50 प्रश्नों के उत्तरों पर 100 अंकों की खैरात
सीनेट सदस्य डॉ. देशमुख ने विद्यापीठ के प्रयोग को बताया अफलातून
अमरावती प्रतिनिधि/दि.2- संगाबा अमरावती विद्यापीठ के सीनेट सदस्य प्रा. डॉ. विवेक देशमुख ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में आरोप लगाया है कि, विद्यापीठ द्वारा महाविद्यालयीन स्तर पर ली गयी परीक्षा अपने आप में एक अफलातून प्रयोग है. जिसमें विद्यार्थियों को 50 प्रश्नों पर 100 अंकों की खैरात बांटी जा रही है तथा जब परीक्षा परिणाम घोषित होंगे, तब इस परीक्षा पध्दति की पूरी असलियत सबके सामने आ जायेगी.
प्रा. डॉ. विवेक देशमुख के मुताबिक विद्यापीठ के पास स्वतंत्र परीक्षा व मूल्यांकन विभाग सहित तमाम मुलभूत सुविधाएं रहने के बाद भी विद्यापीठ को तीन से चार बार अपनी परीक्षा रद्द करनी पडी, क्योंकि विद्यापीठ ने एक बाहरी एजेन्सी पर परीक्षा का जिम्मा डाला था और वह ऐजन्सी अपने काम में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई. वहीं अब विद्यापीठ ने सभी महाविद्यालयों को दस दिन के भीतर अंतिम सत्र के विद्यार्थियों की ऑनलाईन व ऑफलाईन सहित असाइंमेंट बेस पर आधारित परीक्षा लेने के लिए बाध्य किया. इस संदर्भ में परीक्षा मंडल के संचालक डॉ. हेमंत देशमुख का एक वीडियो विद्यापीठ द्वारा जारी किया गया है. जिसमें पहले साढेतीन मिनट में उन्होंने परीक्षा पध्दति को समझाने का प्रयास करते हुए कहा कि, पूरे सिलॅबस को कवर करते हुए प्रश्नपत्रिका तैयार की जायेगी और लिखित परीक्षा में विद्यार्थियों को प्रश्नपत्रिका में रहनेवाले 40 में से कोई भी 20 प्रश्न ही हल करने होंगे, ऐसा भी कहा गया है. प्रश्नपत्रिका के 40 प्रश्नों में से 20 सही उत्तर रहनेवाले प्रश्नों का ही मूल्यमापन होगा और 40 में से 50 फीसदी प्रश्नों के उत्तर बराबर रहने पर प्रति उत्तर दो अंक के हिसाब से विद्यार्थियों को 40 में से 40 यानी शत-प्रतिशत अंक हासिल होंगे. ऐसे में संचालक के निर्देशों का पालन करते हुए व्यवहारिक दृष्टि से चतुर रहनेवाले विद्यार्थी सभी 40 प्रश्नों का सही जवाब देते हुए मूल्यांकन में जायेंगे. यहां पर गडबडी पैदा होगी. क्योंकि कुछ विद्यार्थी केवल 20 प्रश्न हल करेंगे. जिन्हें 40 अंक मिलेंगे. वहीं व्यवहारिक दृष्टि से चतुर रहनेवाले विद्यार्थियों की लॉटरी लग जायेगी और 20 से अधिक प्रश्नों के जवाब सही रहने पर विद्यापीठ को उन्हें 40 से अधिक अंक देना ही पडेगा. जबकि प्रश्नपत्र ही 40 अंकों का है, लेकिन नियमानुसार विद्यापीठ द्वारा किसी भी सही जवाब के अंक नहीं काटे जा सकते है. ऐसे में मूल्यांकन के बाद इस ऑनलाईन व ऑफलाईन परीक्षा की पूरी असलियत सामने आ जायेगी.