* महावितरण की विनती अनसुनी
अमरावती/दि.20- जन-जन के देवता गणेशजी की स्थापना हो गई. उत्सव प्रारंभ हो गया. दस दिवसीय उत्सव सर्वत्र धूमधाम से मनाया जा रहा. लगभग 1765 सार्वजनिक मंडल जिले में रहने के बावजूद केवल 21 मंडलों में महावितरण के पास नियमित आवेदन कर उत्सव के लिए वैध बिजली ली है. शेष हजारों मंडल इस बारे में न केवल बिजली कंपनी की विनंती को अनदेखा कर रहे, बल्कि सुरक्षा भी खतरे में डाल रहे हैं. जबकि घरेलू रेट पर ही बिजली दी जा रही है. उसका आवेदन का शुल्क भी नाममात्र रखा गया है.
* अवैध कनेक्शन सुरक्षित नहीं
बिजली कंपनी के अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि अधिकांश मंडल अवैध कनेक्शन की बिजली का उपयोग कर रहे हैं. किन्तु यह सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है. मंडल डेकोरेशन और अन्य बातों पर लाखों रुपए खर्च करते हैं. हजारों दर्शनार्थी उमड़ते हैं. बिजली का अवैध कनेक्शन इन दर्शनार्थियों की जान खतरे में डाल सकता है.
* घरेलू रेट, नाममात्र शुल्क
बिजली कंपनी के पीआरओ फूलसिंह राठोड ने बताया कि उत्सव मंडलों को घरेलू मीटर समान दर लागू करने के साथ कनेक्शन के शुल्क नाममात्र रखे गए हैं. फिर भी उदासीनता समझ से परे है.
* जांच दल गठित
अधिकांश मंडलों में पास पड़ोस से बिजली ली गई है. पोल से सीधे कनेक्शन जोड़े गए हैं. उनकी जांच के लिए महावितरण ने टीम बनाई है. मगर अधिकारियों का ऑफ द रिकॉर्ड कहना है कि धार्मिक उत्सव होने से वे भी कार्रवाई से बचते हैं. किन्तु कोई दुर्घटना, हादसा होेने पर उसका जिम्मेदार कौन होगा? यह सवाल है. बिजली किसी के घर या प्रतिष्ठान से ली गई है तो उसका भार तो उस पर पड़ता ही है. पूरे जिले में केवल 21 सार्वजनिक मंडल हैं जिन्होंने अधिकृत कनेक्शन लिया है.
शहर के 17 और ग्रामीण क्षेत्र के केवल 4 मंडलों के पास कनेक्शन
जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर के 491 और ग्रामीण क्षेत्र के कुल 1274 सार्वजनिक गणेश मंडलों ने विघ्नहर्ता की स्थापना की है. इसमें 14 तहसील के ग्रामीण क्षेत्र के 504, शहरी क्षेत्र की 448 और एक गांव एक गणपति 322 गांवों में स्थापना हुई है. इस तरह कुल 1765 सार्वजनिक गणेश मंडलों की स्थापना हुई है. लेकिन इनमें से अमरावती शहर के 17 और ग्रामीण क्षेत्र में केवल 4 सार्वजनिक गणेश मंडलों ने पंडाल में महावितरण कंपनी से स्वतंत्र विद्युत कनेक्शन लिए हैं.