मुंबई दि. 13– लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव होने की चर्चा अब बलवती हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोडकर भाजपा में शामिल होने के बाद यह चर्चा तीव्र हो जाने के साथ तरह-तरह की खबरे हैं. इसके अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने सर्वेक्षण शुरू करवाया है. जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अभी करवाने पर पार्टी को कितना फायदा या नुकसान होगा, इसका आंकलन करवाया जा रहा है.
* और कितने विधायक
चव्हाण के साथ और कितने विधायक त्यागपत्र देकर कांग्रेस से बाहर निकलेंगे, इसकी भी जमकर चर्चा हो रही हैं. कहा जा रहा है कि 14 विधायक हो सकते हैं. उन्होंने विधानसभा की सदस्यता छोडी तो उनके पास पद नहीं रहेगा और उन्हें फंड नहीं मिलेगा. ऐसे में कुछ विधायकों ने तुरंत कांग्रेस छोडी तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ- साथ होने की संभावना बढेगी.
* निजी कंपनी का सहारा
चर्चा के अनुसार भाजपा के बडे नेता यह सर्वेक्षण करवा रहे हैं. इसमें निजी कंपनी का साथ लिया गया है. कंपनी को व्यापक किंतु जल्द सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने कहा गया है. अभी दोनों चुनाव साथ करवाने पर पार्टी और उसके सहयोगी दलों के प्रभाव का यह आंकलन होगा.
* खर्च बढेगा, एनडीए तैयार
महाविकास आघाडी अभी लोकसभा की तैयारी कर रही हैं. दोनों चुनाव साथ होने पर प्रचार खर्च बढेगा. एनडीए की तुलना में महाविकास आघाडी को दोनों खर्च भारी लग सकते हैं. मोदी की लोकप्रियता का फायदा विधानसभा हेतु कर लेने का विचार भाजपा में शुरू हैं. वहीं पार्टी में ऐसे भी काफी लोग है जो मान रहे है कि विधानसभा चुनाव 6 माह बाद निर्धारित समय पर करवाना पार्टी हित में रहेगा. राज्य में भाजपा ने 45 से अधिक लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. वैसी प्लानिंग की है.