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जिलें में 20 लाख मुर्गियों का व्यवहार अटका दिक्कत में

प्रशासन ने लगायी मुर्गियों की खरीदी-बिक्री पर जिले में रोक

  • बर्ड फ्ल्यू का असर, प्रशासन करेगा सुमोटो निरीक्षण

  • अंडों की बिक्री व ढुलाई पर फिलहाल कोई प्रतिबंध नहीं

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१२ – बर्ड फ्ल्यू के खतरे को देखते हुए स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा अमरावती जिले में मुर्गियों की खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी गई है. इस निर्णय के चलते करीब 20 लाख मुर्गियों के संवर्धन एवं रोजाना होनेवाली चार लाख मुर्गियों की बिक्री का व्यवसाय दिक्कत में फंसता नजर आ रहा है. बर्ड फ्ल्यू के संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा उपरोक्त निर्णय लेने के साथ ही कहा गया है कि, सतर्कता के उपाय के तौर पर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुए 14 रैपीड रिस्पॉन्स टीम गठित की जायेगी. जिसके अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कल से जिले के सभी पोल्ट्री फार्म में सुमोटो निरीक्षण करना शुरू किया जायेगा.
जिला प्रशासन के निर्णयानुसार अब अन्य किसी भी जिले से मुर्गियां खरीदकर अमरावती जिले में नहीं लायी जा सकेगी. साथ ही अमरावती जिले से अन्य जिलों में मुर्गियां नहीं बेची जा सकेगी. किंतु अमरावती जिलांतर्गत एक तहसील से दूसरे तहसील के बीच मुर्गियों की खरीदी-बिक्री का व्यवसाय किया जा सकेगा. इसके साथ ही जिला पशुसंवर्धन विभाग ने संभावित खतरे को देखते हुए शुरू की गई तमाम उपाययोजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि, अब तक अमरावती जिले में बर्ड फ्ल्यू होने की पुष्टि नहीं हुई है. ऐसे में लोगबाग इसे लेकर घबराये नहीं, बल्कि सावधानी जरूरत बरते. बता दें कि, विगत दो दिनोें के दौरान अमरावती शहर सहित जिले में कुल 60 मुर्गियों की अचानक मौत हुई है. हालांकि प्रशासन द्वारा अधिकृत तौर पर 60 मुर्गियों के मारे जाने की पुष्टि की है. साथ ही जिला प्रशासन ने संबंधित महकमोें के साथ समन्वय साधते हुए आवश्यक उपाय करने शुरू किये है. जिसके तहत चौबी सौ घंटे कार्यरत रहनेवाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. जहां पर एक हेल्प लाईन नंबर भी उपलब्ध कराया गया है.

  • 350 पोल्ट्री फार्म, 20 लाख से अधिक मुर्गियां, रोजाना करीब 4 लाख मुर्गियों की बिक्री

अमरावती जिले में इस समय करीब साढे तीन सौ पोल्ट्री फार्म है. जिनकी कुल क्षमता 20 लाख मुर्गियों की है. इसमें से परिपक्व हो जानेवाली 4 लाख से अधिक मुर्गियों की रोजाना बिक्री होती है. साथ ही लगभग इतने ही छोटे पक्षियों की अन्य जिलों से खरीदी करते हुए उन्हें अमरावती लाया जाता है. इसमें से अधिकांश खरीदी-बिक्री अन्य जिलों के व्यवसायियों के साथ ही होती है. वहीं शेष पक्षियों की जिलांतर्गत बिक्री की जाती है. प्रशासन द्वारा मुर्गियों की खरीदी-बिक्री के लिए जिलाबंदी लागू कर दिये जाने के चलते पोल्ट्री फार्म संचालकों का बडे पैमाने पर नुकसान होना तय है.

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