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बिजीलैण्ड में दुकाने खोलने का प्रयास रहा असफल

  •  दो दुकानों पर हुई दंडात्मक कार्रवाई

  •  तहसीलदार व पुलिस प्रशासन का रहा कडा बंदोबस्त

  •  सभी व्यापारियों व कर्मचारियों को उलटे पैर वापिस लौटना पडा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.9 – लॉकडाउन को पीछे नहीं लिये जाने पर बिझीलैण्ड व्यापारिक संकुल सहित ड्रीम्जलैण्ड व सिटीलैण्ड के भी कई व्यापारियों ने शुक्रवार 9 अप्रैल से अपनी दुकाने खोलने का ऐलान किया था. ऐसे में शुक्रवार की सुबह व्यापारियों के साथ-साथ यहां के प्रतिष्ठानों में काम करनेवाले सैंकडों कर्मचारी भी इकठ्ठा हो गये. किंतु इस परिस्थिति से निपटने के लिए तीनों व्यापारिक संकुलों के परिसर में तहसील एवं पुलिस प्रशासन की ओर से तगडा बंदोबस्त लगाया गया था. ऐसे में यहां के व्यापारियों सहित सभी कर्मचारियों को उलटे पैर वापिस लौटना पडा. वहीं इस दौरान बिजीलैण्ड व्यापारी संकुल में मुख्य शटर बंद रखते हुए दुकान के भीतर व्यवसायिक गतिविधियां जारी रखनेवाले कंचिता साडी सेंटर व सुमित क्रिएशन नामक दो प्रतिष्ठानोें के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तहसीलदार काकडे ने दोनों प्रतिष्ठानोें के संचालकों पर 10-10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया. साथ ही दुकान के भीतर मौजूद सभी लोगों को बाहर निकाला.

  • हाईवे पर काफी देर तक रहा भीडभाड का माहौल

शुक्रवार की सुबह बिजीलैण्ड व्यापारी संकुल की दुकाने खुलनेवाली है, ऐसी जानकारी रहने के चलते यहां पर काम करनेवाले कर्मचारी व कामगार शुक्रवार की सुबह से बिजीलैण्ड परिसर में पहुंच गये थे. किंतु बिजीलैण्ड व्यापारी संकुल का मुख्य प्रवेश द्वार बंद रहने की वजह से इन कर्मचारियों की भीड हाईवे पर जमा हो गयी. जिससे यहां पर काफी देर तक यातायात भी प्रभावित रहा.

  •  भाजपाईयों ने बैंक व मुख्य प्रवेश द्वार खुलवाने दिया धरना

बिजीलैण्ड व्यापारिक संकुल परिसर में एक राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा है. किंतु इस व्यापारिक संकुल का प्रवेश द्वार ही बंद रहने की वजह से बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अपने कार्यालय में जाने हेतु तकलीफ हो रही थी. इसी बीच व्यापारियों के आंदोलन को अपना समर्थन देने हेतु शहर भाजपा के कई पदाधिकारी मौके पर पहुंच गये और उन्होंने बिजीलैण्ड के मुख्य प्रवेश द्वार व बैंक कार्यालय को खोलने हेतु धरना आंदोलन करना शुरू किया. साथ ही भाजपा पदाधिकारियों द्वारा सिटीलैण्ड व ड्रीम्जलैण्ड के व्यापारियों से भी अपने-अपने प्रतिष्ठान खोलने हेतु कहा गया. किंतु तब तक तहसीलदार काकडे द्वारा दो प्रतिष्ठानों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी सभी व्यापारियोें तक पहुंच चुकी थी. ऐसे में कोई भी अन्य व्यापारी अपनी दुकाने खोलने के लिए तैयार नहीं हुआ..

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