बैंक की दो दिवसीय हडताल से आर्थिक व्यवहार ठप्प
शनिवार, रविवार को शासकीय अवकाश के बाद लगातार हडताल
अमरावती/प्रतिनिध दि.15 – केंद्र सरकार व्दारा अधिकांश बैंकों के निजीकरण करने के साथ ही नागरिकों के बैंकिंग अधिकारों को खत्म करने के प्रयास के विरोध में आज सोमवार 15 मार्च व कल मंगलवार 16 मार्च इस तरह दो दिन बैंक कर्मचारियों ने हडताल पुकारी है. इससे पहले शनिवार 13 मार्च को शासकीय अवकाश और उसके बाद कल रविवार को छुट्टी के कारण बैंक सेवाएं पहले ही दो दिन से बंद है, उसी में अब लगातार दो दिन बेैंक कर्मियों की हडताल के कारण बैंक का कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो गया है. जिसका जिसका नागरिकों के साथ आर्थिक व्यवहार पर भी असर देखा जा रहा है.
यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के अनुसार 1969 में देश में कुल 14 राष्ट्रीयकृत बैंक स्थापित की गई. इसके पीछे तत्कालीन सरकार का व्यापक दृष्टिकोन था. जिसके चलते देश के हर गांव, कस्बे में राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं स्थापित की गई. हर गांव के किसान से लेकर तो खेत मजदूर, छोटे व्यवसायी, बचत गट और गरीब जनता इन बैंकों में व्यवहार करने लगे. अधिकतर लोगों ने कम ब्याजदर के साथ बैंकों से कर्ज लेकर अपने उद्योग और व्यवसाय शुरु किये, लेकिन अब सरकार राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण करना चाहती है. जिससे फिर एक बार साहुकारों को बढावा देने की कोशिश की जा रही है. राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण होने से बैंक में खाता खोलने सामान्य व्यक्ति को महंगा पडेगा. क्योंकि खाता खोलने के लिए 5 से 10 हजार रुपए लगेंगे. साथ ही छोटे खाताधारकों को कर्ज मिलने में दिक्कतें आयेंगी. कर्ज की ब्याज दरों को बैंकों को अधिकार प्राप्त होगा, यहां तक की शैक्षणिक कर्ज उपलब्ध होने में भी परेशानी आयेगी. सरकार की इन्हीं नीतियों का विरोध करते हुए यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने आज से दो दिवसीय हडताल आरंभ की है.