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100 लोगों से शुरु हुआ था रवि नगर का भंडारा

आज 30 हजार से अधिक भाविक लेते हैं प्रसादी

* संकट मोचन मंदिर की अनूठी हनुमान जयंती
अमरावती/दि.31 – रवि नगर के श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर के निर्माण को लगभग 50 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. इस मंदिर की अनेक रोचक बाते है, जो जनमानस विशेष कर हनुमान भक्तों को आकर्षित और रोमांचित करती आई है. यहां की हनुमान जयंती का उत्सव बिरला होता है. राम पडोले उर्फ सीताराम महाराज ने यहां के जयंती पर्व को नये आयाम दिए हैं. कम ही लोगों को पता होगा कि, आज भले ही हनुमान जयंती के भंडारे में सुबह से लेकर शाम तक 25-30 हजार श्रद्धालु प्रसादी पाते हैं. किंतु इसका श्रीगणेश लगभग 4 दशक पहले केवल 100 लोगों की प्रसादी से हुआ था. धीरे-धीरे बढता गया. आज पंचक्रोशी में रवि नगर का भंडारा जाना-पहचाना जाता है. कई भक्त ऐसे है, जो रवि नगर में प्रसाद न ले तो उनकी हनुमान जयंती अधूरी मानते हैं.
* परिसर के लोगों से प्रारंभ
हनुमान जयंती उत्सव को रवि नगर में नया आयाम दिया गया है. तभी तो यहां का उत्सव गुढी पाडवा से आरंभ हो जाता है. सुंदरकांड का पाठ के साथ यहां रामायण का अखंड पाठ भी शुरु किया गया. जिसमें आम भक्त अपनी सुविधा नुसार सहभागी होता है, उसे दिव्य संकट मोचन हनुमानजी के सामने रामायण पाठ का अवसर प्राप्त होता है. पूर्व नगरसेवक सचिन रासने ने बताया कि, भंडारा की शुरुआत कोई 40 बरस पहले अचानक हो गई. हनुमान जयंती थी. उत्सव पूर्ण हो गया था. अचानक किसी को भगवान को भोग लगाने की सूझी. परिसर के लोगों ने ही धान्य आदि एकत्र कर मिलकर भोजन बनाया. भगवान को अर्पित किया. वह प्रसाद सभी ने पाया. यह प्रसाद पाने वालों की उस समय संख्या बमुश्किल 100-150 रही होगी.
* समय के साथ बढता गया भंडारा
जैसा कि, नाम ही भंडारा है. समय के साथ हनुमानजी की श्री चरणों में प्रसादी की सामग्री का भंडार बढता गया. 100 से 1,000 और हजार से 10 हजार भक्त हो गए. कई बार आयोजकों को भी ऐहसास या तनिक भी खबर नहीं होती कि, कहां से गेहूं, चावल, दाल, तेल, घी, शक्कर आ गया और हजारों का प्रसाद तैयार हो गया. बरस-दरबरस भंडारा बढता गया. आज सुबह 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक भंडारा अनवरत रहता है. जिसमें 30-35 हजार लोग प्रसादी पाते हैं.
* 4.45 बजे आरंभ होता जन्मोत्सव
रवि नगर हनुमान मंदिर में भगवान का बालरुप भी मौजूद है. जिसे झुला झुलाकर जयंती उत्सव मनाया जाता है. रासने ने बताया कि, जयंती को तडके 4.45 बजे जन्मोत्सव आरंभ होता है. आरती और सुंदरकांड महायाग सुबह 7 से 9 बजे तक रहता है. राजराजेश्वर माउली सरकार के भी दर्शन भंडारा-प्रसादी दौरान रहते है. उनका प्रवचन भी भाविकों को सुनने मिलता है.
* 2 अप्रैल को सामूहिक चालीसा
गत कुछ वर्षों में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ भी रवि नगर मंदिर की पहचान बनी है. इस बार परसों रविवार 2 अप्रैल को शाम 5 बजे मंदिर के सामने भव्य पंडाल में यह आयोजन होने जा रहा है. जिसमें भाविकों से अधिकाधिक संख्या में सहभागी होेने का अनुरोध संकट मोचन मंदिर ट्रस्ट ने किया है. 5 से 6 हजार लोग एकसाथ हनुमान चालीसा पढते हैं. पं.पू. रामश्रयी उर्फ माई के सानिध्य में चालीसा पाठ होगा. हनुमानजी की विशाल मूर्ति भी मंदिर की विशेषता है. सामूहिक पाठ का यह 10 वां वर्ष है. सेवाभाव से लोग यहां की व्यवस्थाएं स्वयं होकर संभाल लेते हैं. पूरा परिसर पाडवा से ही राम और हनुमान की भक्ति से सराबोर नजर आ रहा है.

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