, चंद्रपुर व भंडारा जिलो के खगोल प्रेमियों ने भी खुली आंखों से देखने का अनुभव प्राप्त किया है.