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चिखलदरा के सातपुडा रिसोर्ट की निविदा प्रक्रिया पर रोक

ऐन स्क्रूटनी के समय जिलाधीश ने जारी किया स्थगिती आदेश

* सातपुडा रिसोर्ट को कब्जे में लेने राजनीतिज्ञ व बिल्डरों में मचा है जबर्दस्त घमासान
* दूसरी बार चलाई गई निविदा प्रक्रिया में 5 इच्छूकोें ने लिया था हिस्सा
* 6 एकड के विशालकाय क्षेत्रफल में बना हुआ है शानदार व आलिशान रिसोर्ट
अमरावती /दि.25 विदर्भ का नंदनवन कहे जाते पर्यटन नगरी चिखलदरा में राज्य सरकार के नगरविकास संचालनालय एवं पर्यटन विभाग द्वारा बनाये गये सातपुडा रिसोर्ट को चलाने हेतु किराये पर देने के लिए शुरु की गई निविदा प्रक्रिया दूसरी बार अधर में लटकती दिखाई दे रही है. इस निविदा प्रक्रिया में कम से कम 3 निविदाएं प्राप्त होने की शर्त रखी गई थी. परंतु पहली बार की निविदा प्रक्रिया में केवल 2 इच्छूक ही सामने आये थे. ऐसे में उस निविदा प्रक्रिया को रद्द कर नये सिरे से निविदा प्रक्रिया चलाई गई. जिसमेें 5 इच्छूक एजेंसियों ने अपने निविदा फार्म पेश किये. जिनकी आज स्कू्रटनी यानि जांच पडताल व छटनी होनी थी. परंतु ऐन समय पर जिलाधीश सौरभ कटियार द्वारा हस्तक्षेप करते हुए इस प्रक्रिया को बीच में ही रुकवा दिया गया. जिसमें सातपुडा रिसोर्ट की निविदा प्रक्रिया का मामला एक बार फिर अधर में फंस गया है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक करीब 6 एकड के क्षेत्रफल में बनाये गये सातपुडा रिसोर्ट में 20 आलिशान कमरे व 2 बैंक्वेट हॉल के साथ ही अत्याधुनिक व सर्वसुविधायुक्त किचन भी है. सरकार द्वारा बनाये गये इस रिसोर्ट को नगर परिषद अधिनियम 1965 की धारा 9 के तहत चिखलदरा नगर परिषद की मिल्कियत के तौर पर मान्यता दी गई. साथ ही चिखलदरा नगर परिषद को यह रिसोर्ट किराये पर देकर संचालित करने का अधिकार भी दिया गया. जिसके चलते सातपुडा रिसोर्ट करीब 22 वर्षों से अकोला निवासी झुनझुनवाला नामक व्यक्ति के पास किराए पर सौंपा गया था. जिससे कानूनी लडाई लडकर चिखलदरा नगर परिषद ने इस रिसोर्ट को खाली करवाया. साथ ही इसे नये सिरे से किराये पर देने हेतु कुछ अरसा पहले निविदा प्रक्रिया शुरु की गई, तो उस समय होटल महफिल इन के संचालक गोपाल मूंधडा तथाम महालक्ष्मी जिनिंग एण्ड प्रेसिंग के संचालक अनिकेत कोकाटे की ओर से कुल जमा दो टेंडर प्राप्त हुए थे. परंतु निविदा प्रक्रिया को आगे बढाने के लिए कम से कम 3 इच्छूकों की ओर से टेंडर मिलना आवश्यक रहने की शर्त रखी गई थी. ऐसे में 3 से कम टेंडर मिलने के चलते इस निविदा प्रक्रिया को रद्द करते हुए दूसरी बार नये सिरे से निविदा प्रक्रिया चलाई गई और इस बार होटल महफिल इन की ओर से गोपाल मूंधडा, तिरुपति कॉटन इंडस्ट्रीज की ओर से दुर्गासेठ अग्रवाल, सुनिल खानजोडे व गोपाल पनपालिया, सुपर कम्प्यूटर्स एण्ड इलेक्ट्रॉनिक की ओर से रवि बुधलानी, नीलेश कुलकर्णी व योगेश नागेलकर, महालक्ष्मी जिनिंग एण्ड प्रेसिंग की ओर से अनिकेत कोकाटे तथा औरंगाबाद से वास्ता रखने वाली अजयदीप इन्फ्राकॉन प्रा. लि. द्वारा सातपुडा रिसोर्ट को अगले 3 वर्ष तक किराये पर चलाने की इच्छा जताते हुए अपनी निविदाएं पेश की गई है. इन सभी निविदाओं को गत रोज ही चिखलदरा नगर परिषद द्वारा खोला गया था और आवश्यक जांच पडताल करते हुए उनकी स्क्रूटनी की जा रही थी. लेकिन बीती रात ही जिलाधीश सौरभ कटियार ने ऐन समय पर एक आदेश जारी करते हुए सातपुडा रिसोर्ट की निविदा प्रकिया पर रोक लगा दी.
जानकारों के मुताबिक सातपुडा रिसोर्ट को हासिल करते हुए अपने कब्जे में लेने के लिए अमरावती जिले के सभी राजनेता व लीडर मैदान में उतर चुके है. वहीं मेलघाट क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल तो चिखलदरा नगर परिषद के मुख्याधिकारी पानझडे के खिलाफ बिगुल तक फुंक चुके है. जिसके तहत विधायक पटेल ने सीओ पानझडे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल निलंबित किये जाने की मांग जिलाधीश को सौंपे गये निवेदन में की थी. साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि, सातपुडा रिसोर्ट की निविदा प्रक्रिया पर जिलाधीश की ओर से रोक का आदेश भी विधायक राजकुमार पटेल ने ही लाया है. ऐसे में अब यह प्रक्रिया दोबारा कब शुरु होकर आगे बढती है. इसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.

* 50 हजार प्रतिमाह तक जा सकती है बोली
जानकारी के मुताबिक चिखलदरा नगर परिषद की ओर से शुरु की गई निविदा प्रक्रिया में सातपुडा रिसोर्ट से प्रतिमाह न्यूनतम 30 हजार रुपए का किराया आने की अपेक्षा जताई गई है. लेकिन अक्सर ही स्क्रूटनी की प्रक्रिया के बाद निविदा धारकों के बीच बोली लगाने की प्रतिस्पर्धा चलती है. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि, यदि सातपुडा रिसोर्ट हेतु चल रही निविदा प्रक्रिया के तहत स्क्रूटनी के बाद बोली की प्रक्रिया चलायी जाती, तो संभवत: 50 हजार रुपए प्रतिमाह तक बोली जा सकती थी. परंतु फिलहाल पूरा मामला अधर में लटक गया है.

 

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