मराठा आंदोलन को लेकर शिंदे सरकार पर भडके बच्चू कडू
बोले- सीधी सरल बात को घुमा-फिराकर मुश्किल कर दिया गया
मुंबई/दि.14 – मराठा समाज को आरक्षण देना बेहद साधी-सरल और आसान बात थी. जिसे राज्य सरकार ने घुमा-फिराकर काफी मुश्किल कर दिया है. इस आशय की प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के पूर्व मंत्री व विधायक बच्चू कडू ने अपने ही समर्थन वाली शिंदे सरकार पर हल्लाबोल किया है. साथ ही कहा कि, मराठा और कुणबी एक ही है. ऐसे में या तो मराठा समाज को स्वतंत्र आरक्षण दिया जाए, या फिर ओबीसी कुणबी के तौर पर उन्हें आरक्षित संवर्ग में शामिल किया जाए. इसके साथ ही यदि कृषि संंबंधी नीति तय की जाती है, तो आरक्षण की कोई जरुरत ही महसूस नहीं होगी.
इसके अलावा विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, मराठा किसी जाति का नहीं, बल्कि मुलुख का नाम है. शिवाजी महाराज के नाम में युद्ध लडने वाले कुणबियों को भी मराठा कहा जाने लगा. जिसमें अठरापगड जातियों के लोगों का समावेश था. उस समय सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों को मराठा व खेतीबाडी करने वाले लोगों को कुणबी कहा जाता था. जबकि दोनों की जाति एक ही थी. ऐसे में यदि सरकार द्बारा सभी को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है और खेती किसानी के विकास पर ध्यान दिया जाता है, तो किसी को भी आरक्षण मांगने की जरुरत ही नहीं पडेगी. इसके साथ ही विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, आरक्षण के मुद्दे पर विधान मंडल का विशेष अधिवेशन बुलाने की भी कोई जरुरत नहीं है. इसकी बजाय सभी विधायकों से इस मुद्दे पर उनके मत लिखित तौर पर मंगाए जाए. क्योंकि जो भी समाज हमारे यानि विधायकों के सामने आता है, हम उसके बारे में मीठा-मीठा ही बोलते है. जबकि हकीकत में हमारे विचार कुछ अलग होते है.