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गले तक भरे पानी के बीच ले जानी पडी अर्थी

यवतमाल/दि.8- श्मशान भूमि में जाने के लिए रास्ता उपलब्ध नहीं रहने के चलते नाले में आयी बाढ और गले तक भरे पानी के बीच से अर्थी ले जाने की नौबत महागांव तहसील के मालकिन्ही गांव निवासी लोगों पर आन पडी है. जिसका वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है. जानकारी के मुताबिक महागांव तहसील के मालकिन्ही निवासी अविनाश कलाने (40) का इलाज के दौरान विगत 5 सितंबर को सरकारी अस्पताल में निधन हो गया और जब अविनाश कलाने के शव को अंतिम संस्कार हेतु गांव में लाया गया, तो उस समय मूसलाधार बारिश हो रही थी. वही मृतदेह का अंतिम संस्कार करने हेतु श्मशान भूमि का दहन शेड गांव से होकर बहनेवाले नाले के दूसरी ओर था. साथ ही गांव में हर ओर जलजमाववाली स्थिति थी. ऐसे में गांव में कहीं पर भी अंतिम संस्कार करने के लिए जगह उपलब्ध नहीं थी. जिसके चलते कलाने परिजनों व गांववासियों ने अविनाश कलाने की अर्थी सजाते हुए नाले में गले तक भरे बाढ के पानी के बीच से एक-दूसरे के सहारे जैसे-तैसे नाला पार किया और दूसरी ओर पहुंचकर श्मशान भूमि के दहन शेड में अविनाश कलाने के शव पर अंतिम संस्कार किया गया.
इस घटना के चलते स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का नाकारापन उजागर हुआ है. बता दें कि, मालकिन्ही गांव हिंगोली लोकसभा व उमरखेड विधानसभा क्षेत्र में आता है. परंतु यहां के सांसद हेमंत पाटील व विधायक नामदेवराव ससाने यह दोनों जनप्रतिनिधियों का क्षेत्र की समस्याओं की ओर कोई ध्यान ही नहीं रहता. ऐसा गांववासियों का आरोप है.

 

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