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शिशु बिक्री करनेवाली टोली को पकडा

अकोला और यवतमाल बाल सुरक्षा विभाग की कार्रवाई

यवतमाल/ दि.1 – बच्चा दत्तक देने के लिए उपलब्ध होने का मैसेज यवतमाल जिले में वायरल होने के बाद 36 घंटे का स्टींग ऑपरेशन चलाकर 15 दिन की बालिका की बिक्री करनेवाली टोली को हिरासत में लिया गया है. विशेष बात यह रही कि बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ने स्वयंम डमी पालक बनकर घटना का पर्दाफाश किया. इसके अलावा अकोला और यवतमाल इन दो जिले की बाल सुरक्षा समिति ने योग्य समन्वय साधते हुए बालिका को कब्जे में लिया.
गुरूवार को बेटी फाउंडेशन संस्था ने 15 दिनों का बच्चा दत्तक देने के लिए उपलब्ध है, यह संदेश सोशल मीडिया पर वायरल किया. यह मैसेज अकोला के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने पढा और उन्होंने वायरल मैसेज की पडताल करने के लिए डमी पालक बनकर संस्था में फोन किया. इसके अलावा महिला व बाल कल्याण आयुक्त को इस बारे में जानकारी दी. इसके बाद यवतमाल और अकोला के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और जिला बाल सुरक्षा अधिकारी ने स्टींग ऑपरेशन की योजना बनायी. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में डमी पालक बनकर बिक्री करनेवाली संस्था से बालक खरीदने की योजना बनायी. जिसके बाद 30 सितंबर को अवैध बाल दत्तक व बिक्री करने की प्रक्रिया शुरू रहते समय 15 दिनों की बच्ची का प्रत्यक्ष स्टींग ऑपरेशन कर अकोला व यवतमाल जिले के बाल न्याय यंत्रणा की ओर से कार्रवाई कर कब्जे में लिया गया. इसके अलावा संबंधित बच्ची के माता-पिता और सहभागी बेटी फाउंडेशन के सदस्यों को पुलिस के हवाले किया गया. साथ ही बच्ची को कब्जे में लिया गया. जिलाधिकारी अमोल येडगे के मार्गदर्शन में अकोला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष पल्लवी कुलकर्णी, दोनों जिले के बाल सुरक्षा विभाग, पुलिस विभाग ने स्टींग ऑपरेशन सफल किया. कार्रवाई के दौरान यवतमाल बाल कल्याण समित अध्यक्ष एड. सुनील घोडेसवार, जिला परिवक्षाधीन अधिकारी गजानन जुमले, अकोला जिला बाल सुरक्षा अधिकारी राजू लाडूलकर, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र राजुरकर, सामाजिक कार्यकर्ता वनिता शिरफुले, रविंद्र गजभिए, महिला व बाल विकास कर्मचारी, थानेदार व सभी पुलिस कर्मचारियों ने सहभाग लिया. कार्रवाई में बिरसीस, जिमबा मरसाले व ज्योति कडू ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

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