बीजों की उपलब्धता के लिए कडाई से नियोजन करें
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कृषिमंत्री दादाजी भुसे के निर्देश
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पोकरा का प्रभावी रूप से अमंल करें
अमरावती/दि.१० – किसानों को बीज उपलब्धता कराने के लिए कृषि विभाग ने कडाई से नियोजन करना चाहिए. इसके लिए गांव और किसानों के लिए बीज उपलब्धता का नियोजन किया जाए. बीजों की उर्वकता जांच कर बीजों की उपयोगिता को लेकर मार्गदर्शन किया जाए. इसके अलावा किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए बीज उपलब्धता का नियमित ब्यौरा लेने के निर्देश कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने दिए.
वे अमरावती संभागीय खरीफ फसल की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे. जिलाधिकारी कार्यालय में उक्त समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक में पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर, विधायक बलवंत वानखडे, जिलाधिकारी शैलेश नवाल, विभागीय कृषि सहसंचालक शंकर तोटावार, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी विजय चव्हाले, नवनाथ कोलपकर, डॉ. के.बी. खोत, नरेंद्र नाईक मौजूद थे. इसके अलावा विविध जिलों के जनप्रतिनिधि, जिलाधिकारी, कृषि अधिकारी ऑनलाईन शामिल हुए थे.
कृषि मंत्री भुसेे ने कहा कि प्रतिवर्ष खरीफ में बीज और खाद की समस्या निर्माण होती है. इसीलिए दोनों का नियोजन करना जरूरी है. बीज आपूर्ति करनेवाली यंत्रणाओं और किसानों के पास के बीज को मिलाना आवश्यक है. फसल बुआई क्षेत्र को आवश्यक रहनेवाले बीजों की उपलब्धता के लिए कृषि क्षेत्र ने सजग रहना चाहिए. बीज उपलब्धता की जिम्मेदारी कृषि सेवकों तक निर्धारित की गई है. जिसका डाटा तैयार किया जाए. बीज उपलब्ध कराने के लिए शासकीय जमीन के अलावा उपलब्ध जगह पर बीज उत्पादन करना फायदेमंद होगा. आगामी दौर में बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग ने ध्यान केंद्रीत करना चाहिए. इस वर्ष के हालातों को देखते हुए किसानों को बीज समयावधि बढाकर देने का विचार किया जाएगा.
किसानों का उत्पादन बढाया जा सके इसके लिए आनेवाला वर्ष उत्पादक वर्ष के रूप में मनाने का उपक्रम आरंभ किया गया है. बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष उत्पादन में बढोत्तरी होने के लिए कृषि विभाग की ओर से प्रयास किए जाएंगे. इसके लिए उत्पादकता बढाने हेतू बोर्ड तैयार किया गया है. जिला, राज्य और देश स्तर पर होनेवाले उत्पादन का ब्यौरा लिया जाएगा. एक गांव एक वाण यह संकल्पना भी चलायी जाएगी.
खाद की डिमांड पूरी करने के लिए इस बार यूरिया का देड़ लाख मीट्रिक टन बफर स्टॉक किया जाएगा. जिस समय खाद की किल्लत महसूस होगी वहां पर यह खाद उपलब्ध कराकर दिया जाएगा.
फसल बीमे के लिए नया पैर्टन
किसानों को फसल बीमे की समस्या का सामना करना पड़ता है. इसीलिए फसल बीमा कंपनियों पर पाबंदिया लाकर किसानों को फायदा दिलवाने के लिए पैर्टन तैयार किया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार के पास पत्राचार किया जा रहा है. यह पैर्टन मान्य होने पर किसानों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकेगी. किसानों को रासायनिक खाद में दस फीसदी कटौती देने का निर्णय लिया गया है. किसानों को फसल कर्ज निर्धारित समय पर मिलने के लिए नियोजन किया जाए. खरीफ फसल कर्ज पाने के लिए पारदर्शक पद्धति का अमंल में लाया जाए. किसानों के लिए महात्मा फुले किसान कर्जमुक्ति योजना चलायी जा रही है. सरकार ने ३१ लाख किसानों के कर्ज की रकम बैंकों में उपलब्ध कराकर दी है. इसके अलावा आनेवाले दौर में शेष किसानों को उनकी क्षमता के अनुसार निर्धारित समय पर कर्ज उपलब्ध कराकर देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके अलावा नियमित कर्ज का भुगतान करनेवाले किसानों को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा. किसानों के लिए गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना का लाभ तत्काल दिलवाने का प्रयास किया जाएगा. महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से ३३ हजार हेेक्टेयर पर फलबगानों का उत्पादन किया गया है. किसानों को फसलों का उत्पादन करने के लिए प्रत्येक गांव की जमीन सुपीकता फलक भी लगावाकर दिए जाएंगे.
बालासाहब ठाकरे स्मार्ट प्रकल्प अंतर्गत गोदाम, कोल्ड स्टोरेज होम, यातायात के लिए किसानों के गुट और किसान उत्पादक कंपनी स्थापित कर प्रोत्साहन दिया जाएगा. कृषि मशीनरी के लिए विविध योजनाएं चलायी जा रही है. इनमें महिला किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए ३० फीसदी महिला लाभार्थियों को चुना जाएगा. इसके अलावा अब प्रविर्ष किसानों को आवेदन करना नहीं पडेगा. लक्षांक से ज्यादा आवेदन आने पर ड्रा निकालकर लाभार्थी चुने जाएंगे.
वहीं अन्य किसानों के बारे में अगले साल विचार किया जाएगा. किसानों को मार्गदर्शन करने के लिए सफलतापूर्वक खेती करने वाले किसानों का चयन किया जाएगा. इसके अलावा विभागीयस्तर पर किसानों का सम्मान भी किया जाएगा. पोकरा यह किसानों के लिए बेहतर योजना है. अन्य जिलों की तुलना में विभाग के जिलों में विकास की सुविध है. पोकरा योजना का समीक्षण किया जाए. योजनाए प्रभावी रूप से अमंल में लाने की कार्रवाई की जाए.