मनपा के खाते से भाजपा को 4.80 लाख का चंदा!
पार्टी फंड में नहीं, आपदा कोष में भेजी गई थी 4.80 लाख रूपये की रकम
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भाजपा पार्षदों ने अपने एक माह के वेतन से बाढग्रस्तों को भेजी थी सहायता राशि
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महापौर चेतन गावंडे ने पत्रवार्ता में साफ की स्थिति
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एडीआर की रिपोर्ट से सामने आयी थी जानकारी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 – वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान केंद्र में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी को दान व चंदे के रूप में करीब 20 हजार करोड रूपये प्राप्त हुए है. जिसमें अमरावती महानगरपालिका की ओर से पार्टी को 4 लाख 80 हजार रूपये का दान का भी समावेश है. उल्लेखनीय है कि अमरावती मनपा में भाजपा की ही सत्ता है तथा महापौर व उपमहापौर भी भाजपा के ही है. सबसे खास बात यह है कि, इस दान के बारे में खुद भाजपा द्वारा ही अपनी वेबसाईट पर जानकारी घोषित की गई है. इस जानकारी के सामने आते ही स्थानीय स्तर पर जबर्दस्त हडकंप व्याप्त हो गया है. जिसके बाद महापौर चेतन गावंडे ने तुरंत एक पत्रवार्ता आयोजीत करते हुए इस मामले में स्थिति साफ की है. जिसमें बताया गया कि पूर्व महापौर संजय नरवणे के कार्यकाल दौरान 15 अगस्त 2019 को हुई मनपा आमसभा में बाकायदा प्रस्ताव क्रमांक 32 के तहत महाराष्ट्र के बाढग्रस्तोें को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु भाजपा के 48 नगरसेवकों का एक माह का वेतन भाजपा के आपदा कोष में प्रदान करने को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई थी और भाजपा के तत्कालीन सभागृह नेता सुनील काले ने नगरसचिव को पत्र जारी करते हुए भाजपा के 48 नगरसेवकों के मासिक वेतन 10-10 हजार रूपये के हिसाब से 4 लाख 80 हजार रूपये की राशि भाजपा के आपदा कोष में भेजने हेतु कहा था.
बता देें कि, चुनाव एवं राजनीतिक सुधार के क्षेत्र में काम करनेवाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा गत रोज जारी की गई अपनी रिपोर्ट में उपरोक्त खुलासा करने के साथ ही सवाल उठाया गया है कि, क्या कानूनी रूप से किसी भी स्थानीय स्वायत्त संस्था द्वारा किसी राजनीतिक दल को दान अथवा चंदा दिया जा सकता है. उक्त रिपोर्ट व सवाल के साथ ही एडीआर का कहना रहा कि, हालांकि इस राशि के बारे में पार्टी ने दानदाता के नाम, पते, बैंक का नाम व पैन नंबर सहित अन्य कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया है. लेकिन इंटरनेट पर सर्च करने के बाद पता चला कि, अमरावती मनपा नामक यह दानदाता महाराष्ट्र की एक स्थानीय स्वायत्त निकाय है, जो कि एक सरकारी ईकाई है और इस निकाय पर खुद भारतीय जनता पार्टी का ही शासन है.
एडीआर की यह रिपोर्ट सामने आते ही विपक्ष द्वारा भाजपा पर निशाना साधा जाने लगा और महानगरपालिका के खाते से पार्टी फंड को पैसा ट्रान्सफर किये जाने पर सवाल उठाये जाने लगे. जिसके चलते वर्तमान महापौर चेतन गावंडे ने तुरंत ही अपने कक्ष में एक पत्रवार्ता बुलाते हुए स्थिति को साफ किया. उन्होेंने बताया कि 16 अगस्त 2019 की आमसभा में कांग्रेस द्वारा बाढग्रस्तों की आर्थिक सहायता हेतु मदद निधी देने के लिए मनपा सदस्यों के एक माह का वेतन स्वेच्छा देने के बारे में चर्चा करते हुए निर्णय लिये जाने का प्रस्ताव पेश किया गया था. इस प्रस्ताव की सूचक कांग्रेस पार्षद निलीमा काले थी और इस प्रस्ताव का अनुमोदन नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत तथा कांग्रेस पार्षद विलास इंगोले व शोभा शिंदे थे. इसके साथ ही भाजपा पार्षदों की ओर से प्रस्ताव क्रमांक 20 में भी महाराष्ट्र के बाढग्रस्तों को अमरावती मनपा के सभी नगरसेवकों का एक माह का मानधन आर्थिक सहायता के तौर पर प्रदान किये जाने को लेकर चर्चा करते हुए निर्णय लेने की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव के सूचक भाजपा के स्वीकृत पार्षद व पूर्व महापौर मिलींद चिमोटे थे और भाजपा पार्षद राजेश साहू, विजय वानखडे, संजय वानरे तथा रिपाइं पार्षद प्रकाश बनसोड ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया था. पश्चात इन दोनों प्रस्तावों को सर्वसम्मति से स्वीकार करते हुए मंजूरी दी गई. साथ ही भाजपा के 48 सदस्यों का अगस्त 2019 माह का मानधन भाजपा आपदा कोष में देने हेतु प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सुचित किया गया. इसके साथ ही भाजपा के तत्कालीन सभागृह नेता सुनील काले ने नगरसचिव को दिये गये पत्र में भाजपा के 48 नगरसेवकों के नामों की सूची सौंपते हुए उनके अगस्त माह का मानधन भाजपा आपदा कोष के बैंक खाते में ट्रान्सफर करने हेतु कहा था. जिसके बाद मनपा के लेखा विभाग द्वारा 4 लाख 40 हजार रूपये की राशि बैंक ऑफ बडौदा की नरिमन पॉइंट शाखा में स्थित भारतीय जनता पार्टी आपदा कोष के करंट अकाउंट में ट्रान्सफर की गई थी. अत: इसमें कुछ भी नियमबाह्य नहीं है और भाजपा पार्षदों ने अपनी स्वेच्छा से अपना एक माह का मानधन आपदा प्रभावितों की सहायता हेतु प्रदान किया था. इसे पार्टी फंड में दिया गया दान नहीं माना जाना चाहिए और इसका मनपा के सरकारी कोष से भी कोई संबंध नहीं जोडा जाना चाहिए.
इस पत्रवार्ता में जब महापौर चेतन गावंडे से पूछा गया कि, 16 अगस्त 2019 की आमसभा में कांग्रेस द्वारा भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया गया था, क्या कांग्रेस पार्षदों द्वारा भी उनकी पार्टी के आपदा कोष या अन्य किसी राहत कोष में रकम ट्रान्सफर करवाई गयी, तो महापौर चेतन गावंडे का कहना रहा कि, इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है. बल्कि कांग्रेस की ओर से सदन में नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा संभालनेवाले पार्षद ही इस बारे में कोई जानकारी दे पायेंगे. महापौर चेतन गावंडे ने इस पत्रवार्ता में जोर देकर कहा कि, भाजपा के मनपा पार्षदों ने अगस्त में हुई आमसभा के दौरान यह तय किया कि, वे अपने अगस्त माह का मानधन बाढ प्रभावितों के लिए देंगे. इसमें गलत कुछ भी नहीं था. साथ ही हमने आमसभा में प्रस्ताव पारित होते ही प्रशासन को सुचित कर दिया था कि, इस माह हमारा मानधन हमें देने की बजाय इकठ्ठे ही भाजपा आपदा कोष में दिया जाये. जिसके लिए बाकायदा नियमानुसार पत्र व्यवहार करते हुए आवश्यक कार्रवाई की गई. इसमें भी कुछ गलत नहीं है. अत: एडीआर की रिपोर्ट को लेकर जो हंगामा मच रहा है, वह पूरी तरह से बेतुका है.
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अन्य दलों की तुलना में भाजपा को तीन गुना अधिक चंदा
बता दें कि, एडीआर द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा को वर्ष 2019-20 में 20 हजार करोड से अधिक रूपयों का चंदा मिला. यह रकम कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा तथा तृणमुल कांग्रेस को मिले चंदे से तीन गुना अधिक है. इन पांचों दलों को कुल 785.77 करोड रूपये चंदे में प्राप्त हुए है. वहीं अकेले भाजपा ने इससे कई गुना अधिक रकम चंदे में प्राप्त की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक कुल चंदे में से भाजपा को 570 दानदाताओं की ओर से मिले 149.86 करोड रूपयों, तृणमुल कांग्रेस को 52 दानदाताओं से मिले 7.10 करोड रूपयों, कांग्रेस को 25 दानदाताओं से मिले 2.69 करोड रूपयों तथा राकांपा को 2 दानदाताओं से मिले 3 करोड रूपयों के दान अधूरी जानकारी के साथ प्राप्त चेक से स्वीकारे गये है. ऐसे में इन पैसों के स्त्रोत को खोजना काफी हद तक मुश्किल है.
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बिहार में तीन स्थानों पर जमीन भी दान में मिली
इस रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा को 3 लोगों ने बिहार के झांझरपुर में दान के तौर पर जमीन प्रदान की है. इन तीनों जमीनोें का कूल मुल्य 1.52 करोड रूपये बताया गया है. किंतु इन जमीनों के दानदाताओं व उनके पैन क्रमांक के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा माकपा व भाकपा द्वारा भी 39 दानदाताओं से मिले 1 करोड रूपयों के दान को लेकर कोई विस्तृत जानकारी प्रदान नहीं की जा सकी.