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तीसरे दिन भी शालाओं में उपस्थिति ने रफ्तार नहीं पकडी

  •  कई शालाओं में हाजरी घटी भी

  • कोरोना को लेकर है जबर्दस्त भय व खौफ का माहौल

अमरावती/प्रतिनिधि दि.25 – राज्य सरकार द्वारा विगत 23 नवंबर से राज्य की उच्च माध्यमिक शालाओं व कनिष्ठ महाविद्यालयों में 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं को खोलने की अनुमति दी गई. जिसके बाद शहर सहित जिले की कई शालाओं में कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए इन कक्षाओं में पढाई का काम शुरू किया गया है, लेकिन सबसे बडी समस्या इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर है. जो इस समय बेहद अत्यल्प है. साथ ही कुछ स्थानों पर तो पहले दो दिनों की तुलना में तीसरे दिन हाजरी की संख्या घट भी गयी है.
बता दें कि, अमरावती शहर सहित जिले में कुल 525 शालाएं है. जिनकी 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं में करीब 1 लाख 55 हजार विद्यार्थी प्रवेशित है. लेकिन 23 नवंबर को शालाएं खोलने के पहले दिन इसमें से मात्र 6 हजार और दूसरे दिन लगभग 9 हजार विद्यार्थी ही अपनी कक्षाओें में पहुंचे. शहरी क्षेत्र की शालाओें के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की कई शालाओं में तो यह स्थिति भी देखी गयी कि, कक्षाओं में मात्र 5-10 विद्यार्थी ही पहले दो दिनों में उपस्थित हुए थे और अन्य विद्यार्थियों की गैरहाजरी को देखते हुए तीसरे दिन इन विद्यार्थियों की संख्या भी घट गयी. ज्ञात रहे कि, राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद राज्य सरकार ने सभी शालाओं को चरणबध्द ढंग से खोलने का नियोजन करना शुरू किया. जिसके पहले चरण में कक्षा 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों की ऑफलाईन पढाई शुरू करने की अनुमति दी गई है. किंतु इसी दौरान दीपावली पश्चात राज्य में अचानक ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार दुबारा तेज होती दिखाई दी और अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने की संभावना भी जताई जा रही है. ऐसे में सभी अभिभावकों में अपने बच्चों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को लेकर चिंता का माहौल है और कोई भी मौजूदा हालात में अपने बच्चों को लेकर किसी भी तरह का खतरा मोल लेने के लिए तैयार नहीं है. यहीं वजह है कि, इस समय जिले की शालाओं में कुल विद्यार्थियों की तुलना में दस प्रतिशत विद्यार्थी भी अपनी कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो पाये है.
हालांकि जो विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में उपस्थित हो रहे है, उनके लिए सभी शाला प्रबंधन द्वारा सैनिटाईजेशन एवं सोशल डिस्टंसिंग के लिए तमाम तरह के प्रबंध किये गये है और विद्यार्थियों को कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों के संदर्भ में जागरूक भी किया जा रहा है. साथ ही अभिभावकों को भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के संदर्भ में निश्चिंत किया जा रहा है. किंतु बावजूद इसके अब तक सभी में कोरोना को लेकर जबर्दस्त भय का माहौल है.

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