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स्नातक चुनाव में 21 प्रत्याशियों की जमानत जब्त

23 में से धीरज लिंगाडे व डॉ. रणजीत पाटिल ही डिपॉझिट बचा पाए

अमरावती/दि.9 – किसी भी चुनाव में विजय व पराजीत उम्मीदवारों सहित कितने प्रत्याशियों का डिपॉझिट जब्त होता है, इसकी ओर नागरिकों का विशेष तौर पर ध्यान रहता है. हाल ही में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव हुआ. जिसके चुनावी मैदान में कुल 23 उम्मीदवार मौजूद थे. इसमें से पहले व दूसरे स्थान पर रहने वाले 2 प्रमुख प्रतिद्बंदियों को छोडकर शेष 21 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है.
उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2017 के स्नातक चुनाव में कुल 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. जिसमें से विजयी रहने वाले भाजपा प्रत्याशी डॉ. रणजीत पाटिल व दूसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस प्रत्याशी संजय खोडके का डिपॉझिट बच गया था. वहीं शेष 11 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. ऐसे में इस बार के चुनाव में कितने प्रत्याशी अपनी जमानत जब्त होने से बचा पाते है. इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ था. इस बार सन 2017 के चुनाव की तुलना में परिणाम की स्थिति काफी उलट रही है. 2017 में भाजपा प्रत्याशी रणजीत पाटिल ने कांग्रेस प्रत्याशी संजय खोडके को पराजीत किया था. वहीं इस बार कांग्रेस प्रत्याशी धीरज लिंगाडे के हाथों भाजपा प्रत्याशी रणजीत पाटिल को हार का सामना करना पडा और इन दोनों प्रत्याशियों की ही जमानत राशि जब्त होने से बच गई. वहीं चुनावी मैदान में उतरने वाले शेष 21 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. सबसे खास बात यह है कि, इस बार के चुनाव में केवल 5 उम्मीदवार ऐसे रहे, जिन्हें चार अंकी संख्या में वोट मिले. वहीं 5 उम्मीदवारों को तीन अंकी व 13 उम्मीदवारों को दो अंकी वोटों पर संतोष करना पडा. साथ ही 2 उम्मीदवारों को एक समान 14-14 वोट मिले. यानि एक तरह का सहयोग रहा.

* जमानत की जादूई फिगर का सूत्र
किसी भी मतदान मेें वैध पाए गए वोटों को 6 हिस्सों में विभाजीत करने के बाद अगर कम से कम उतने वोट किसी प्रत्याशी को मिलते है, तो उसकी जमानत राशि उसे वापिस लौटा दी जाती है. साथ ही इससे कम वोट मिलने पर निर्वाचन विभाग द्बारा संबंधित प्रत्याशी अथवा प्रत्याशियों की जमानत राशि को जब्त कर लिया जाता है. इस बार हुए स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कुल 94200 वोट वैध पाए गए थे. जिसके चलते डिपॉझिट राशि बचाने हेतु 15700 वोटों की संख्या तय की गई. परंतु प्रमुख 2 प्रतिद्बंदी प्रत्याशियों के अलावा शेष 21 उम्मीदवार इतने वोट हासिल ही नहीं कर पाए. जिसके चलते उनका डिपॉझिट जब्त कर लिया गया. बता दें कि, स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में आरक्षित प्रवर्ग से वास्ता रखने वाले प्रत्याशी हेतु 50 हजार रुपए व सर्वसाधारण प्रवर्ग के प्रत्याशी हेतु 1 लाख 30 हजार रुपए की जमानत राशि तय की गई थी. जिसे नामांकन के समय प्रत्याशियों द्बारा निर्वाचन विभाग के पास जमा कराया गया था और 21 प्रत्याशियों द्बारा जमा कराई गई यह जमानत राशि अब सरकारी तिजोरी में जमा हो गई है.

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