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बालासाहेब खडसे ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

प्रहार कार्यकर्ता और किसान

  • सुसाइड नोट में कर्ज बाजारी और नापिकी का उल्लेख

परतवाड़ा/अचलपुर दि. १७ – स्थानीय संतोषनगर निवासी प्रहार जनशक्ति पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता और संपन्न किसान बालासाहेब उर्फ प्रकाश खडसे (62 )ने आज 17 अप्रैल की सुबह आत्महत्या कर ली.
  धारणी रोड पर गौरखेड़ा कुंभी गाँव मे उनका खेत है.उन्ही के खेत के बाजू में शिरस्कार का खेत है.शिरस्कार के खेत मे एक पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर प्रकाश ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली.
प्रकाश को एक पुत्र, एक पुत्री ,पत्नी एवं एक भाई है.पूर्व में प्रकाश यह स्थानीय पीडब्ल्यूडी अचलपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में सेवारत थे.अभी कुछ वर्षों पूर्व ही वो सेवानिवृत हुए.गौरखेड़ा कुंभी में प्रकाश का अपना भी खेत है.वो रोजाना सुबह 6 बजे के करीब अपने खेत पर जाते थे.आज शनिवार की सुबह साढ़े चार बजे प्रकाश अपनी पत्नी के साथ सैर करने के लिए सर्किट हाउस रोड की ओर गये.बाद में रोजमर्रा की तरह वो 6 बजे खेत जाने को बाइक लेकर निकले.गौरखेड़ा गाँव से होकर जब वो खेत मे जा रहे थे तब उनकी अपने पड़ोसी खेत मालिक शिरस्कार से सुबह की रामराम भी हुई.इससे कुछ ही देर बाद सुबह 6.50 के करीब शिरस्कार जब अपने खेत मे पहुंचे तो उन्हें प्रकाश का शव पेड़ पर लटका दिखाई दिया.उन्होंने झट अपने एक परिचित गोपी को मदत के लिए फोन कर बुलाया.तत्काल पुलिस पाटिल बेदरकर को भी सूचना दी गई.
प्रकाश की जेब से सुसाइड नोट निकला. सुसाइड नोट में प्रकाश ने यूनियन बैंक का 8 लाख रुपये का कर्ज होने और फसल के हो रहे निरंतर (नापिकी) नुकसान को अपनी आत्महत्या के लिए जवाबदार होने की वजह बताई है.प्रकाश को एरिया के संपन्न किसानों में माना जाता था.प्रकाश की जेब से पुलिस पाटिल बेदरकर ने उक्त सुसाइड नोट बरामद किया.तत्काल थानेदार सदानंद मानकर को इसकी सूचना दी गई.पुलिस भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई थी.प्रकाश का पार्थिव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.अलसुबह ही प्रकाश के आत्महत्या की खबर आग की तरह पूरे शहर में फैल गई.प्रहार के सभी पदाधिकारी,कार्यकर्ताओं के अलावा संतोषनगर-गोपालनगर के खडसे के सभी मित्र-शुभचिंतको का जमावड़ा गौरखेड़ा कुंभी में हो गया था.लोगो को विश्वास ही नही हो रहा था कि दूसरों को हिम्मत देता,दुख-दर्द में काम आते बालासाहेब खडसे ने आत्महत्या कर ली.राज्यमंत्री बच्चू कडू के नजदीकी कार्यकर्ताओ में खडसे की गिनती होती थी.पिछले कोरोना काल मे खडसे ने कई दिनों तक गोर-गरीब और जरूरतमंदों को भोजन करवाने का कार्यक्रम भी चलाया था.उनके निधन पर शहर में शोक की लहर है.प्रहार के अलावा सभी शुभचिंतको द्वारा शोक संवेदना और श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
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