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‘उस‘ आर्किटेक्ट दम्पत्ति के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर लगी रोक

  • हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश

  • फार्म हाउस के विवाद को लेकर आर्किटेक्ट और एक बडे नेता के बीच हुआ था विवाद

  • एक-दूसरे के खिलाफ एट्रॉसिटी एक्ट व विनयभंग सहित मारपीट को लेकर दर्ज करायी गयी थी शिकायतें

 अमरावती/प्रतिनिधि दि.१ – अमरावती शहर के एक ख्यातनाम आर्किटेक्ट(ARCHITECT) तथा उनकी पत्नी व पिता के खिलाफ अगले आदेश तक कोई दोषारोप पत्र दायर न किया जाये. साथ ही उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई भी न की जाये. इस आशय का आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने स्थानीय फ्रेजरपुरा पुलिस को दिया है. बता दें कि, इस आर्किटेक्ट तथा उनकी पत्नी व पिता के खिलाफ उनकी भागीदारीवाले फार्म हाउस पर कार्यरत चौकीदार द्वारा जातिवाचक गालीगलौच करते हुए मारपीट करने को लेकर एट्रॉसिटी एक्ट के तहत फ्रेजरपुरा थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी. जिसके बाद संबंधित परिवार राहत पाने हेतु नागपुर हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा था. इस मामले के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक इस परिवार का शहर में ही रहनेवाले एक अन्य व्यक्ति के साथ भानखेडा परिसर में भागीदारी तत्व पर एक फार्म हाउस है. जहां पर विगत २३ अगस्त को इस परिवार का अपने भागीदार सहित भागीदार की ओर आये शहर के एक राजनीतिक व्यक्ति के साथ फार्म हाउस पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ. जिसके बाद इस परिवार ने अपने भागीदार सहित उसके राजनीतिक साथी के खिलाफ फ्रेजरपुरा थाने में अपने साथ मारपीट करने व अपनी पत्नी का विनयभंग करने को लेकर शिकायत दर्ज करायी गयी.
वहीं दूसरी ओर उस फार्म हाउस पर कार्यरत चौकीदार ने इस आर्किटेक्ट तथा उसकी पत्नी व पिता के खिलाफ अपने साथ मारपीट किये जाने व जातिवाचक गालीगलौच करते हुए फार्म हाउस में बने उसके घर में तोडफोड करने को लेकर शिकायत दर्ज करायी. फ्रेजरपुरा पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज करते हुए अपनी कार्रवाई शुरू की. जिसके तहत आर्किटेक्ट तथा उसकी पत्नी व पिता के साथ मारपीट करनेवाले उसके भागीदार व शहर के राजनीतिक व्यक्ति के खिलाफ धारा ३५४, २९४, ५०६ व ३४ के तहत अपराध दर्ज किया गया. वहीं खेत के चौकीदार द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर आर्किटेक्ट सहित उसकी पत्नी व पिता के खिलाफ धारा ४५४, ३८०, व ४२७ सहित एट्रॉसिटी एक्ट की धारा ३ (१) (आर) (एस) के तहत अपराध दर्ज किया गया. जिसके बाद आर्किटेक्ट के परिवार ने खुद को भुक्तभोगी व पीडित पक्ष बताते हुए अपने खिलाफ दर्ज अपराध को रद्द करवाने हेतु एड. परवेज मिर्जा के मार्फत नागपुर खंडपीठ में एक याचिका दाखिल की. जिस पर न्या. सुनील शुकरे व न्या. अविनाश घारोटे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई.
सुनवाई पश्चात हाईकोर्ट ने फ्रेजरपुरा पुलिस को आदेश दिया कि, फिलहाल याचिकाकर्ता परिवार के खिलाफ दोषारोप पत्र दाखिल न किया जाये और उनके खिलाफ बलपूर्वक कोई कार्रवाई न की जाये. वहीं दूसरी ओर फिलहाल यह पता नहीं चला है कि, आर्किटेक्ट तथा उनके पिता के साथ गालीगलौच करते हुए उन्हें लातों-घूसों से मारने और आर्किटेक्ट की पत्नी के साथ धक्कामुक्की करते हुए उसका विनयभंग करने के मामले में फ्रेजरपुरा पुलिस द्वारा आगे ्नया कार्रवाई की गई है. बहरहाल शहर के बेहद संभ्रांत लोगों से संबंधित इस मामले को लेकर शहर में काफी चर्चाएं है और आर्किटेक्ट परिवार द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस की ओर से ्नया कदम उठाये जाते है. इसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.

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