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सावधान, मोबाइल पर ‘सेक्स टार्चर’ करने वाला गिरोह सक्रीय

शहर पुलिस की सायबर सेल में अनेकों शिकायतें दर्ज

  • फेसबुक पर फे्रंड्स रिक्वेस्ट भेजकर करते है मित्रता

अमरावती/प्रतिनिधि दि.८ – सावधान, फेसबुक पर अनेकों फे्रंडस् रिक्वेस्ट आती है, लेकिन उसे स्वीकार करने से पहले अब सोचना जरुरी हो गया है. क्योंकि फेसबुक पर फे्रंडस् रिक्वेस्ट भेजकर मित्रता का हाथ बढाने के बाद चैटिंग, उसके बाद वॉट्स एप पर चैटिंग और अंत में वीडियो कॉल के जरिये आप से अश्लिल चर्चा कर अथवा वीडियो बनवाकर ‘सेक्स टार्चर’ करने वाला एक गिरोह फिलहाल सक्रीय हुआ है. इस गिरोह का शिकार अब तक अनेकों लोग हुए है. किसी ने पैसों के बल पर मामलें को बाहर ही रफादफा कर दिया है तो कुछ लोगों ने सायबर सेल में शिकायतें दर्ज की हैं. खबर है कि ‘सेक्स टार्चर’ गिरोह का शिकार बने 5 से 6 लोगों ने आयुक्तालय पुलिस के सायबर सेल में शिकायतें दर्ज की. यहां तक की लगभग 12 अर्जी फिलहाल सायबर सेल में केवल फेसबुक अकाउंट बंद करने के लिए दर्ज की गई है.
जानकारी के अनुसार ‘सेक्स टार्चर’ करने वाला गिरोह की हरकतें लगभग हनी ट्रैप के समान ही बताई जाती है. पहले फेसबुक पर फेे्ंरड्स रिक्वेस्ट आती है. रिक्वेस्ट भेजने वाली लडकी रहने के कारण अधिकतर युवक उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार कर उसकी ओर मित्रता का हाथ बढाते है. इसके बाद उनमें चैटिंग शुरु हो जाती है. चैटिंग के बाद वीडियो कॉल के जरिये धीरे-धीरे एक दूसरे को ओर करीब करने का प्रयास किया जाता है और उसके बाद रिक्वेस्ट भेजने वाली व्यक्ति उस युवक से अश्लिल बातें करने लगती है. कभी वीडियो कॉल पर स्वयं को आपत्ति जनक स्थिति में दिखाने का प्रयास करती है और बाद में सामने वाले व्यक्ति को भी ऐसी ही कुछ हरकतें दिखाने की बात कहकर उसकी अश्लिलता का वीडियो बनाया जाता है और बाद में यही से उसे अश्लिल वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल करने का प्रयास किया जाता है. इस गिरोह का शिकार किशोरावस्था के लडकों से लेकर अधेड उम्र के लोग और अधिकांश युवक होने की जानकारी मिली है.फिलहाल अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय की सायबर सेल के पास 5 से 6 युवकों की शिकायतें दर्ज हुई है. इसके अलावा लगभग 12 से 13 लोगों ने उनका फेसबुक अकाउंट बंद करने के लिए पुलिस मेें अर्जी दी है.

  • शिकायतकर्ता का नाम पुलिस गोपनिय रखेगी

सायबर सेल के एक अधिकारी ने प्रस्तुत प्रतिनिधि से कहा कि इस ‘सेक्स टार्चर’ गिरोह का शिकार बने लोग बदनामी के डर से शिकायत करने सामने नहीं आते, लेकिन अगर ऐसे व्यक्ति सामने आये तो पुलिस उनका नाम गोपनिय रखेगी और यहां तक की इस तरह के दर्ज होने वाले एफआईआर में सरकार की ओर से पुलिस स्वयं शिकायतकर्ता बनकर मामले की जांच करेगी.

 

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