शिक्षकों की भलाई के लिए कृतसंकल्प है भाजपा
छोटे-छोटे गुटों में बंटने की बजाय भाजपा जैसे राष्ट्रीय दल के साथ आये शिक्षक

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भाजपा ने ही अपने कार्यकाल में दिया था 20 प्रतिशत अनुदान
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शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी डॉ. नितीन धांडे का कथन
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२४- किसी भी अन्य चुनाव की तरह शिक्षक विधायक पद हेतु विधान परिषद सीट के लिए होनेवाला चुनाव अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. यह शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों सहित शिक्षा क्षेत्र के भविष्य से जुडा मसला है. ऐसे में शिक्षकों को चाहिए कि, वे अपने और अपने भविष्य का गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए भाजपा जैसे राष्ट्रीय दल के समर्थन में एकजूट हो जाये, ताकि उनकी आवाज राज्य सहित केंद्र स्तर तक पहुंच सके. साथ ही उनकी समस्याओं व प्रलंबित मांगों का यथोचित व यथाशीघ्र निपटारा हो सके. ऐसे में मेरी दावेदारी के रूप में संभाग के शिक्षकों के पास एक सशक्त पर्याय उपलब्ध है और मुझे पूरा भरोसा है कि, संभाग के शिक्षक अब तक के अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार मुझे अपनी पहली पसंद का वोट देकर अवश्य विजयी बनायेेंगे. इस आशय का प्रतिपादन शिक्षक विधायक पद का चुनाव लड रहे भाजपा प्रत्याशी डॉ. नितीन धांडे ने किया.
दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए डॉ. नितीन धांडे ने उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही कहा कि, शिक्षक विधायक पद को ध्यान में रखते हुए संभाग में कई छोटे-बडे शिक्षक संगठन कार्यरत है. जिनके द्वारा अपने किसी सदस्य को प्रत्याशी बनाते हुए यह चुनाव लडा जाता है. लेकिन अब तक का अनुभव देखा जाये तो ऐसे संगठनों की ओर से निर्वाचित होनेवाले शिक्षक विधायक की विधान परिषद में हैसियत निर्दलीय विधायक से अधिक नहीं होती और उनकी आवाज भी सदन में कोई खास असर पैदा नहीं कर पाती, क्योंकि उन्हें सत्ता पक्ष व विपक्ष की ओर से कोई समर्थन नहीं मिल पाता. वहीं यदि भाजपा जैसे राष्ट्रीय दल के प्रत्याशी को संभाग के शिक्षक अपना विधायक चुनते है, तो उनकी आवाज न केवल राज्य की विधान परिषद, बल्कि केंद्र सरकार तक पहुंच सकती है और इसके सार्थक परिणाम भी दिखाई दे सकते है.
भाजपा प्रत्याशी प्रा. नितीन धांडे के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी अपने आप में सुसंस्कृत लोगों का राजनीतिक दल है और पार्टी ने हमेशा ही समाज को अपने ज्ञान से दिशा देनेवाले शिक्षकों की भलाई के लिए काम किया है. आज बिना अनुदानित शिक्षकों को 20 प्रतिशत अनुदान का जो लाभ मिल रहा है, वह पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस केे नेतृत्ववाली राज्य की भाजपा सरकार द्वारा ही लिया गया फैसला है. इस फैसले के साथ ही 40 प्रतिशत अनुदान देने के बारे में भी कदम आगे बढाये गये थे. साथ ही कुछ अन्य बेहद महत्वपूर्ण फैसले लिये गये थे, लेकिन इसी बीच राज्य में बडे अनपेक्षित तरीके से सत्ता परिवर्तन हो गया और उन फैसलों पर मौजूदा सरकार द्वारा कोई अमल नहीं किया गया. लेकिन अब राज्य में प्रमुख विपक्षी दल की भुमिका को सशक्त तरीके से निभा रहीं भाजपा द्वारा इन तमाम कामों को पूर्ण करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. और यदि वे भाजपा की ओर से शिक्षक विधायक निर्वाचित होकर विधान परिषद में पहुंचते है, तो 40 प्रतिशत अनुदान सहित अन्य सभी प्रलंबित कामों को निश्चित तौर पर पूरा करवायेंगे.
इस समय केंद्र द्वारा अमल में लायी जा रही नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए भाजपा प्रत्याशी डॉ. नितीन धांडे ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा देश के शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है. जिस पर राज्य में भी प्रभावी अमल होना बेहद जरूरी है. ऐसे में यह बेहद आवश्यक है कि, इस शिक्षा नीति को राज्य में लागू करवाने हेतु विधान परिषद में शिक्षकों की ओर से प्रभावी प्रतिनिधित्व मौजूद रहे.
इन दिनों अपने चुनावी प्रचार को समूचे संभाग में जबर्दस्त प्रतिसाद मिलने की जानकारी देते हुए प्रा. नितीन धांडे ने बताया कि, संभाग के पांच जिलों में कुल 58 तहसीलें है और उन्होंने अब तक सभी तहसील व ग्रामीण क्षेत्रों तक जाकर एक-एक शिक्षक मतदाता से संपर्क किया है और सभी ने उनकी दावेदारी का पूरजोर समर्थन भी किया है, क्योंकि अब संभाग के सभी शिक्षक बदलाव चाहते है. प्रा. नितीन धांडे के मुताबिक वे खुद 18 वर्ष तक प्राध्यापक रहे और वे शिक्षकों की समस्याओं को बेहतरीन ढंग से समझते है. साथ ही एक शिक्षा समूह का मुखिया होने के नाते उनके पास शिक्षकों की समस्याओं को निपटाने का प्रशासकीय अनुभव भी है. ऐसे में अब वे अपने काम का दायरा बढाते हुए समूचे संभाग के शिक्षकों हेतु काम करना चाहते है और उन्हेें पूरा भरोसा है कि, इस बार संभाग के शिक्षक आपसी गुटबाजीवाली राजनीति से उपर उठते हुए भाजपा जैसे राष्ट्रीय दल की दावेदारी का समर्थन करेंगे.