भाजपा अनुसूचित जाति व जनजाति मोर्चा ने किया निदर्शन
अमरावती में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय बनाए
अमरावती प्रतिनिधि/दि.1 – अमरावती में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय होना चाहिए, यह पिछले 35 वर्ष का अमरावतीवासियों का सपना है. इस सपने की पूर्तता के लिए भाजपा व एमआईडीसी एसोसिएशन के नेता किरण पातुरकर ने पुढाकार लेकर 2016 में एक सर्वदलिय कृति समिति स्थापन की. इस समिति को भाजपा का पूरा समर्थन था. कृति समिति व्दारा किये गए आंदोलन के चलते पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस ने अमरावती में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय की मांग मान्य की और इस तरह की घोषणा मानसून सत्र में की. उसके बाद डॉ.अनिल बोंडे जब पालकमंत्री थे तब इस विषय के लिए अनेकों बैठके ली. कृति समिति के लगातार प्रयासों से 27 एकड जगह वैद्यकीय विभाग को हस्तांतरित की, लेकिन उसके बाद सत्तारुढ हुई महाविकास आघाडी सरकार ने अमरावती में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय स्थापन करने बाबत कोई भी घोषणा नहीं की. पिछले दो महिने में आघाडी सरकार ने कोकण के सिंधुदुर्ग व पश्चिम महाराष्ट्र के सातारा व मराठवाडा के उस्मानाबाद जिले में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय को मान्यता देकर निधि दिया और अमरावती के शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय का मुद्दा ठंडे बस्ते में डाला. अमरावती में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय बनाने की मांग के लिए आज भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा व अनुसूचित जनजाति आघाडी की ओर से निदर्शन आंदोलन किया गया. इस समय जिलाधिकारी को अपनी मांगों का निवेदन भी सौंपा गया.
अमरावती में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय की मांग के लिए पहले गाडगे बाबा समाधि मंदिर के सामने 25 जनवरी को द्गसद्बुध्दी देद्घ आंदोलन हुआ था. उसके बाद 27 जनवरी को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने निदर्शन हुए. आज 1 फरवरी को अनुसूचित जाति मोर्चा व जनजाति आघाडी की ओर से निदर्शन आंदोलन किया गया. इस समय भाजपा, अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष सुरेश डोफे, राजेंद्र तांबेकर, मोहन रावेकर, सोनाली नाइक, सचिन पाटिल, सचिन नाइक, अनिता देवीजीन, पी.बी.अंभोरे, कृष्णराव वानखडे, लखन राज, वंदना हरने, राजु राजदेव, सुधीर थोरात, इंदू सावरकर, सुनील सावरकर तथा अनुसूचित जनजाति आघाडी के मनीष आत्राम व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.