रेमडेसिविर इंजेक्शन का ‘बैच नंबर’ खोलेगा कालाबाजारी का राज
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पुलिस ने अन्न व औषधि प्रशासन विभाग से मांगी रिपोर्ट
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अब पीडीएमसी का अटेंडंट पकडा गया रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ
अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – अमरावती में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए आवश्यक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का कल आयुक्तालय पुलिस की अपराध शाखा व्दारा की गई छापामार कार्रवाई में पर्दाफाश हुआ. इस मामले में शासकीय वैद्यकीय विभाग से जुडे 6 लोगों पर पुलिस ने विविध धाराओं के तहत कार्रवाई करने के बाद कल रात डॉ.पंजाबराव देशमुख वैद्यकीय महाविद्यालय में अटेेंडंट पद पर कार्यरत विनित फुटाणे को पुलिस ने हिरासत में लिया है. विनित के पास से हेट्रा कंपनी के 2 रेमडेसिविर व्हायल भी जब्त किये है. जिससे अब इस रैकेट में शामिल सातवां आरोपी भी पुलिस के हाथ लग चुका है. वहीं जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से रेमडेसिविर मामले की कालाबाजारी का पता लगाने स्वतंत्र जांच श्ाुरु की गई है. वहीं पुलिस विभाग की ओर से भी इस मामले की स्वतंत्र जांच की गई है. मामला कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संबंधित रेमडेसिविर इंजेक्शन से जुडा रहने के कारण पुलिस ने अब जांच में अन्न व औषधि प्रशासन विभाग की मदत ली है. आज सुबह पुलिस मुख्यालय में अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के दवा निरीक्षक मनीष गोटमारे को चर्चा के लिए बुलाया गया था. इस समय पुलिस ने उन्हें पत्र देकर रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण का रिकॉर्ड मांगा है.
उल्लेखनीय है कि किसी भी दवा पर उसका ‘बैच नंबर’ अंकीत रहता है. इस बैच नंबर की नोंद वह इंजेक्शन अथवा दवा जिस कंपनी में बनी उस कंपनी से लेकर तो स्थानीय शासकीय कोटे की दवा रही तो शासकीय विभाग में तथा उसके वितरण की जिम्मेदारी जिस फार्मासिस्ट पर सौंपी गई है, उस फार्मासिस्ट के पास भी रहती है. परसों रात 8 बजे से अमरावती पुलिस व्दारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश के चलते शुरु की गई मुहिम के तहत कल रात तक रेमडेसिविर के विविध कंपनी के 12 व्हायल जब्त किये गए है. इन सभी 12 रेमडेसिविर इंजेक्शन के व्हायल पर उसके ‘बैच नंबर’ अंकित है. यहीं ‘बैच नंबर’ अब रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले की जांच में मुख्य आधार बनेेेंगे.
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डॉ.पवन मालुसरे ने तिवसा पीएचसी के नाम पर उठाए 54 इंजेक्शन
इसी बीच ‘दैनिक अमरावती मंडल’ को मिली जानकारी के अनुसार तिवसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत तिवसा में भी कोविड सेंटर चलाया जाता है और पिछले माह जब तिवसा तहसील अंतर्गत कोरोना संक्रमितों का आंकडा जब बढ चुका था तब तिवसा पीएचसी में भी कोरोना संक्रमितों पर इलाज किये जा रहे थे. इस दौरान शासकीय कोटे से इर्विन अस्पताल से डॉ.पवन मालुसरे के नाम पर 54 रेमडेसिविर इंजेक्शन उठाए गए. जिसकी नोंद इर्विन अस्पताल के रिकॉर्ड में भी पायी गई है. इर्विन अस्पताल से डॉ.मालुसरे ने जो इंजेक्शन उठाए उसके ‘बैच नंबर’ की नोंद इर्विन अस्पताल के साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय के रिकॉर्ड में भी जमा है, इस तरह की जानकारी मिली है.
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डॉ.मालुसरे व पिंजरकर के निलंबन का प्रस्ताव मुंबई भेजा
जानकारी के अनुसार परसो मंगलवार रात 8 बजे से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश करने के लिए शुरु किये गए अभियान में अब तक पकडे गए वार्डबॉय शुभम सोनटक्के, शुभम किल्लेकर, लैब असिस्टंट डॉ.अक्षय राठोड, नर्स पूनम सोनोने यह सभी कंट्राटी पध्दति से सेवा में थे. इस कारण उन्हें तत्काल कल ही निलंबित किया गया. किंतु जिला शल्यचिकित्सक डॉ.श्यामसुंदर निकम के अनुसार अनिल पिंजरकर यह एचआईव्ही विभाग में आईसीटीसी प्रकल्प संचालक के तौर पर कार्यरत है. जिससे उसे निलंबित करने के अधिकार सरकार को है. वहीं डॉ.अक्षय राठोड यह एमसीडी प्रोग्राम में पुर्नवसन अधिकारी के तौर पर कार्यरत है. जिससे उसे निलंबित करने के अधिकार जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को है. इर्विन अस्पताल की ओर से कल ही डॉ.अक्षय राठोड व अनिल पिंजरकर के निलंबन के प्रस्ताव संबंधितों को भेजे गए है.
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विनित फुटाणे का भी एमसीआर मांगेगी पुलिस
इस बीच इस मामले के जांच अधिकारी क्राईम ब्रांच के पीआई कैलाश पुंडकर ने ‘दैनिक अमरावती मंडल’ को बताया कि जिस तरह कल उन्होंने इस मामले में गिरफ्तार किये गए आरोपियों का पीसीआर न मांगते हुए न्यायालय में उन्हें पेश किया था. उसी तरह कल गिरफ्तार विनित फुटाणे को भी आज न्यायालय में पेश किया जाएगा, लेकिन पुलिस उसका पीसीआर नहीं मांगेगी, इस कारण उसे भी आज न्यायालयीन कार्रवाई कर न्यायीक हिरासत में भेजा जाएगा.