भाजयुमो ने फूंका राज्य सरकार का पुतला
भाजपा के 12 विधायकों के निलंबन की कार्रवाई को रद्द करने की मांग
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राजकमल चौक पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं का उग्र प्रदर्शन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – गत रोज विधानसभा में हुए हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भाजपा के 12 विधायकों को एक वर्ष के लिए निलंबीत कर दिया गया. इस घटना का निषेध करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्थानीय पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा राजकमल चौराहे पर राज्य की महाविकास आघाडी सरकार का पुतला फूंका गया. साथ ही आरोप लगाया गया कि, मराठा व ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा की ओर से उठायी जानेवाली आवाज को दबाने हेतु राज्य सरकार द्वारा दबावतंत्र का सहारा लिया जा रहा है. इसी के तहत सरकार द्वारा भाजपा के 12 विधायकों को सदन से एक वर्ष के लिए निलंबीत किया गया है. भाजपा के शहराध्यक्ष किरण पातुरकर के मार्गदर्शन व भाजयुमो के प्रदेशाध्यक्ष विक्रांत पाटील के निर्देशानुसार भाजयुमो शहराध्यक्ष प्रणित सोनी के नेतृत्व में राजकमल चौराहे पर राज्य सरकार की इस मनमानी और तानाशाही का निषेध किया गया. साथ ही महाविकास आघाडी सरकार को महावसूली आघाडी सरकार बताते हुए सरकार का प्रतिकात्मक पुतला जलाया गया. इस आंदोलन में भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष बादल कुलकर्णी, शहर उपाध्यक्ष शुभम वैष्णव, संगम गुप्ता, प्रतिक इंगले, तुषार चौधरी, सूरज जोशी, सचिव तुषार अंभोरे, रोहित काले, कर्ण धोटे, शुभ साहू, दीपेश रिछारिया, अखिलेश खडेकर, कार्तिक पेशकर, विद्यार्थी आघाडी संयोजक जयेश गायकवाड, सहसंयोजक धवल पोपट, सौरभ किटुकले, अनंत गावंडे, कुणाल सोनी, अभिषेक रहाटगांवकर भाजयुमो साईमंडल अध्यक्ष कार्तिक सामदेकर, उपाध्यक्ष प्रथमेश गोडबोले, भाजयुमो स्वामि विवेकानंद मंडल अध्यक्ष श्याम साहू व विद्यापीठ मंडल अध्यक्ष अखिलेश राजपुत सहित बडी संख्या में भाजयुमो के कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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दो प्रदर्शनकारी झुलसने से बाल-बाल बचे
राजकमल चौक पर राज्य सरकार का पुतला जलाते समय अचानक उठी आग की लपटों की चपेट में दो प्रदर्शनकारी युवक भी आ गये और झुलसने से बाल-बाल बच गये. प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक जैसे ही पेट्रोल से सने पुतले में आग लगायी गई, वैसे ही अचानक आग का भभका उठा और इस समय पुतले के बेहद पास खडे दो प्रदर्शनकारियों के शर्ट में भी आग लग गयी. जिसे मौके पर उपस्थित अन्य लोगों ने तुरंत ही समयसूचकता दिखाई हुए बुझा दिया. जिससे यहां पर संभावित अनर्थ टल गया. अन्यथा किसी बडी दुर्घटना व नुकसान की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है.