भाजपा के 12 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट ने किया निराश
निलंबन को स्थगिती देने से इन्कार
* शीत सत्र में शामिल नहीं हो सकेंगे
मुंबई/दि.14- विधानसभा की कार्रवाई जारी रहते समय सभागृह में हंगामा मचाने तथा तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यहार करनेवाले भाजपा के 12 विधायकों को विगत जुलाई माह के दौरान पावस सत्र में निलंबीत कर दिया गया था. जिसके खिलाफ इन 12 विधायकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. किंतु इस हेतु दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन की कार्रवाई पर स्थगिती देने से इन्कार कर दिया है. साथ ही मामले की सुनवाई हेतु 11 जनवरी की तारीख तय करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि, महाराष्ट्र विधानमंडल के आगामी शीतसत्र में भाजपा के निलंबीत सदस्य विधानसभा की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.
बता दें कि, विगत जुलाई माह के दौरान आयोजीत राज्य विधानमंडल के पावस सत्र में पहले ही दिन अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी आरक्षण से संबंधीत एक प्रस्ताव पेश किया था. केंद्र सरकार से इम्पिरिकल डेटा प्राप्त करने से संबंधीत इस प्रस्ताव का भाजपा विधायकों द्वारा जमकर विरोध किया गया था और भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा मचाने के साथ ही तालिका अध्यक्ष के सामने से माईक व राजदंड लेकर भागने का प्रयास भी किया. इसके बाद सदन की कार्रवाई स्थगित हो गई. वहीं सदन की कार्रवाई दुबारा शुरू होने के बाद कुछ भाजपा विधायकों द्वारा तालिका अध्यक्ष के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया गया. जिसे गंभीरतापूर्वक लेते हुए सत्ताधारी दल द्वारा इन सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव पेश करते हुए उसे पारित किया गया. इसके तहत निलंबीत सदस्यों को अगले एक साल तक मुंबई व नागपुर विधान भवन परिसर में प्रवेश करने से मना किया गया है. इस प्रस्ताव के खिलाफ भाजपा के 12 निलंबीत विधायकों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन पर स्थगिती देने से इन्कार करते हुए कहा कि, विधानसभा के प्रस्ताव को न्यायालय द्वारा अंतरिम स्थगिती नहीं दी जा सकती है. अत: संबंधित विधायकों ने इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष के पास ही निवेदन करना चाहिए.
* इन 12 विधायकों का हुआ था निलंबन
भाजपा के जिन 12 विधायकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई थी, उनमें संजय कुटे, आशिष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भातखलकर, पराग अलवणी, हरीश पिंपले, राम सातपुते, जयकुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे व कीर्तिकुमार भांदडिया का समावेश है. ये सभी 12 विधायक राज्य विधानमंडल के शीत सत्र की कार्रवाई में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगे.