
* दादाजी का एमडी चिकित्सक बनने का सपना किया साकार
अमरावती /दि.2- शहर के माणकलाल राठी परिवार के डॉ. तेजस दिनेश राठी ने कहा कि, बडी सफलता के लिए बडे परिश्रम करने पडते हैं. विश्व में जितने भी नेत्रदीपक सफलता प्राप्त व्यक्ति है, विभूति हैं, सभी ने संपूर्ण समर्पण और अथक परिश्रम के बूते सफलता अर्जित की है. डॉ. तेजस राठी रविवार दोपहर अमरावती मंडल से विशेष बातचीत कर रहे थे. उन्होंने अपने दादाजी माणकलाल राठी का परिवार में एमडी चिकित्सक रहने के स्वप्न को अपने अथक परिश्रम, प्रतिभा और परिजनों के आशीर्वाद एवं शुभकामनाओं से साकार किया. इस उपलक्ष्य अमरावती मंडल ने उनसे संक्षिप्त बातचीत की. उल्लेखनीय है कि, उनके बडे भाई डॉ. सौरभ राठी और भाभीजी डॉ. अश्विनी प्रसिद्ध दंत चिकित्सक है. वहीं पिता दिनेश राठी गत तीन दशकों से रिटेल दवा विक्रेता के रुप में प्रसिद्ध व सिद्ध हैं.
* डॉ. आंचल से सगाई
डॉ. तेजस राठी के एमडी मेडिसीन क्वॉलीफाई होने उपलक्ष्य उन्हें बधाई व शुभकामनाएं देने के लिए उनकी बुआजी डॉ. सुनीता पनपालिया, फुफाजी मनीष पनपालिया, श्लोक पनपालिया और माताजी अलका राठी भी उपस्थित थी. अत्यंत सहज डॉ. तेजस ने अपने प्रयासों के बारे में बतलाया. उल्लेखनीय है कि, डॉ. तेजस राठी का परिणय डॉ. आंचल काबरा से तय हो गया है. दोनों ही एमडी मेडिसीन के मेधावी छात्र-छात्राएं हैं.
* अकोला जीएमसी से एमबीबीएस
डॉ. तेजस आरंभ से ही मेधावी विद्यार्थी रहे. उन्होंने बियानी कॉलेज में कनिष्ठ महाविद्यालय की पढाई करने के साथ चिकित्सा क्षेत्र के लिए तैयारी कर ली थी. उनका अंकों के आधार पर अकोला शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस में प्रवेश हुआ. वहां भी लगन और कुशलता से एमबीबीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की. बल्कि गोल्ड मेडल भी प्राप्त किए. उन्हें 7 विषयों में स्वर्ण पदक प्राप्त हुए. उनका तत्कालीन राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के हस्ते सम्मान किया गया. उसी प्रकार स्नातकोत्तर पढाई के लिए उनका नागपुर जीएमसी में चयन हुआ. वहां भी अपनी मेधा, प्रतिभा, समर्पण के बल पर डॉ. तेजस ने शानदार अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण की है. दो दिनों पहले घोषित परिणामों में यह उपाधि प्राप्त की है.
* जीएमसी नागपुर का सबसे बडा आईसीयू
नागपुर जीएमसी में एमडी मेडिसीन की पढाई करते हुए अपने अनुभव डॉ. तेजस ने सहजता से शेयर किए. उन्होंने बतलाया कि, वहां एमबीबीएस चिकित्सक को भरपूर प्रैक्टिस का अवसर मिलता है. उन्होंने बताया कि, इस अस्पताल में मध्य भारत का सबसे बडा 40 बेड का अतिदक्षता विभाग अर्थात आईसीयू है. वहां आए अनेक क्रिटिकल रुग्णों का डॉ. तेजस और उनके साथियों ने तत्पर एवं सफल उपचार किया है. डॉ. तेजस कहते हैं कि, देखा जाए तो चिकित्सीय कार्य सेवाभाव से परिपूर्ण है. कोई भी चिकित्सक का गोल (लक्ष्य) अंतत: अपने रुग्ण को पीडा से छुटकारा रहता हैं.
* गैंगस्टर गवली और अन्य के उपचार
नीट परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर की अच्छी रैंकिंग से उत्तीर्ण हुए डॉ. तेजस ने नागपुर जीएमसी में अनेक रुग्णों की चिकित्सा की है. वहां नागपुर कारागार के कैदियों के लिए अलग से वॉर्ड व्यवस्था है. जहां गैंगस्टर अरुण गवली सहित मुंबई बम धमाके के आरोपी कैदियों को भी चिकित्सा के लिए लाया जाता है. डॉ. तेजस ने बताया कि, एक डॉक्टर के लिए किसी का रुग्ण होना काफी है. अन्य विषयों पर डॉक्टर्स ध्यान नहीं देते. उनका लक्ष्य मरीज को पीडा, रोग से छुटकारा दिलाना होता है.
* अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें
डॉ. तेजस राठी ने कहा कि, युवाओं को चिकित्सा क्षेत्र में आना है तो अपने लक्ष्य से जरा भी न डगमगाते हुए पढाई करनी होगी. समर्पण भाव से किया गया प्रयास फलीभूत होता है. उन्होंने हाल के वर्षों में मेडिकल सीटें बढाए जाने के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि, कदाचित शासन का लक्ष्य गांव-देहात के लोगों की प्राथमिक चिकित्सा कम से कम एमबीबीएस चिकित्सक से करवाने का मानस हो. उन्होंने बताया कि, अभी भी देश में अनेकानेक रुग्णों के लिए चिकित्सक अनुपलब्ध है. इसलिए दो रोज पहले अर्थसंकल्प में मेडिकल की अगले पांच वर्षों में 75 हजार सीटें बढाने की घोषणा स्वागतयोग्य कही जा सकती है.
* गडकरी ने किया सत्कार
डॉ. तेजस बडे ही मेधावी रहे हैं. उन्होंने नाशिक स्वास्थ विज्ञान विद्यापीठ से एमबीबीएस की उपाधि प्राप्त करते हुए सर्जरी, मेडिसीन, गायनिक, ऑप्थोलॉजी और अन्य विषयों में स्वर्णपदक प्राप्त किए. उनका केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हस्ते भी गौरव किया गया. डॉ. तेजस ने बताया कि, रोज 12-13 घंटे की पढाई वे करते थे. उसी प्रकार उन्होंने नागपुर जीएमसी में लकवाग्रस्त, पॉईजन सहित अन्य गंभीर मामलों में तत्पर सेवा का प्रयत्न किया. कई बार इमर्जन्सी में सेवाएं दी.
* कोरोना में देहात में सेवा
डॉ. तेजस दिनेश राठी ने कोरोना महामारी दौरान आष्टी पीएचसी में बेहतरीन सेवाएं दी. वे 6 माह तक इस स्वास्थ केंद्र पर ग्रामीणों की चिकित्सा सेवा का प्रयत्न करते रहे. उन्हें नीट पीजी में भी अच्छी रैंकिंग प्राप्त हुई थी.