आमसभा में हुए हंगामे का भाजपा ने किया तीव्र निषेध
जयस्तंभ चौक पर हुआ निषेध आंदोलन
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राणा दम्पत्ति व युवा स्वाभिमान के खिलाफ व्यक्त हुई तीव्र भावनाएं
अमरावती/प्रतिनिधि दि.18 – गत रोज जिले की सांसद नवनीत राणा तथा विधायक रवि राणा के नेतृत्ववाली युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने मनपा के कुछ ठेका कर्मियों के साथ मिलकर मनपा की आमसभा जारी रहने के दौरान सदन में घुसकर हंगामा मचाया था और सदन की कार्रवाई को बाधित किया था. जिसके लेकर अब भाजपा की ओर से काफी तीखी प्रतिक्रिया दी गई है और शहर भाजपा द्वारा स्थानीय जयस्तंभ चौक स्थित गांधी पुतले के सामने जबर्दस्त धरना प्रदर्शन किया गया. जिसमें राणा दम्पत्ति सहित उनकी युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की कडे शब्दों में भर्त्सना की गई.
पूर्व पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील व भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर की अगुआई में किये गये इस आंदोलन में महापौर चेतन गावंडे, उपमहापौर कुसुम साहू, सभागृह नेता तुषार भारतीय तथा स्थायी समिती सभापति सचिन रासने, पूर्व शहराध्यक्ष जयंत डेहनकर, शहर महामंत्री गजानन देशमुख सहित भाजपा के सभी मनपा पार्षदों, शहर ईकाई सहित विभिन्न मोर्चों व आघाडियों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.
इस आंदोलन के तहत सर्वप्रथम पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील व शहराध्यक्ष किरण पातुरकर द्वारा महात्मा गांधी के पुतले पर माल्यार्पण किया गया. इसके साथ ही सभी भाजपा पदाधिकारियों ने अपने-अपने मुंह पर काले फीते बांधकर यह संदेश देने का प्रयास किया कि, कल की घटना के जरिये आंदोलनकारियों ने लोकतंत्र के मुंह पर कालीख पोतने के साथ ही लोकतंत्र की आवाज को बंद करने का प्रयास भी किया है. इस समय पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील, पार्टी शहराध्यक्ष किरण पातुरकर, महापौर चेतन गावंडे, महामंत्री गजानन देशमुख, सभागृह नेता तुषार भारतीय व पूर्व शहराध्यक्ष जयंत डेहनकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कल घटित हुई घटना को अमरावती मनपा सहित शहर के इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना बताते हुए कहा कि, इस घटना की वजह से भारतीय लोकतंत्र पर एक बदनुमा दाग लगाने का काम किया गया है.
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कभी इधर-कभी उधर वाले लोगों की हमें जरूरत नहीं, उन्हें हमारी जरूरत
इस समय पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि, कुछ लोग हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर यह सोचने लगे है कि, भाजपा को उनकी जरूरत है. कभी इधर-कभी उधर लुढकनेवाले ऐसे लोगों ने यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि, भाजपा को उनकी नहीं, बल्कि खुद उन्हें भाजपा की जरूरत है. इधर-उधर से टिकट और वोटों का जुगाड करके चुनाव जीतनेवाले लोगों ने भाजपा और पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को कमतर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. साथ ही उन्हें यह भी समझना चाहिए कि, ‘आयाराम-गयाराम’ की भूमिका में रहनेवाले लोगों की फितरत को भाजपा बहुत अच्छे तरीके से समझती है. अत: ऐसे लोगों को चाहिए कि, वे अपने दायरे को समझे और अपने दायरे के भीतर ही रहे. इसके अलावा पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने यह भी कहा कि, जिन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र का सहारा लेकर चुनाव लडा, जिसके लिए उन्हें हाईकोर्ट तक ने दोषी करार दिया और जिन्हें चुनाव प्रचार के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा खर्च की मर्यादा से अधिक पैसा खर्च करने का दोषी पाया गया, ऐसे लोगों से नैतिकता और शुध्द आचरण की उम्मीद भी नहीं की जा सकती. यही बात उनके बेलगाम कार्यकर्ताओं पर भी लागू होती है. किंतु ऐसे लोगों को यह भी याद रखना चाहिए कि, उनकी हरकतों को भाजपा द्वारा कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
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लोकसभा व विधानसभा में रहनेवालों से ऐसी अपेक्षा नहीं
वहीं महापौर चेतन गावंडे ने इस आंदोलन के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, जिस पार्टी के नेता लोकसभा और विधानसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है, उन्हें लोकतांत्रिक अनुशासन बेहतर तरीके से पता होना चाहिए. साथ ही उनके कार्यकर्ताओें से भी लोकतांत्रिक गंभीरता अपेक्षित थी. किंतु कल की घटना ने इन तमाम अपेक्षाओं को भंग कर दिया. साथ ही महापौर चेतन गावंडे ने यह भी कहा कि कल आमसभा के दौरान संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के नाम पर निर्मित मनपा सभागार में विशुध्द तौर पर राजनैतिक गुंडागर्दी की गई है.
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हम पर इल्जाम लगानेवाले पहले अपने गिरेबान में झांके
साथ ही इस समय मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय ने कल घटित हुई घटना की कडे शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि, आउटसोर्सिंग के ठेके को लेकर मनपा के सत्तापक्ष पर सवाल उठानेवाले लोगों ने पहले अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, मनपा के अस्थायी ठेकाकर्मियों की आड लेकर कौन, किधर, कैसे निशाना साध रहा है, यह बात पूरा अमरावती शहर जानता है. साथ ही हमें भी यह बात बहुत अच्छे से पता है कि, कभी कांग्रेस, कभी राकांपा व कभी रिपाइं की छत्रछाया में रहकर उन पार्टियों के साथ दगाबाजी करनेवाले लोगों की निष्ठा भाजपा के साथ कभी नहीं रहेगी. अत: हम भी ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करते. हमें उनकी न तो मनपा में जरूरत थी और न ही संसद में भी. बल्कि उन्हें सत्ता के लिए भाजपा का साथ चाहिए था. इस वजह से वे खुद भाजपा के साथ आये. ऐसे में उन्हें भाजपा के हिसाब से रहना चाहिए.
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हमारे साथ रहकर हमें कमतर न आंके कोई
इस आंदोलन का नेतृत्व करते हुए भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, कुछ लोग हमारी पार्टी के बडे नेताओं के मुंबई व दिल्ली जाकर भाजपा के बडे नेताओें से संपर्क रखते हुए कुछ लोग स्थानीय नेताओं व पदाधिकारियों को कमतर आंकने की गलतफहमी का शिकार है. जिससे उन्हें बहुत जल्द बाहर आ जाना चाहिए. साथ ही शहराध्यक्ष पातुरकर ने कहा कि, दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री व विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस अपने बेहद निजी व पारिवारिक कारणों के चलते अमरावती आये थे. जिसकी जानकारी उनके सहित पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे तथा महापौर चेतन गावंडे को ही थी और जब दोपहर करीब 5 बजे फडणवीस महापौर गावंडे के साथ नागपुर जाने के लिए रवाना हो रहे थे, तो विधायक राणा ने उन्हें राजापेठ रेल्वे अंडरपास से होकर जाने के लिए कहा. जहां पर वाहनों का काफीला महज एक मिनट के लिए रूका और इतनी ही देर में फोटो सेशन करते हुए विधायक राणा ने अमरावती की जनता को सीएम फडणवीस के साथ अपनी नजदिकी दिखाने का प्रयास किया. पातुरकर के मुताबिक गत रोज मनपा में जो कुछ घटित हुआ, उसके बाद उन्होंने तुरंत ही पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष फडणवीस सहित भाजपा के प्रदेश संगठनमंत्री डॉ. उपेंद्र कोठीकर को इस बारे में अवगत कराया. जिसे सुनकर दोनों वरिष्ठ नेता भी सन्न रह गये और उनके निर्देश पर ही आज यह निषेध आंदोलन किया जा रहा है.