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भाजपा की स्मार्ट सिटी योजना ‘चुनावी जुमला’

पूर्व विधायक मोहन जोशी ने की टिप्पणी

पुणे / दि. 26-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 साल पहले यानि 25 जून 2016 को पुणे में स्मार्ट सिटी योजना घोषित की. और इसके बाद 2017 में पुणे महापालिका में भाजपा को लगातार पांच साल के लिए सत्ता मिली. बावजूद इसके इस योजना के अंतर्गत कोई भी स्मार्ट काम पुणे में नहीं हुआ. कामों की निविदा में करोडों रुपए का घोटाला किए जाने के आरोप करते हुए इस संपूर्ण योजना की कम से कम पुणे शहर की श्वेतपत्रिका घोषित करने की मांग कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक मोहन जोशी ने की है. भाजपा की स्मार्ट सिटी योजना यानि ‘चुनावी जुमला’, ऐसी टिप्पणी मोहन जोशी ने की. पुणे के स्मार्ट सिटी योजना को छह साल पूरे होने से उन्होंने उक्त बात कही. पहले ही विकसित हुए पुणे के बाणेर बालेवाडी इस परिसर का कार्यक्षेत्र के रूप में चयन किया गया. इसके लिए पुणेवासियों में सर्वेक्षण करने का महज दिखावा करने के अलावा कुछ नहीं किया. अब केंद्र सरकार ने इस योजना को बंद करने की घोषणा की है. इस योजना के कारण पुणेवासियों के करोडों रूपए सलाहकार कंपनी को हिस्से में चले गए, ऐसा मोहन जोशी ने कहा.
स्मार्ट सिटी योजना में पुणेवासियों के लिए भाजपा ने कब-कब क्या किया, कौनसी घोषणाएं की इसकी सूची कांग्रेस के पास है, ऐसा स्पष्ट करते हुए मोहन जोशी ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध हुई करोडों रुपए की निधि इस कार्यकाल में सलाहकार कंपनियों पर खर्च की गई. केंद्र ने भेजे अधिकारियों को करोडों का वेतन दिया गया. मनपा से अधिकार हटाया गया था. इसके बदले में करदाता पुणे वासियों को अधूरी योजना, अधूरे कार्य, चौक चौराहों पर खडे किए गए विज्ञापन के अशोभनीय बिजल खम्भे के अलावा क्या मिला? पुणेकरी जनता भाजपा को इस चुनाव में जवाब देगी. कांग्रेस हमेशा पुणेवासियों के साथ रहेगा, ऐसा मोहन जोशी ने कहा.

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