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चंद्रपुर में मिला मां-बेटे का शव

  • मौत का कारण अभी साफ नहीं

  • कोरोना वायरस या भूख?

चंद्रपुर/दि.१० – गरीब आदमी की जिंदगी में एक ऐसी घड़ी आई है आगे कुआं, पीछे खाई है. घर में रहें तो पेट कैसे भरेगा? घर से निकलें तो कोरोना दबोच लेगा. महाराष्ट्र के चंद्रपुर के एक घर में मां-बेटे का शव बरामद हुआ है. चंद्रपुर जिले के वरोरा शहर के नेहरू चौक परिसर में ये दुखद घटना हुई है. मृतक महिला का नाम द्रौपदा खोब्रागडे (85) और मृतक व्यक्ति का नाम अंकुश खोब्रागडे (55) है. ये दोनों रिश्ते में मां-बेटे थे. इन दोनों की मृत्यु 2 से 3 दिनों पहले ही होने की आशंका जताई जा रही है. बीती रात घर से दुगर्ंध आने की वजह आस-पड़ोस के लोगों ने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद इस घटना का खुलासा हुआ.
द्रौपदी के बेटे अंकुश खोब्रागडे पोलिओ से ग्रस्त थे. वो हमेशा बीमार रहा करते थे. ये दोनों अपना जीवन बेहद तंगहाली में गुजार रहे थे. इस वजह से अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इनकी मौत कोरोना की वजह से हुई है या फिर भूख से? पोस्टमार्टम के बाद दोनों की मौत का कारण पता चलेगा.
इसी बीच चंद्रपुर की ही एक और घटना सामने आई है. एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति को 48 घंटे तक मारा-मारा फिरने के बाद वेंटिलेटर वाला बेड नसीब हो पाया. जब तक वेंटिलेटर मिला तब तक उसके शरीर में ऑक्सीजन लेवल बहुत नीचे आ चुका था. भर्ती होने के बाद ही 15 मिनट में उसकी मौत हो गई. यह सच है कि कोरोना अमीर और गरीब में फर्क नहीं करता. यह किसी को भी हो सकता है. लेकिन जब कोरोना हो जाता है तो फर्क समझ आता है. इनकी जान बचाई जा सकती थी, अगर इन्हें बेड मिल जाता. अगर ये एक केबल ऑपरेटर ना होकर कोई मालदार व्यक्ति होते तो शायद इन्हें खाली बेड की तलाश में 48 घंटो तक मारा-मारा नहीं फिरना पड़ता.

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